Ratlam News: अब होगी थैलेसीमिया सिकल सेल मुक्त प्रदेश की कल्पना साकार

थैलेसीमिया बच्चों के सेंपल जांच के लिए यूएसए और जर्मनी भेंजे जाएंगे

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*रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट*

Ratlam: थैलेसीमिया बच्चों के परिजनों को अब परेशानियां से निजात मिलेगी अब रतलाम मेडिकल कॉलेज में इसके लिए प्रयास हों रहें हैं। इंदौर मेडिकल कॉलेज एमवाय अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट में 85% सफलता मिल गई है।अब लक्ष्य यह है कि प्रदेश के बच्चों को इस गंभीर बिमारी से छुटकारा मिलें।

गिफ्ट(ग्लोबली इंटीग्रेशन फॉर थैलेसेमिया ) के संस्थापक एवं अध्यक्ष मदन चावला ने बताया कि आज लगभग 220 थैलेसीमिया से पीडित बच्चों एवं उनके परिवारजनों के सैंपल लिए गए।यह सेम्पल जांच के लिए जर्मनी भेजे जाएंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विशेषज्ञ बोन मैरो प्रत्यर्पण डॉ प्रकाश सतवानी, पद्मश्री सम्मानित डॉ लीला जोशी,माधव काकानी,डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता,डॉ राजेश शर्मा,आईएमए अध्यक्ष डॉ बी एल तापड़िया एवं सिविल सर्जन डॉ चंदेलकर,डॉ योगेश निखरा रहें।

*माधव काकानी ने कहा*

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष माधव काकानी ने देते हुए बताया कि फाउंडेशन की स्थापना धर्म, संस्कृति,सेवा एवं शिक्षा मैं मदद कर उन्नत भारत,समृद्ध भारत बनाने में सभी सदस्य का भरपूर योगदान देने का संकल्प लेकर कार्य किया जा रहा है।इसी तारतम्य में आज यह कार्यशाला रतलाम शहर में पहली बार आयोजित की जा रही है।

*मेडिकल कॉलेज डीन गुप्ता ने बताया*

रतलाम मेडिकल कॉलेज डीन डॉक्टर जितेंद्र गुप्ता ने अतिथि परिचय देते हुए बताया कि रतलाम मेडिकल कॉलेज में अनेक चिकित्सा जगत के नए नए कार्य किए जा रहे हैं रतलाम का नाम प्रदेश में अग्रणी महाविद्यालय में रहे इसी सपने को साकार करते हुए आज डॉ प्रकाश सतवानी को बोन मैरो प्रत्यर्पण कार्यशाला में टीम के साथ आमंत्रित किया है।

डॉक्टर प्रकाश सतवानी पिछले 20 वर्षों से ज्यादा बोन मैरो प्रत्यारोपण में सेवाएं दे रहे हैं। भोपाल के निवासी होने से उनके मन में मध्यप्रदेश में भी बोन मैरो प्रत्यारोपण शुरू करने की अभिलाषा लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर इंदौर एमवाय अस्पताल में विगत 4 वर्ष पूर्व यह पुनीत कार्य शुरू किया। इससे प्रदेश के थैलेसीमिया के बच्चों को प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ता साथ में खर्च भी बहुत कम होता जो कि पीड़ित परिवार के लिए वरदान साबित हो रहा है।

मुख्य वक्ता डॉ प्रकाश सतवानी ने प्रोजेक्टर के माध्यम से बोन मैरो प्रत्यर्पण के बारे में जानकारी देते हुए इसे रोकथाम के लिए भी अनेक उपाय से सदन को अवगत कराया एवं परिवार जनों से अपील की।उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चो का हीमोग्लोबिन लेवल हमेशा 10 से ऊपर रखना चाहिए जिससे कि बच्चे का विकास अच्छे से हो और थैलेसीमिया के कारण दूसरे अंगों को नुकसान नही पहुँचे।डॉ सतवानी ने परिजनों के प्रश्नों का समाधान भी किया।

हमारे लक्ष्य मध्य प्रदेश के सभी बच्चों को रक्त की इस गंभीर बीमारी से छुटकारा दिलाना है।

प्रदेश संयोजक चिकित्सा प्रकोष्ठ

*डॉ राजेश शर्मा ने बताया*

मेडिकल कॉलेज के माध्यम से थैलेसीमिया एवं सिकल सेल बच्चों के लिए रक्तदान शिविर एवं आवश्यक मदद देने का आश्वासन दिया।आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर बीएल तापड़िया ने थैलेसीमिया सिकल सेल से पीड़ित बच्चों को लगातार आवश्यक जांच में आ रही परेशानियों को दूर करते हुए जिला चिकित्सालय में इसकी व्यवस्था की गई है।इसका परिवार जन लाभ ले सकते हैं।

*संभागायुक्त संदीप यादव ने बताया*

प्रदेश को थैलेसीमिया सिकल सेल मुक्त बनाने में काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन का यह कार्य अनुकरणीय है।

*कलेक्टर ने कहा*

जिलाधीश कुमार पुरुषोत्तम ने बड़ी संख्या में आए रतलाम सहित आसपास के जिलों के बच्चों का अच्छा और सस्ता इलाज रतलाम में मेडिकल कॉलेज के माध्यम से हो उसके लिए प्रयास किए जाएंगे।

एमबी मेडिकल कॉलेज की डॉ स्मिता शर्मा ने रतलाम में बोन मैरो प्रत्यर्पण हेतु अपने कॉलेज की और से प्रकाश सतवानी और उनकी टीम निरीक्षण कर इसे रतलाम में भी शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की।

कार्यक्रम का संचालन गोविंद काकानी एवं डॉ देवेन्द्र नरगावे द्वारा किया गया।