Ratlam is Also in Grip of Drugs : रतलाम के युवा भी ड्रग्स की चपेट में, ड्रग माफिया सक्रिय!
रमेश सोनी की खास खबर
Ratlam : बड़े शहरों की बीमारी अब मझोले शहर रतलाम में भी फैलती दिखाई दे रही है। ड्रग्स सप्लायर युवकों की जिंदगी से खेल रहे हैं। शहर के अधिकांश गली-मोहल्लों में सप्लायर ड्रग्स की पुड़िया बेच रहे हैं। ड्रग्स के इस चक्कर में युवक अपने आपको लुटाकर अपनी जिंदगी को भी मौत के मुंह में धकेल रहे हैं। नशे की इस लत की जकड़ में शहर के कई कई आ चुके हैं। वे ड्रग्स पाने के लिए कुछ भी करने में पीछे नहीं हटते। ड्रग्स के लिए ये युवक आसानी से रुपए हासिल करने के रास्ते ही ढूंढते रहते हैं। सट्टेबाजी, क्रिकेट का सट्टा, एमसीएक्स, अंको का सट्टा और यहां तक कि रतलाम में अब पतरे-पानी का भी सट्टा लगाया जाने लगा।
अपनी नशे की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊंचे ब्याज पर रुपया भी लेते हैं। राशि को समय पर अदा नहीं करने पर ब्याज खोरों की गुंडागर्दी का शिकार भी होने लगे। नशा बेचने वाले मौत के इन सौदागरों के तार प्रदेश सहित महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान के ड्रग्स सप्लायरों से जुड़े हैं। पिछले दिनों ड्रग्स और एमडीएमए जैसे जानलेवा मौत के सामान को बेचने के मामले में संभ्रांत घरों के 2 युवक पकड़ाए भी थे। इनमें से एक के तार मुंबई और गुजरात से जुड़े होना सामने आया था। ऐसे युवक पुलिस की पकड़ में आ भी जाते हैं तो उनका बिगड़ता कुछ नहीं।
कहां से आया रतलाम में नशा
शहर सहित जिले में नशीले पदार्थ स्मैक, ब्राउन शुगर का कारोबार लंबे समय से चल रहा है। कुछ वर्षों से शहर में एमडी नशे का कारोबार तेजी से बढ़ा है। पहले ड्रग्स राजस्थान से रतलाम आता था, लेकिन अब महाराष्ट्र व गुजरात से भी सप्लाई हो रही है। पुलिस ने अगस्त माह में नशे का कारोबार फैलाने के मामले में दो साड़ी व्यापारियों को भी गिरफ्तार किया था।
जो रतलाम में कोकीन पार्टी करते थे और शहर में बनाए कस्टमर बनाते थे। रतलाम जिले में ड्रग्स का व्यापार पिछले कई सालों से चल रहा है। कुछ सालों से शहर में एमडी नशे का कारोबार तेजी से बढ़ा। पहले ड्रग्स राजस्थान से रतलाम आता था, लेकिन अब महाराष्ट्र व गुजरात से भी सप्लाई हो रही है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि वह नशीले पदार्थ बेचने वालों के संपर्क में था। नशीले पदार्थों के कारोबार की चेन खंगालना शुरू की तो धीरे-धीरे कई नई जानकारियां मिलीं।
पुलिस ने दो को पकड़ा तो खुला
ब्राउन शुगर की तस्करी करते आरोपित साजिद उर्फ सज्जू पिता साबिर हुसैन निवासी हाथीखाना रोड को गिरफ्तार कर पूछताछ की। उसने जफर मेवाती पुत्र अजीज मेवाती निवासी ग्राम हसनपालिया हाल मुकाम जावरा का नाम बताया। जफर को गिरफ्तार करने पर उसने मादक पदार्थ आरोपी (39 वर्ष) दीपक नागौरी पुत्र चंद्रप्रकाश नागौरी निवासी घास बाजार व मनोज जैन (52 वर्ष) पिता पारसमल जैन निवासी नौलाई पुरा हाल मुकाम दादर वेस्ट मुंबई से उपलब्ध कराने की जानकारी दी। पुलिस ने दीपक व मनोज को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे गुजरात के एक व्यक्ति से स्मैक व ब्राउन शुगर लेते थे। इस मामले में गुजरात के व्यक्ति सहित दो आरोपितों की तलाश जारी है।
मनोज ने मुंबई से आकर नशेबाजी बढ़ाई
एसपी लोढा ने बताया था कि मनोज जैन शहर में साड़ी का व्यापार करता था। वर्ष 2012 में पत्नी का निधन होने के बाद वह मुंबई जाकर वहां एमसीएक्स का काम करने लगा। उसे अच्छी आय होने लगी। वह मुंबई में देह व्यापार के अड्डों पर जाने लगा और उसे कोकीन के नशे की लत पड़ी। रतलाम आने पर मुंबई से कोकिन लाकर यहां अमीरी दिखाने के लिए दोस्तों, परिवार के लोगों को पार्टी देता। पार्टी में कोकिन का नशा कराता था। उसके साथ रिश्तेदार दीपक भी शामिल हो गया। इस तरह मनोज ने शहर में कस्टमर बैस बनाना शुरू किया।
शहर के कई युवक ड्रग्स खरीदने के लिए एमसीएक्स, आईपीएल और जैसे सट्टे के फेरे में पड़ चुके हैं, जो अपने परिवार की जीवन भर की कमाई को सट्टेबाजी में लिप्त होकर रातों रात पूरा कर डालते हैं। ऐसे युवकों द्वारा इतना ही नहीं सब कुछ लुटाने के बाद भी बुकियों/माफियाओं द्वारा इन्हें चैन से जीने नहीं दिया जाता। यह माफिया पीड़ित पक्ष की पुश्तैनी जमीन, जायदाद को डरा धमकाकर खुद के नाम करवा लेते हैं।
सूत्र बताते हैं कि मौत के इस धंधे में लगे युवक महज 1 हजार रुपए प्रति ग्राम में नशे का पावडर लाकर, उसी पावडर को 7 हजार रुपए प्रति ग्राम और उससे भी ऊंचे दाम पर बेचते हैं। नशे की लत लगे युवाओं को बेचकर वे रोज हजारों रुपयों की कमाई करते है। ये युवक भी अपनी जेब भरकर एश-अय्याशी में मशगूल हो जाते हैं या फिर समय-समय पर चलने वाले सट्टों के खेलों में दांव लगाते हैं।
कुछ दिनों पहले शहर के माणकचौक थाने पर एक सटोरिए आरोपी को पुलिस ने पकड़ा था। बताया गया हैं कि सटोरिए युवक को क्रिकेट की आईडी देकर 10 लाख रुपए लिए थे। यह मामला मारपीट और जान से मारने की धमकी तक पहुंचा था। पुलिस के सामने मामला केवल 10 लाख के लेन-देन का आया था। जबकि, इसके पीछे करोड़ों का लेन-देन बताया गया। दोनों ही युवक सभी तरह के सट्टेबाजी के खिलाड़ी हैं। इस मामले में माणक चौक पुलिस ने दोनों युवकों को आरोपी भी बनाया।
शहर के चांदनी चौक स्थित सराफा बाजार का एक युवक जिस पर ड्रग्स सप्लाई का आरोप हैं, और वह खुद ड्रग्स का शिकार हैं ,उसके घर पर माणक चौक थाना क्षेत्र की पुलिस ने दबिश दी थी। लकिन, युवक उस दिन से पुलिस को धता बताकर भूमिगत हो गया, जो आज तक हाथ नहीं आया। ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि आखिर वह युवक पुलिस की पकड़ से दूर कैसे है? शहरवासियों का मानना है कि पुलिस के बड़े अधिकारी को समय रहते इन काले कारनामे करने वालों की नाक में नकेल कसना समय की दरकार हैं।
इस मामले में रतलाम रेंज के डीआईजी मनोज सिंह का कहना हैं कि पुलिस की कड़ी निगाहों से अपराधी बच नहीं सकते हैं। पुलिस ने ऐसे कई मामलों में कार्यवाही की हैं। हम किसी भी हालत में शहर की शांत फिजा को बिगड़ने नहीं देंगे।
क्या हैं MDMA
इसका ड्रग्स पूरा नाम है मेथिलीनडियोक्सी मेथाफेटामाइन! इसे लेने के बाद 35 से 45 मिनट में इंसान पर इसका असर नजर आने लगता है। इसे टैबलेट या कैप्सूल के रूप में लिया जाता हैं, कोई भी इंसान इसका आदी होगा या नहीं, यह निर्भर करता है कि वो इसकी कितनी मात्रा ले रहा है। लम्बे समय तक इसे लेने पर इंसान इसका आदी हो जाता हैं।