राजीव गांधी की पेंटिंग पर राणा कपूर के खुलासे

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श्रीप्रकाश दीक्षित की विशेष रिपोर्ट

प्रियंका (गांधी) वाड्रा द्वारा स्वर्गीय राजीव गांधी की मकबूल फिदा हुसैन द्वारा बनाई गई पेंटिंग यस बैंक के बदनाम सह-संस्थापक राणा कपूर को दो करोड़ मे बेचे जाने का मामला गांधी परिवार का पीछा नहीं छोड़ रहा है.अब राणा कपूर द्वारा प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को दिया गया बयान सुर्खियों मे है की उन्हे पेंटिंग खरीदने के लिए काँग्रेस के दिग्गज नेताओं अहमद पटेल और मुरली देवड़ा द्वारा मजबूर किया गया था..? दोनों अब इस दुनिया मे नहीं हैं.पाँच सौ करोड़ की हेराफेरी मे जेल की हवा खा रहे शातिर बैंकर राणा कपूर ना तो इतने मासूम हैं और ना तब इतने बेबस थे की दबाव मे आकर दो करोड़ की पेंटिंग खरीद डालते.दरअसल यह इनवेस्टमेंट था जिसका बेहतर रिटर्न मिलने की उन्हे उम्मीद रही होगी.राणा कपूर के बाद उनकी पत्नी और बेटी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.

अलबत्ता राणा कपूर का यह बयान काबिले गौर है की उन्हे पदमभूषण से विभूषित करने का लालच भी दिया गया था. उनके मुताबिक उन्हे यह भी बताया गया था की पेंटिंग से मिली राशि सोनिया गांधी के विदेश मे इलाज पर खर्च की जानी है.?

 

जहां तक पदमविभूषण,पदमभूषण और पदमश्री आदि अलंकरणों से सम्मानित होने का सवाल है तो इनकी बंदरबाँट पर सवाल होते रहे हैं.इन अलंकरणों की लम्बी चौड़ी सूचियों पर नजर डालने से साफ होता है की सत्ता के गलियारों के असरदारों द्वारा अपनों को उपकृत करने मे रेवड़ियों की तरह इनका इस्तेमाल होता आया हैं.

बहरहाल,राणा कपूर के साथ सौदेबाजी गांधी परिवार और काँग्रेस दोनों को शर्मसार कर रही है.इससे राजनीति के क्षितिज पर प्रियंका वाड्रा की छबि धुंधली नजर आने लगी है. उनके पति राबर्ट वाड्रा के हरियाणा में औने पौने दाम सरकारी जमीन हासिल कर डीएलऍफ़ को मोटी रकम पर बेचने का मामला केजरीवाल उठा चुके हैं.अब आयकर विभाग राजस्थान मे 106 करोड़ की बेनामी भूमि से 11 साल मे हुई आय का खुलासा ना करने पर वाड्रा को कठघरे मे खड़ा कर रहा है.बेनामी संपत्ति की इस गड़बड़ी पर छपी बड़ी खबर के मुताबिक विभाग की वाड्रा की सात कंपनियों की आमदनी पर भी नजर है.