
Rat Bite: चूहा काटने से भी हो सकता है संक्रमण: 6 साल के निशित ने समझा Rabies का खतरा
– राजेश जयंत
Alirajpur: जिले के छोटे से गांव उदयगढ़ में बुध गुरु की दरमियानी रात्रि में 6 वर्षीय निशित जैन के हाथ की उंगली में एक चूहे ने काट लिया। हल्का रक्तस्राव हुआ, मगर हालात डराने वाले नहीं थे। निशित ने लोगों की बातचीत और मोबाइल के संपर्क में रहने के दौरान समझा कि जंगली जानवर के काटने से संक्रमण फैल सकता है। इसलिए सुबह उठते ही वह स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए पूरी तरह तैयार हो गया।

Rachit भाई और Rajesh मामा के साथ निशित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, जहां Dr. Devendra Thakur ने उसका चेकअप किया। उन्होंने बताया कि केवल tetanus लगाना काफी नहीं है। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग की नई गाइडलाइन के अनुसार, चूहे के काटने पर भी Rabies का टीका लगवाना जरूरी है। उन्होंने समझाया, “कोई साइड इफेक्ट नहीं है, इसलिए रेबीज का टीका जरूर लगवाएं।”

**समझदारी की मिसाल**
आमतौर पर इस उम्र के बच्चे मोबाइल में सिर्फ गेम्स में लगे रहते हैं, लेकिन इस नन्हे पेशेंट ने डिजिटल दुनिया से जानकारी हासिल कर जंगली जानवर के काटने से फैलने वाले संक्रमण को समझ लिया था। यह समझ उसे मानसिक रूप से पहले से ही इलाज के लिए तैयार रहने में मददगार साबित हुई।
डॉक्टर की सलाह पर निशित ने कहा- “हां, मैं तो इंजेक्शन लगवा लूंगा, बड़ी बीमारी से अच्छा है छोटा सा इंजेक्शन, थोड़ा सा दर्द होगा, पर चलेगा।”

उसने डॉ देवेंद्र ठाकुर की बात मानकर कमर में टिटनेस और दोनों हाथों में रेबीज वैक्सीन लगवाई। आमतौर पर बच्चे इंजेक्शन से डरते, रोते या चिल्लाते हैं, लेकिन निशित ने बिल्कुल निडर और शांत होकर टीका लगवाया। उसने स्टाफ से पूछा भी कि अगली डोज़ कब लगेगी। पैरामेडिकल स्टाफ ने उसकी हिम्मत और समझदारी की खूब तारीफ की।
**Rabies: समय रहते बचाव ही जीवनदान**
रेबीज एक जानलेवा वायरल बीमारी है, जो संक्रमित जानवर के काटने, खरोंच, नाखून या लार के संपर्क से फैलती है। यह सीधे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और बिना सही इलाज के यह मृत्यु का कारण बन सकती है।

**NRCP कार्यक्रम**
राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम (एनआरसीपी) के तहत पूरे देश में जानवरों के काटने की निगरानी मजबूत की गई है। इसका उद्देश्य रेबीज से बचाव के प्रभावी उपायों को लागू करना है।
**खतरे वाले जानवर:**
कुत्ते (सबसे आम), बिल्लियां, चमगादड़, बंदर सहित अन्य जंगली जानवर (चूहा भी शामिल)
**Rabies संकेत और लक्षण:**
– हल्का बुखार
– घाव के आसपास जलन या दर्द
– बेचैनी
– नींद में कमी
– घबराहट
– पानी से डर (हाइड्रोफोबिया)
– उल्टी
– असामान्य व्यवहार
**जानवर के काटने पर जरूरी कदम:**
1. तुरंत घाव की साफ-सफाई करें, साबुन और पानी से 15-20 मिनट तक धोएं।
2. डॉक्टर से जल्दी संपर्क करें।
3. रेबीज वैक्सीन की 5 डोज़ लगवाएं—
– पहला: जितनी जल्दी हो सके
– दूसरा: 3 दिन बाद
– तीसरा: 7 दिन बाद
– चौथा: 14 दिन बाद
– पांचवां: 28 दिन बाद
**नन्हे बालक की बड़ी सीख**
यह नन्हा बालक अपनी उम्र से बड़ी समझदारी दिखाते हुए डिजिटल जानकारी से रेबीज के खतरों को समझ गया और समय रहते इलाज के लिए सजग रहा। निशित की सजगता हमें ये सीख देती है कि किसी भी जंगली जानवर के काटने पर तुरंत सावधानी बरतें, घाव साफ करें, डॉक्टर से सलाह लें और समय पर टीका लगवाएं।





