Ratlam News: भाजपा पार्षद और उसके भतीजे के दौहरे हत्याकाण्ड में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास
रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
रतलाम; जिले के अतिसंवेदनशील,बहुचर्चित मामले दोहरे हत्याकांड में
न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा द्वारा अभियुक्तगण सरदार अली पिता मुमताज अली,इरफान पिता चांद खां मेवाती,निसार पिता चांद खां मेवाती,वसीम पिता अकरम खां मेवाती,आरीफ पिता मोहम्मद हुसैन खां मेवाती,अकरम पिता मो. हुसैन खां मेवाती,युनूस खां पिता भूरू खां,इरफान खां पिता भुरू खां,जुबेर पिता अजीज खान,शहजाद पिता भुरू खान मेवाती सभी ताल निवासी को धारा 302/149 भादवि में आजीवन कारावास एवं 100-100 रूपए के अर्थदंड, धारा 324/149 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100-100 रूपए अर्थदंड,धारा 148 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100 रूपए अर्थदंड,धारा 25(1-बी)(बी) आयुध अधि. में 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100 रूपए अर्थदंड से दंडित किया गया।
वहीं साजिद उर्फ राशिद उर्फ भैय्या खां पिता हनीफ खां उम्र 31 वर्ष नि.कांजीवाडा ताल को धारा 302/149 भादवि में आजीवन कारावास एवं 100-100 रूपए के अर्थदंड, धारा 324/149 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100-100 रूपए अर्थदंड,धारा 148 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100 रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
मीडिया सेल प्रभारी चौपसिंह ठाकुर ने बताया
13.अप्रेल.2012 को फरियादी मेहरबान अली,सिकंदर अली,बीजेपी पार्षद खत्तुलाला उर्फ मुबारिक तथा उसका भतीजा शाहरूख खान ताल से दो मोटरसाइकिलों से ताल फंटे पर चाय पीने गए थे।चाय पीने के बाद मृतक खत्तुलाला व मृतक शाहरूख खान एक मोटरसाइकिल पर तथा फरियादी मेहरबान एवं साक्षी सिकंदर दूसरी मोटरसाइकिल से शाम लगभग 5 से 6 बजे के बीच ताल फन्टे से ताल लोट रहे थे। खत्तुलाला की मोटरसाइकिल आगे थी व फरियादी की मोटरसाइकिल पीछे चल रही थी। जब वह लोग एस आर पेट्रोल पम्प के पास पहुंचे तभी ताल की तरफ से एक लाल रंग की टवेरा कार तथा दो मोटरसाइकिल पल्सर व स्पलेंडर से 15 आरोपीगण।
*1. युनुस खां पिता भूरू खां,*
*2. शहजाद पिता भूरू खां,*
*3. इरफान पिता भूरू खां,*
*4. भूरू खां पिता हुसैन खां,*
*5. युसुफ पिता हुसैन खां,*
*6. अकरम खां पिता हुसैन खां,*
*7. आरिफ खां पिता हुसैन खां,*
*8. वसीम पिता अकरम खां,*
*9. जुबेर पिता अजीज खां,*
*10. साजिद खां पिता हमीद खां,*
*11. निसार खां पिता चांद खां,*
*12. इरफान पिता चांद खां,*
*13. अनवर खां पिता मुमताज अली,*
*14. सरदार अली पिता मुमताज अली,*
*15. मुबारिक कालिया*
हाथ में तलवार,कट्टे व चाकू लेकर आए व सभी लोग कहने लगे आज इन सभी को जान से खत्म कर दो,सबसे पहले आरोपी युनुस खां ने मृतक मुबारिक खां उर्फ खत्तुलाला की गर्दन पर तलवार मारी,जिससे खत्तुलाला मोटरसाइकिल से नीचे गिर पड़ा। फिर आरोपी शहजाद खां ने शाहरूख खां की गर्दन पर तलवार मारी,फिर सभी आरोपीगण फरियादी व साक्षी सिकन्दर को तलवार से मारने दौड़े ,जिसका उन्होंने बचाव किया।परंतु फरियादी के हाथ, पीठ व हाथ के अंगूठे पर चोंट लगी तथा सिकन्दर के पीठ व बांए हाथ पर चोंट आई। आरोपीगण निसार खां,इरफान खां ने कट्टे से फायर किया।एक गोली खत्तुलाला को लगी तथा शेष आरोपीगण उन्हें घेरकर मारने के लिए खड़े हो गए थे। तभी सिकन्दर चिल्लाने लगा तो वहां से जा रहे साक्षी बद्रीलाल राठौर,अमरसिंह सिसौदिया, इसरार अली व मनीष वहां आ गए।इन सभी को देखकर आरोपीगण अपनी गाड़ीयों से वापस ताल तरफ भाग गए थे। फिर खत्तुलाला उर्फ मुबारिक अली व शाहरूख खान को ट्रेक्टर में डालकर ताल चिकित्सालय लेकर गए थे,जहां पर चिकित्सक द्वारा उन दोनों की मृत्यु होना बताया था।
इस तरह सभी आरोपीगणों ने एकमत होकर ताल पशुहाट के ठेके के विवाद के चलते बीजेपी पार्षद मुबारक उर्फ खत्तुलाला व उसके भतीजे शाहरूख खान की हत्या कर दी और मेहरबान अली तथा सिंकन्दसर अली के साथ मारपीट की। मामले में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सूचनाकर्ता मेहरबान अली की सूचना पर देहाती नालसी दर्ज की गई थी।तथा आरोपीगणों को गिरफ्तार कर अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र धारा 302,147,148,149 भादवि एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट न्यायालय में पेश किया गया था। तकरीबन 10 साल चले इस मामले में अभियोजन द्वारा 23 गवाहों का परीक्षण कराया गया है,तथा लगभग 79 दस्तावेज तथा 21 आर्टिकल न्यायालय में प्रमाणित कराए गए।इस प्रकरण में न्यायालय द्वारा सुनवाई पूरी कर 11 आरोपीगण को दोषसिद्ध किया गया।
मुकदमे के दौरान इनकी मौत हो गई
विचारण के दौरान 4 आरोपीगण
मुबारिक उर्फ कालिया पिता मोहम्मद हुसैन,
अनवर अली उर्फ अनवर मुर्शी पिता मुमताज,
युसुफ पिता मोहम्मद हुसैन खां,
भुरू खां उर्फ भुरू कबाडी की मृत्यु हो गई थी।
विचारण में आरोपी शहजाद, भुरू खां,इरफान खां,अकरम खां, वसीम एवं जुबेर द्वारा न्यायालय के समक्ष यह तर्क रखा गया कि ये सभी घटना के दिन शाम 05:30 बजे निम्बाहेडा जिला चित्तोडगढ़ राजस्थान में थे।उनका किसी ईशाक खां के व्यक्ति के साथ झगडा हुआ था और निम्बाहेडा पुलिस ने उन्हें 07:00-07:30 बजे लॉकअप में बंद कर दिया था।जहां वह पूरी रात लाकअप में बंद रहे।दूसरे दिन 14.अप्रेल.2012 को धारा 151 दप्रस.का प्रकरण बनाकर इन्हें निम्बाहेडा में एसडीएम.कोर्ट में पेश किया गया।जहां से उन्हें निम्बाहेडा उपजेल भेजा दिया गया।जहां वह 16.अप्रेल.2012 तक निरूद्ध रहे।
आरोपीगण के इस तर्क का अभियोजन द्वारा समुचित जबाव दिया गया।फलत: न्यायालय द्वारा आरोपीगण के ”प्ली ऑफ ऐलीबी” के बचाव को अमान्य करार दिया गया और उन्हें आजीवन कारावास से दण्डित किया गया।मामले में अभियोजन की और से उपसंचालक/जिला अभियोजन अधिकारी रतलाम द्वारा पैरवी की गई।