Rebel Leader Removed After one & Half Months : डेढ़ महीने बाद BJP ने बागी नेता को निगम अध्यक्ष पद से हटाया!  

10 जनवरी को माधोसिंह ने ऑफिस ज्वाइन किया और उन्हें कैबिनेट की सुविधाएं मिलने लगी!

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Rebel Leader Removed After one & Half Months : डेढ़ महीने बाद BJP ने बागी नेता को निगम अध्यक्ष पद से हटाया!  

Bhopal : आखिर भाजपा ने सरकार बनाने के करीब डेढ़ महीने बाद अपने एक बागी नेता माधोसिंह डाबर को मप्र वन विकास निगम के अध्यक्ष पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया। जबकि, माधोसिंह ने अलीराजपुर जिले की जोबट सीट पर बगावत करके विधानसभा चुनाव लड़ा और पार्टी के उम्मीदवार को हरवा भी दिया था। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 35 नेताओं के साथ 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। लेकिन, वन विकास निगम के अध्यक्ष पद पर वे अभी तक काबिज रहे। 10 जनवरी को तो उन्होंने बकायदा निगम का ऑफिस भी ज्वाइन कर लिया और कैबिनेट मंत्री की सुविधाएं पाने लगे। मामला सामने आने के बाद उन्हें पद से हटाने का आदेश जारी हुआ।

भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान बगावत करने वाले नेताओं को 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया, पर उनमें से दो नेता माधोसिंह डाबर और नंदराम कुशवाहा सरकार में कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा लेकर बैठे थे। बागी नेताओं से मंत्री पद का दर्जा छीनने के लिए न तो अब तक भाजपा संगठन ने दखल दिया और न सरकार ने संज्ञान लिया।

वन विकास निगम के अध्यक्ष माधोसिंह डाबर ने अलीराजपुर जिले की जोबट सीट और मप्र कुक्कुट विकास निगम के उपाध्यक्ष नंदलाल कुशवाहा ने निवाड़ी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। पार्टी ने बगावत के चलते 35 नेताओं को निष्कासित किया था, जिसमें डाबर और कुशवाहा भी शामिल थे। चुनाव में भाजपा जोबट सीट पर हारी, जबकि निवाड़ी सीट जीती।

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प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनी। अभी तक किसी निगम, मंडल, बोर्ड एवं प्राधिकरण के पदाधिकारियों को नहीं हटाया गया। इसका फायदा दोनों बागी नेताओं को भी मिला है। माधोसिंह डाबर ने बकायदा 10 जनवरी से वन विकास निगम में बैठना शुरू कर दिया है। सरकार बनते ही दोनों नेताओं को कैबिनेट एवं राज्यमंत्री की सुविधाएं भी फिर से मिलने लगी थी। माधोसिंह डाबर 17 जनवरी को निगम की बोर्ड बैठक में भी शामिल हुए थे।