अब मंत्री संघ (Sangh) शरणं गच्छामी!

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अब मंत्री संघ (Sangh) शरणं गच्छामी!

मप्र के कुछ मंत्रियों पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Sangh) की वक्र दृष्टि भारी पड़ सकती है। इसके संकेत पिछले दिनों दिल्ली में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में मिल गये हैं।

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इस बैठक में मप्र में सक्रिय संघ (Sangh) के सभी जिम्मेदार पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में दो बातें उभरकर सामने आई हैं। पहली यह कि मप्र में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना जरूरी है।

दूसरी कुछ मंत्री संघ (Sangh) को हल्के में ले रहे हैं। संघ (Sangh) के संकेतों को न समझने वाले मंत्रियों पर लगाम कसना तय है। इन मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है अथवा उनके विभाग बदले जा सकते हैं।

मुखबिर का कहना है कि दिल्ली बैठक के बाद अधिकांश मंत्री अपनी कुर्सी और विभाग बचाने “संघ (Sangh) शरणं गच्छामी” की मुद्रा में आ गये हैं।

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मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पसंदीदा आईएएस अफसर रहे हरिरंजन राव अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नजर में भी चढ़ गये हैं।

उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में एडिशनल सेकेट्ररी बनाया गया है। शिवराज के पिछले कार्यकाल में हरिरंजन राव सीएम के सबसे विश्वसनीय अधिकारी माने जाते थे। उन्हें जहां भी पदस्थ किया, उन्होंने अपनी कार्यशैली की विशिष्ट छाप छोड़ी।

मप्र में कमलनाथ सरकार आने पर वे केन्द्र में चले गये थे। हरिरंजन राव मोदी कार्यालय में पदस्थ होने वाले मप्र के दूसरे आईएएस हैं। इसके पहले शिवराज के बेहद नजदीक रहे अनुराग जैन भी पीएमओ में रह चुके हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता खोलेंगे अपने नेता की पोल!

इंदौर शहर कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने प्रदेश कांग्रेस के एक बड़े पदाधिकारी पर पैसे लेकर पद बेचने का आरोप लगाते हुए, सबूतों के साथ उनकी पोल खोलने की धमकी दी है।

मप्र कांग्रेस कार्यालय में पदस्थ नेताजी पर ताजा आरोप है कि उन्होंने अपने यहां आयोजित शादी में दस डिब्बे तेल भेजने वाले कांग्रेस के छुटभैये कार्यकर्ता को कांग्रेस प्रवक्ता बनाने का पत्र दे दिया गया है।

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इससे एक अन्य प्रवक्ता बहुत नाराज हैं। वह सोशल मीडिया पर लगभग प्रतिदिन अपने नेताजी की पोल खोलने की धमकी दे रहे हैं।

उन्होंने यहां तक लिख दिया है कि पार्टी में पैसे लेकर पद बेचने वाले कांग्रेस नेताजी का ऑडियो उनके पास है जिसे वह भोपाल में कमलनाथ को सौंपेंगे।

यदि नेताजी को पीसीसी से नहीं हटाया तो उनका ऑडियो मीडिया में जारी कर दिया जाएगा।

हल्के हुए आईपीएस

मप्र के एक भारी भरकम आईपीएस अफसर की जिद और जुनून ने उन्हें बेहद हल्का और फुर्तीला बना दिया है।

आईपीएस विवेक राज कुकरेले ने जब छतरपुर डीआईजी का चार्ज लिया तो उनका वजन 138 किलो था। बचपन से खाने पीने के शौकीन कुकरेले जब आठवीं क्लास के छात्र थे, तब भी उनका वजन 88 किलो था।

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छतरपुर का चार्ज मिलने बाद कुकरेले ने वजन घटाने का ऐसा जुनून सवार हुआ है कि उन्होंने प्रतिदिन 25 हजार कदम चलकर अपना वजन लगभग 50 किलो कम कर लिया है।

कुकरेले इस सप्ताह तब चर्चा में आए जब वे पन्ना में एक मीटिंग के लिए 21 किलोमीटर दौड़ते हुए पहुंचे। यह दौड़ उन्होंने महज ढाई घंटे में पूरी की।

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मप्र पुलिस में भोपाल के एसएसपी सचिन अतुलकर बाॅडी बिल्डर के रूप में ख्याति अर्जित कर रहे हैं तो विवेक कुकरेले ने 50 किलो वजन कम करके देश भर के आईपीएस खेमे में अपना नाम दर्ज करा दिया है।

गोपाल-गोविन्द की राजनीति

मप्र में भाजपा कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं गोपाल भार्गव और डाॅ. गोविन्द सिंह में कई समानताएं गजब की हैं।

दोनों नेताओं की एक ही राशि है। दोनों नेताओं को दक्षिण मुखी घर फलते हैं। दोनों नेताओं की उनके मतदाताओं पर जबर्दस्त पकड़ है।

दोनों नेता कभी विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं, दोनों नेताओं को उनकी पार्टी ने सहकारिता मंत्री बनाया, दोनों नेताओं को सहकारिता मंत्री बनने पर प्रोफेसर काॅलोनी का बी 4 नम्बर का बंगला ही पसंद आया।

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दोनों नेताओं के बेटे अब अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने तैयार हैं। यह भी संयोग है कि दोनों नेता अपने अपने दल की ओर से नेता प्रतिपक्ष बनाए गये।

कमलनाथ सरकार में गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष थे, तो अभी शिवराज सरकार में कांग्रेस ने यह जिम्मेदारी डॉ. गोविंद सिंह को सौंपी है।

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सिंधी संस्था पर सरकार का हंटर

मप्र में सिंधी समाज को भाजपा का वोट बैंक माना जाता है।

सिंधी संत हिरदाराम जी महाराज को मानने वाले सबसे अधिक भाजपा में ही हैं, फिर भी इस सप्ताह संत जी की प्ररेणा से चल रही सिंधी समाज की सबसे बड़ी संस्था जीव दया संस्थान पर राज्य सरकार का हंटर चल गया।

ईओडब्ल्यु ने इस संस्था के खिलाफ गंभीर आर्थिक अनियमितमताओं की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। मुखबिर का कहना है कि दोपहर तक ईओडब्ल्यु के अफसर इस शिकायत को बंद करने की तैयारी कर रहे थे।

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लेकिन शाम को न केवल एफआईआर दर्ज हुई, बल्कि मीडिया को भेजे प्रेसनोट में ईओडब्ल्यु ने संस्थान को विदेशी मदद की जांच के लिए धमकाया भी।

चर्चा है कि संत जी के कथित उत्तराधिकारी ने पिछले दिनों सरकार को आंख दिखाने की कोशिश की थी, सरकार अब उनकी आंख निकालने की तैयारी में है।

और अंत में….

मप्र भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर को “हार्डकोर हिन्दुत्व” शब्द पर आपत्ति है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।

पिछले दिनों मप्र भाजपा कोर कमेटी की एक बैठक दिल्ली में हुई, जिसमें संघ (Sangh) के प्रमुख पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

इस बैठक की मीडिया कवरेज में बताया गया कि मप्र भाजपा अगला विधानसभा चुनाव “हार्डकोर हिन्दुत्व” के एजेंडे पर लड़ेगी।

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प्रमुख अखबारों के इस कवरेज पर लोकेन्द्र पाराशर ने तीखी आपत्ति व्यक्त की है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर पाराशर ने कहा कि हिन्दु जैसे पवित्र शब्द को हार्डकोर बताकर उसकी गरिमा कम नहीं करना चाहिए इस “हिन्दू हार्डकोर” शब्द पर हमें आपत्ति है।