‘आप’ को पहचानिये आप
आप [आम आदमी पार्टी ] के नंबर 2 नेता मनीष सिसोदिया के खिलाफ ‘ लुकआउट ‘ नोटिस जारी हो गया है | मजा आ गया | अब मनीष भाई देश से बाहर नहीं भाग सकते,जैसे कि भारत के बैंको से अरबों-खरबों हड़पकर तमाम लोग भाग चुके हैं | मनीष सिसोदिया के साथ मुमकिन है कि आपकी सहानुभूति हो लेकिन मेरी बिलकुल नहीं है | मुझे और मनीष सिसोदिया को पता है कि उन्हें ‘ बलि का बकरा ‘ बनाया गया है | किसने बनाया है ? ये भी सिसोदिया जानते हैं ,लेकिन बकरे बोलते नहीं हैं, मिमियाते हैं | मनीष भी मिमिया रहे हैं |
दरअसल आपको मनीष सिसोदिया एपिसोड समझने के लिए ‘ आप’ के पूरे इतिहास पर नजर डालनी होगी | मनीष का सच जानने के लिए आपको आप के नेताओं को पहचानना होगा | दुनिया जानती है कि आप का जन्म अन्ना आंदोलन के गर्भ से हुआ था | ‘आप ‘ जिन मुद्दों को लेकर जन्मी थी ,वे तमाम मुद्दे कालपात्र में समा गए हैं | अब न आप भ्र्ष्टाचार की बात करता है और न लोकपाल की | अब आप खुद भ्र्ष्टाचार करता है और लोकपाल को भूल चुका है |
आप को पहचानने के लिए आप इस जेबी संगठन का आंतरिक लोकतंत्र तो देखिये ! जब से आप बनी है तभी से इसके प्रधान अरविंद केजरीवाल है | ठीक वैसे ही जैसे बसपा की बहन मायावती या सपा के अखिलेश या तृणमूल कांग्रेस की ममता जी या का कांग्रेस की श्रीमती गांधी | आप भाजपा की ‘ बी ‘ टीम है | ये भी एक बार नहीं अनेक बार प्रमाणित हो चुका है | जहाँ भाजपा ‘ लूज ‘ करती दिखाई देती है वहां आप खड़ी नजर आती है | दोनों ‘ नूरा कुश्ती ‘ खेलते हैं , जनता का मनोरंजन भी करते हैं और बरगलाते भी हैं |
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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री आप के सुप्रीमो के लिए आँख की किरकिरी बने तो उनके पीछे सीबीआई लग गयी |आप के सुप्रीमो के पीछे क्यों नहीं लगी ? सरकार जो फैसला करती है वो सामूहिक फैसला होता है ,तो फिर आबकारी घोटाले में बेचारे मनीष सिसोदिया ही क्यों लपेटे जा रहे हैं ? उत्तर साफ़ है | अरविंद केजरीवाल भाई साहब ऐसा चाहते हैं | अरविंद जैसा चाहते हैं भाजपा की सरकार वैसा करती है,क्योंकि भाजपा जैसा चाहती है वैसा अरविंद भाई साहब करते हैं | अरविंद भाई साहब केजरीबाल नहीं बल्कि भाजपा की ‘ नाक का बाल ‘ हैं ,और आज से नहीं अपने जन्म से हैं |
भाजपा को गांधी पसंद नहीं तो आप को कौन से पसंद हैं | भाजपा अचानक डॉ भीमराव अम्बेडकर और भगत सिंह को पूजने लगी है तो आप ने भी इन दोनों नेताओं की पूजा शुरू कर दी है | भाजपा की दुश्मन कांग्रेस है तो आप की कौन सी दोस्त है ?
आप विपक्ष में है किन्तु भाजपा के खिलाफ नहीं है | विपक्षी एकता की हर कोशिश से आप हमेशा दूर रहती है ,क्योंकि भाजपा ऐसा चाहती है | यानि दोनों दलों में ऐसे तमाम समानताएं हैं जो गौर से देखने पर ही नजर आती हैं | दोनों दल सहोदर राजनीतिक दल हैं |दोनों भ्र्ष्टाचार में आकंठ डूबकर भी ईमानदारी का नाटक करने में सिद्धहस्त हैं |
बीते एक दशक में अरविंद केजरीवाल ने अपने आपको अपनी आम आदमी पार्टी का शी पिंग या पुतिन बना दिया है | जो उनके खिलाफ गया उसे या तो बर्फ में लगा दिया गया ,या फिर भाजपा की ईडी और सीबीआई के हवाले कर दिया गया | आप सरकार का स्वास्थ्य मंत्री संजय जैन जेल में है ,केजरीवाल को फ़िक्र नहीं | वे जैन के जेल में जाने के बाद और बेफिक्र हो गए हैं | अब मनीष सिसोदिया को जेल भेजने की तैयारी है ,ताकि बेफिक्री और बढ़ सके | जो प्रतिद्वंदी हो,जो लम्बी लकीर खींच सकता हो उसे रस्ते से हटाने में अरविंद केजरीवाल का कोई जबाब नहीं | भाई ने ये कला कहाँ से सीखी ,आप कयास लगते रहिये !
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भाजपा जिस तरह गाँधी ,भगतसिंह आदि के खिलाफ मुंह चलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती वैसे ही आप भी नहीं करती | भगतसिंह को आप के मान ने क्या नहीं कहा,लेकिन मान के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं ,आखिर क्यों ? क्यों दोनों का चरित्र एक जैसा फांसीवादी है | भाजपा के मोदी-शाह को विपक्ष पसंद नहीं तो आप को भी विपक्ष से एलर्जी है | भाजपा को विरोधी मीडिया पसंद नहीं तो आप को कौन सा पसंद है ? मीडिया को गोदी में बैठाने पर भाजपा जितना खर्च करती है,आप उससे कहीं ज्यादा खर्च करती है |
आप गौर कीजिये तो बीते आठ साल में देश में आप जैसे तमाम विपक्षी दलों की और से भाजपा को लगातार चुनौतियाँ देने की कोशश की गयी किन्तु आप ने कभी ऐसी गंभीर कोशिश नहीं की | जहाँ भाजपा अलोकप्रिय हुयी ,वहां आप को सत्ता तक पहुंचा दिया गया | ये पुण्य जनता का नहीं बल्कि भाजपा का है | भाजपा अब गुजरात को लेकर चिंतित है क्योंकि अब भाजपा विरोधी अभियान का केंद्र गुजरात ही बनता दिखाई दे रहा है |,इसलिए भाजपा ने गुजरात में आप को पहले से सक्रिय कर दिया है | यही काम एक जमाने में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल ने किया था भाजपा से अलग पार्टी बनाकर | अब यही काम आप से लिया जा रहा है .ताकि भाजपा विरोधी वोट कांग्रेस या अन्य किसी विपक्षी दल की झोली में न जाये,आप की झोली भले ही इन भाजपा विरोधी वोटों से भर जाए |
कहने वाले तो इससे आगे भी बात भी कहते हैं लेकिन मै इन कही -सुनी बातों पर भरोसा नहीं करता | अफवाहें तो ये भी हैं कि केजरीवाल के दोस्त फोर्ड फाउंडेशन में भी हैं और सीआईए में भी | किन्तु मै ऐसा नहीं मानता |अरविंद केजरीवाल भले ही दूध के धुले न हों लेकिन वे एकदम काले भी नहीं हैं | वे भाजपा की ‘ बी ‘ टीम हैं तो हैं | वे भाजपा के संकटमोचक हैं, तो हैं | वे मोदी विरोधी आंदोलन से अलग रहते हैं, तो रहते हैं | इसमें हैरानी की कोई बात ही नहीं है | घुटना पेट की तरफ ही मुड़ता है ,पीठ की तरफ नहीं |
आप ज़रा गौर कीजिये तो आपको पूरा परिदृश्य समझ में आ जाएगा | देश में जिन प्रदेशों में भाजपा की हवा खराब हैं वहां आप को इरादतन खड़ा करने की कोशिश की जा रही है | यहां तक कि मध्यप्रदेश,राजस्थान और गुजरात में भी | क्योंकि यहां भाजपा विरोधी वोट बंटने की प्रबल आशंका है | भाजपा और आप की साझा रणनीति है कि ये वोट बंटे नहीं और बंटे भी तो भाजपा से निकलकर आप की थैली में चले जाएँ ,ताकि देश में गैर कांग्रेसवाद का अभियान असफल न हो | इस अभियान में आज मनीष सिसोदिया कि बलि ली जा रही है,कल को मुमकिन है कि संजय सिंह बलि का बकरा बनाये जाएँ ,जनता तो बकरा है ही |कुमार विश्वास तो नसीब से बच निकले ,वरना वे भी सींखचों के पीछे नजर आते |