Rebellion in BJP : भाजपाइयों के घोषित प्रत्याशियों के विरोध में भरा परचा

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Pachmarhi
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Bhopal : भाजपा को इतने विरोध की उम्मीद नहीं थी, जितना सड़क पर नजर आ रहा है। नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और पार्षदों के टिकट वितरण में खुला विरोध सामने आ गया। सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं, मझौले और छोटे शहरों में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष है। जो पार्षद के टिकट के वास्तविक हकदार थे, उन्हें हाशिए पर रख दिया गया।

भाजपा में संगठन के तमाम प्रयास के बाद भी शनिवार को हजारों लोगों ने टिकट न मिलने के बाद भी नगरीय निकाय में पार्षद बनने के लिए नामांकन भर दिया। विधायकों, सांसदों के दबाव के चलते नगर निगमों के वार्ड पार्षद के उम्मीदवारों की सूची कई जिलों में समय पर जारी नहीं हो सकी। इस कारण यह स्थिति बनी है। भोपाल में नामांकन दाखिले के अंतिम दिन प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया। उधर टिकट वितरण की स्थिति साफ नहीं होने और दावेदारों में असंतोष के चलते प्रदेश भर में नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों में हजारों पार्षद पद के दावेदारों ने टिकट नहीं मिलने के बाद भी नामांकन दाखिल किया है।

महापौर पद की दावेदारी पार्षदी में बदली

बीजेपी के टिकट वितरण में यह बात भी सामने आई है कि कुछ नगर निगमों में महापौर पद के लिए दावेदारी करने वाले नेताओं को पार्षद का टिकट दे दिया गया। जबलपुर नगर निगम के लिए जारी की गई पार्षद उम्मीदवारों की सूची में अनारक्षित वार्ड 35 से समर्थ तिवारी को टिकट दिया गया था। इस पर महापौर पद के लिए दावेदारी करने वाले कमलेश अग्रवाल ने नगरीय निकाय चुनाव समिति के लिए बनाई गई अपील समिति के समक्ष अपील की। इसके बाद प्रदेश अपील समिति ने समर्थ तिवारी की जगह वार्ड 35 से कमलेश अग्रवाल को कैंडिडेट घोषित कर दिया और इसकी सूचना जबलपुर नगर अध्यक्ष को भेज दी। इसी तरह सतना नगर निगम के लिए महापौर पद की दावेदारी कर रहे अनिल जायसवाल को टिकट न मिलने पर भाजपा द्वारा जारी की गई पार्षद उम्मीदवारों की सूची में टिकट दिया गया है।

भोपाल में किसकी चर्चा

राजधानी में देर रात जारी की गई आधी अधूरी सूची में भोपाल मध्य और भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा के कई वार्डों के प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए गए थे। दरअसल प्रदेश संगठन ने इनमें से कुछ वार्डों से प्रदेश मंत्री और प्रदेश प्रवक्ताओं को भी चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया था। इसी के चलते नाम रोके गए। इसके बाद शनिवार दोपहर शेष बचे वार्डों के नाम की सूची जारी की गई।

इंदौर में गैंगस्टर की पत्नी का टिकट काटा

बीजेपी द्वारा जारी सूची में वार्ड 56 से गैंगस्टर युवराज उस्ताद की पत्नी को टिकट दिया गया था। इस मामले में विरोध होने और युवराज का अपराधिक रिकार्ड सामने आने के बाद पार्टी ने युवराज की पत्नी का टिकट काट दिया है। अब यहां गजानंद गावड़े प्रत्याशी बनाये गये हैं। इसी तरह यहां वार्ड 68 में अनारक्षित सीट से आरक्षित कोटे के सूरज सिरवैया को टिकट दिए जाने के बाद भाजपाईयों ने विरोध किया है। साथ ही 5 से अनारक्षित सीट पर आरक्षित व्यक्ति को टिकट देने का मामला सोशल मीडिया में सुर्खियों में रहा। यहां वार्ड 50 से राजीव जैन को टिकट देने का विरोध हो रहा है। इसी तरह वार्ड 54 में पूर्व पार्षद मंजू राकेश गोयल के समर्थक बाहरी प्रत्याशी के विरोध में इस्तीफा देने पहुंचे हैं।

महापौर के लिए बगावत

सतना नगर निगम में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी योगेश ताम्रकार के खिलाफ पूर्व जिला उपाध्यक्ष मनसुख पटेल ने शुक्रवार को नामांकन भरा है। इसी तरह सिंगरौली नगर निगम से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशाी चंद्रप्रताप विश्वकर्मा के विरुद्ध इंद्रेश पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। इंद्रेश ने कल ही बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की है और आज नामांकन भर रहे हैं।

यहां भी विरोध

सतना जिले के मैहर नगरपालिका में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ललिता सूर्य प्रकाश चौरसिया, पूर्व जनपद अध्यक्ष सुरेश तिवारी समेत कई नेता भाजपा प्रत्याशी के विरोध में निर्दलीय परचा भरने वाले हैं। इंदौर नगर निगम में अनारक्षित सीट पर आरक्षित को टिकट दिए जाने के दो अन्य मामले वार्ड 48 और 53 में भी सामने आए हैं। वार्ड 48 से विजय लक्ष्मी अनिल गौहर को और वार्ड 53 से अर्जुन मेहरा को टिकट दिया गया है जिसका विरोध हो रहा है। यहां वार्ड 66 में कंचन गिदवानी का विरोध कर अपील समिति के समक्ष आवेदन किया गया है। भाजपाइयों ने इस्तीफे की धमकी दी है। पार्षद पद को लेकर विरोध की स्थिति प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों में हैं। जिला अध्यक्षों के मुताबिक पार्षद पद के प्रत्याशी के विरुद्ध बगावत कर पर्चा भरने वालों को समझाइश देने का काम किया जा रहा है।