मंत्री पीएस मेें टकराव की आशंका!

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राज्य सरकर ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को उनकी इच्छा के विरूद्ध एक महिला मंत्री के विभाग का प्रमुख सचिव बना दिया है। महिला मंत्री के बारे में आम चर्चा है कि उनकी अनेक विभाग के अधिकारियों से पटरी नहीं बैठती है। दूसरी ओर पीएस बनाए गए आईएएस भी अपनी तीखी और सपाट कार्यशैली के लिए पहचाने जाते हैं। वे इंदौर से भोपाल भी नहीं आना चाहते थे। पीएस के आदेश हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है लेकिन पूरे मंत्रालय में चर्चा है कि बहुत जल्दी ही पीएस और मंत्री का टकराव देखने मिलेगा।

*राज्यपाल का भाजपाईकरण!*

राजनीति में अब रंग का भी काफी महत्व हो गया है। भगवा को अभी तक हिंदू धर्म से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन कांग्रेस का मानना है कि भगवा दुपट्टा पहनना भाजपाई बनना है। पिछले दिनों इंदौर में आदिवासी नायक टंट्या भील की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के साथ-साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल को भी भगवा दुपट्टा पहनाया गया तो कांग्रेस ने इसे राज्यपाल के भाजपाईकरण से जोड़ दिया। कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्यपाल के भगवा दुपट्टे पर आपत्ति दर्ज करा दी है।

*ताबीज पहनना भूलीं मंत्राणी*

मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने दावा किया है कि आदिवासी नायक टंट्या भील के नाम का ताबीज पहनने से बीमारियां दूर हो जाती हैं। यह बयान दिए कुछ घंटे ही हुए थे कि ऊषा ठाकुर की खंडवा में अचानक तबीयत खराब हो गईं। उन्हें इंदौर लाकर अस्पताल में भर्ती किया गया। अब उनके समर्थक भी यही कह रहे हैं कि दीदी स्वयं टंट्या भील का ताबीज पहनना भूल गईं थीं इसलिए बीमार पड़ गईं हैं।

*झूठी और अधूरी खबरों पर लगाम*

मप्र जनसंपर्क संचालनालय ने झूठी और अधूरी खबरों पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। जनसंपर्क फैक्ट चैक नाम से एक ट्वीटर अकाउंट बनाया गया है। इस ट्वीटर पर प्रदेश के अखबारों में छपी झूठी और अधूरी खबरों पर पूरी जानकारी देने की कोशिश की जा रही है। भोपाल में अवैध खनन, प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांटों में गड़बड़ी, छतरपुर में अवैध रेत खनन, स्कूल जाने वाली बच्चियों की साइकिलों को बाजार में बेचे जाने और खाद की कमी जैसे मुद्दों पर छपी खबरों पर शासन और प्रशासन का पक्ष सार्वजनिक किया जा चुका है। खास बात यह है कि इस ट्वीटर एकाउंट पर खबर के खंडन के बजाए खबर के तथ्यों पर फोकस किया गया है।

*पत्रकारों को सच्ची श्रद्धांजलि*

कोविड की दूसरी लहर ने मप्र में लगभग 80 मीडियाकर्मियों की सामायिक मृत्यु हो गई। ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली ने इन 80 पत्रकारों के जीवन पर पुस्तक तैयार कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। *बिछड़े बारी-बारी* नाम से प्रकाशित इस पुस्तक में उन सभी पत्रकारों के नाम, फोटो और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान का उल्लेख किया गया है। देखा जाए तो यह पुस्तक कोरोना काल में अपने कर्तव्य पर डटे पत्रकारों की शहदत का दस्तावेज बन गई है।

*आखिर बाबा को कौन मारना चाहता है?*

वैराग्यनंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा पर पांच महीने में दूसरा बड़ा हमला हुआ है। कंप्यूटर बाबा की तरह मिर्ची बाबा भी शिवराज सरकार के खिलाफ और कमलनाथ के नजदीक होने का प्रदर्शन करते रहते हैं। अगस्त में ग्वालियर शहर में उन पर हमला हुआ था। उस समय वह बच गए थे। इस सप्ताह फिर से ग्वालियर-भिंड रोड पर उन पर जमकर पथराव हुआ। उनके गनमैन ने फायरिंग करके जैसे-तैसे हमलावरों को खदेड़कर बाबा को बचाया। इस हमले में पत्थर लगने से बाबा चोट भी आई है। सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर मिर्ची बाबा को कोई डरा रहा है या वाकई कोई उन्हें मारना चाहता है?

*मंत्री पीए पर 20 लाख लेनदेन का आरोप*                      प्रदेश के एक मंत्री के पीए पर 20 लाख रुपए लेनदेन का मामला मुख्यमंत्री और भाजपा संगठन तक पहुंचा है। मंत्री के पीए ने विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में आउटसोर्सिंग का काम जिस कंपनी को दिया है वह पहले से ही ब्लैक लिस्टेड है। आरोप है कि मंत्री जी के पीए ने 20 लाख लेकर यह काम विवादित कंपनी को सौंपा है। मुखबिर का कहना है कि यह कंपनी एमपीआरडीसी और रेलवे को चूना लगा चुकी है।

*और अंत में….*

मध्यप्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता नूरी खान के इस्तीफे की पेशकश के बाद अब उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। कांग्रेस में चर्चा है कि उन्हें प्रदेश महासचिव बनाकर किसी फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन का प्रभारी बनाया जा सकता है। इसके अलावा नूरी को पंचायत चुनाव को लेकर भी जिम्मेदारी दी जा सकती है। नूरी को क्या जिम्मेदारी दी जाएगी इसका निर्णय कमलनाथ के भोपाल लौटने पर होगा। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में चर्चा है कि नूरी बेशक मुस्लिम हैं लेकिन उनकी छवि साम्प्रदायिक सद्भाव की है। यही कारण है कि कांग्रेस अब नूरी खान का बेहतर उपयोग करने की तैयारी कर रही है।