

Ratan Tata’s Will : रतन टाटा ने अपनी वसीयत में परिवार और करीबियों को भी हिस्सा दिया, पर वसीयत में एक खास शर्त भी!
New Delhi : भारत रत्न के सम्मानित उद्योगपतियों में से एक, रतन टाटा की वसीयत का राज खुल गया। अक्टूबर 2024 में 86 वर्ष की उम्र में निधन से पहले, रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान कर दिया था। उनकी कुल संपत्ति की अनुमानित कीमत लगभग ₹3,800 करोड़ बताई जा रही है, जिसमें टाटा संस के शेयर और अन्य मूल्यवान संपत्तियां शामिल हैं। इस संपत्ति का अधिकांश हिस्सा उनके द्वारा स्थापित दो परोपकारी संस्थाओं रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट (RTET) को सौंपा गया। ये दोनों संस्थाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान जैसे क्षेत्रों में काम करती हैं, जो रतन टाटा के जीवनभर के मूल्यों को दर्शाती हैं।
रतन टाटा की वसीयत में एक खास शर्त भी शामिल है, जिसे ‘नो-कंटेस्ट क्लॉज’ कहा जा रहा है। इसके तहत, यदि कोई लाभार्थी उनकी वसीयत को चुनौती देता है, तो उसे वसीयत से मिलने वाले सभी अधिकार और लाभ खोने होंगे। यह शर्त टाटा संस के शेयरों की बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए भी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी संपत्ति उनके निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही उपयोग हो।
रतन टाटा की संपत्ति का एक हिस्सा उनके परिवार और करीबी लोगों के बीच भी बांटा गया। उनकी संपत्ति में बैंक डिपॉजिट (385 करोड़ रुपये), 11 कारें, 65 घड़ियां (चोपार्ड, पाटेक फिलिप जैसे ब्रांड), 52 पेन (कार्टियर, मॉन्ट ब्लांक जैसे ब्रांड), पेंटिंग्स और अन्य मूल्यवान वस्तुएं शामिल थीं, जिनका कुल मूल्य लगभग 800 करोड़ रुपये आंका गया। इस संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा उनकी दो सौतेली बहनों, शिरीन जेजेभोय और डीना जेजेभोय को दिया गया है। दूसरा एक तिहाई हिस्सा उनके करीबी सहयोगी और टाटा ग्रुप में लंबे समय तक काम करने वाले मोहिनी एम दत्ता को मिला है। इसके अलावा, उनके भाई जिमी टाटा को मुंबई के जुहू स्थित पारिवारिक संपत्ति का हिस्सा और कुछ आभूषण दिए गए।
टाटा संस के शेयर और अन्य संपत्तियां दान की गईं
‘नो-कंटेस्ट क्लॉज’ से वसीयत को चुनौती देने वालों के अधिकार खत्म होंगे। बैंक डिपॉजिट और व्यक्तिगत संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा सौतेली बहनों को मिला। मोहिनी दत्ता को भी एक तिहाई हिस्सा दिया गया, जो टाटा के करीबी थे। जिमी टाटा को जुहू की संपत्ति और आभूषण विरासत में मिले। रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपने दोस्त मेहली मिस्त्री को भी याद किया, जिन्हें उनकी अलीबाग की संपत्ति (6.16 करोड़ रुपये) दी गई हैं।