रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
Ratlam MP: शहर के रत्नेश्वर रोड़ पर मकान के सामने रहने वाले युवक की मामूली सी बात पर हत्या कर देने वाले आरोपी को प्रधान न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
युवक ने मोहल्ले में उसके घर के सामने से जा रहे बिजली के तारों को हटाने का विरोध करते हुए विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों का विरोध किया था। अभियोजन की और से पैरवी लोक अभियोजक विमल छिपानी ने की।
क्या था मामला
अभियोजन के मुताबिक जूनी कलालसेरी रत्नेश्वर रोड़ निवासी सूर्यपाल सिंह पिता राजेंद्र सिंह सोनगरा के घर के सामने से बिजली के तार जा रहे थे।इस बात को लेकर उन्होंने तारों को हटाने को लेकर विद्युत विभाग में आवेदन दिया था।
20 फरवरी 2016 को सुबह साढ़े दस बजे बिजली कंपनी के कर्मचारी और तत्कालीन क्षेत्रिय पार्षद मंगल लोढ़ा मौके पर पहुंचे थे। बिजली का खंभा हटाने के लिए कर्मचारी सूर्यपाल सिंह के घर के सामने रहने वाले अशोक जैन के मकान के पास स्थित सरकारी जमीन पर गड्ढा खोद रहे थे कि अशोक जैन ने गड्ढा खोदने से रोका।
इस पर सूर्यपाल सिंह ने कहा कि तुम्हारे मकान के सामने गड्डा नहीं खोद रहे हैं और पास वाले प्लाट के सामने सरकारी जमीन पर गड्ढा खोदा जा रहा है।इस पर अशोक जैन ने गाली-गलौज करते हुए वहां पड़ी गेती सूर्यपाल सिंह के सिर पर मार दी और गड्डा नहीं खोदने की हिदायत दी और नहीं मानने पर जान से मारने की धमकी दी। मौके पर मौजूद राजेंद्र सिंह बद्रीलाल और अन्य लोगों ने बिचबचाव कर घायल सूर्यपाल सिंह को अस्पताल पहुंचाया। जहां सूर्यपाल सिंह सोनगरा को भर्ती किया गया।
थाना स्टेशन रोड के तत्कालीन एएसआई के एस यादव ने मामले में प्रकरण दर्ज कर 21 फरवरी 2016 को आरोपी को गिरफ्तार कर हमला करने वाली गेती को जब्त करते हुए न्यायालय में पेश करते हुए पूछताछ के लिए एक दिन का रिमांड मांगा। आरोपी को रिमांड अवधि समाप्त होने पर जेल भेज दिया गया।
घटना के 11माह बाद आरोपी को 21 जनवरी 2017 को जमानत मिली।उघर हमले में घायल सूर्यपाल सिंह को स्थिति गंभीर होने पर इंदौर रेफर किया गया जहां 24 फरवरी 2016 को सूर्यपाल सिंह की मौत हो गई। मौत के बाद पुलिस ने प्रकरण में हत्या की धारा बढ़ाते हुए न्यायालय में चालान पेश किया जहां न्यायालय में हत्या का आरोप सिद्ध होने पर प्रधान न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने अभियुक्त टेंट व्यवसायी अशोक नवलखा पिता बाबूलाल जैन को आजीवन कारावास और 1हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।