Ratlam MP: जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक और कम्पोनेन्ट यूनिट मंजूर, शीघ्र होगी शुरू

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

Ratlam MP: शहर में रक्तदाताओं की कमी नहीं है। मरीजों को खुन के एक ग्रुप की जरूरत पड़ने पर रक्तदाता और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की कतार लग जाती है,बस उन्हें पता चलना चाहिए कि इस अस्पताल में रोगी को खुन की दरकार है बस पंहुच जातें हैं अस्पताल में अपना खुन देने।

शहर में ऐसे भी रक्तदाता हैं जो रतलाम से बाहर पंहुचकर भी रक्तदान कर देते हैं,आपको बता दें कि यहां के समाजसेवियों, रक्तदाताओं में ऐसे भी रक्तदाता हैं जिन्होंने सौ बार से अधिक मर्तबा अपना रक्त मानव सेवा को समर्पित किया है।

ऐसे में जिला चिकित्सालय में रक्त से संबंधित संसाधनों के रहते हुए भी उनके शुरू नहीं होने में शासकीय मंजुरीयों के अभाव से मरीजों के परिजनों को भटकना पड़ रहा था।जिला अस्पताल में ब्लड बैंक एवं कम्पोनेन्ट युनिट तों काफी समय से अस्पताल में उपलब्ध थी जो संबंधित विभाग से स्वीकृति के चक्कर में अनुपयोगी थी,जिसके लिए शहर के जनप्रतिनिधि और अधिकारी प्रयासरत थे।काफी मशक्कत के बाद जिला चिकित्सालय में लगी इन मशीनों को स्विकृति मिली है,जिला चिकित्सालय में स्थापित युनिट अब कार्य करना प्रारंभ कर देंगी और मरीजों के परिजनों को भटकना नहीं पड़ेगा।

मामले में शहर विधायक चैतन्य काश्यप ने बताया

भारत सरकार के स्वास्थ्य संचालनालय ने रतलाम के जिला अस्पताल में ब्लड बैंक एवं कम्पोनेन्ट यूनिट की स्वीकृति दे दी है। इससे रक्त संबंधी समस्याओं का समाधान होगा और आम लोगों को रक्त से जुड़े कार्यों के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। काश्यप ने बताया कि रतलाम में ब्लड कम्पोनेन्ट यूनिट की स्वीकृति के प्रयास काफी समय से किए जा रहे थे। ब्लड कम्पोनेन्ट यूनिट से रक्त की उपयोगिता बढ़ जाती है और एक यूनिट से 3-4 लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार रेड सेल, व्हाइट सेल, प्लेटलेट व प्लाज्मा दिया जा सकता है। इस कम्पोनेन्ट यूनिट से थैलेसिमिया एवं डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार में लगने वाली रक्त संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति सुलभ होगी। बता दें कि वर्तमान में रतलाम में ब्लड कम्पोनेन्ट यूनिट केवल रक्तदान संस्था मानव सेवा समिति द्वारा संचालित ब्लड बैंक में ही उपलब्ध है। जिला अस्पताल में ब्लड बैंक के साथ कम्पोनेन्ट यूनिट शुरू होने पर एक नई सुविधा शुरू हो जाएगी।

ऐसे चली विभागीय जांच

8 अक्टूबर 2021 में सेंट्रल फूड एंड ड्रग सेफ्टी विभाग की टीम ने अस्पताल की पैथालाजी लैब में स्थित ब्लड बैंक का निरीक्षण किया था। जहां निरीक्षण में टीम ने मशीनों की संख्या, सेपरेटर मशीनें, फ्रीजर, स्टोरेज फ्रीजर की संख्या, मरीजों की स्थिति, ब्लड डोनेशन की स्थिति, मशीनों की खरीदारी के दस्तावेज, ब्लड बैंक की क्षमता, यूनिट के एक्टिव मोड, पावर जनरेटर की स्थिति, डॉक्टर, तकनीकी स्टाफ सहित शासन द्वारा तय गाइड लाइन के अनुसार निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी, इसके बाद जिला अस्पताल में सिविल सर्जन आनन्द चंदेलकर को शुक्रवार को नवीनीकरण संबंधी पत्र मिला।

मेडिकल कॉलेज में भी इन सुविधाओं के लिए प्रयास कर रहे हैं विधायक

इस संदर्भ में विधायक चेतन्य काश्यप ने बताया कि जिला अस्पताल के बाद अब मेडिकल कॉलेज में भी ब्लड बैंक एवं कम्पोनेन्ट यूनिट की सुविधा स्वीकृत करवाने के प्रयास किए जा रहे है।

क्या कहते हैं जिला आपदा प्रबंधन समिति एवं रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी

मेडिकल कॉलेज के एक समारोह में इस संदर्भ में बात चली तो विधायक चेतन्य काश्यप ने पूछा कि स्विकृति मिलने में क्या दिक्कत आ रही है तब मेरे बताए जाने पर स्वास्थ्य सचिव आकाश त्रिपाठी से विधायक चेतन्य काश्यप ने बात की और उन्होंने स्वास्थ्य सचिव से इस संदर्भ में चर्चा कर स्वीकृति देने की बात कही। इस मामले में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम भी सतत प्रयास करते रहे और आज मंजूरी मिल चुकी है तीन चार दिन में मशीन काम करना प्रारम्भ कर देगी और मरीजों के परिजनों को भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के 7-8 जिले के अलावा राजस्थान के प्रतापगढ़, गुजरात के दाहोद तक के मरीज मानव सेवा समिति से लाभान्वित हुए हैं। डेंगू की महामारी के समय आसपास के 78 जिले के रोगियों को मानव सेवा समिति के माध्यम से प्लेटलेट्स दी गई इसी प्रकार थैलेसीमिया के 78 जिले के 168 बच्चे भी मानव सेवा समिति से रेड ब्लड सेल्स लेने के लिए आ रहे हैं, जिन्हें मानव सेवा समिति से निशुल्क रक्त प्रदान किया जाता है| जिला चिकित्सालय की ब्लड बैंक कंपोनेंट यूनिट शुरू होने से आम नागरिकों को और सुविधा मिलेगी। लाइसेंस प्रक्रिया दिलवाने में मानव सेवा समिति के पदाधिकारी एवं डॉक्टर का सराहनीय सहयोग रहा। वहां के टेक्नीशियनों को भी मानव सेवा समिति द्वारा ट्रेनिंग दी गई है।