Reconciliation Permanent : अशोक गहलोत ने कहा ‘सचिन पायलट से सुलह परमानेंट!’

आलाकमान ने समझा दिया 'यह सवाल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारत का!'

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Reconciliation Permanent : अशोक गहलोत ने कहा ‘सचिन पायलट से सुलह परमानेंट!’

Jaipur : राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सुलह की कोशिशें लगातार की जा रही है। इस बीच सचिन के कांग्रेस छोड़ने और नई पार्टी बनाने की भी ख़बरें हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट से सुलह की कोशिशों के बीच दिल्ली बैठक को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने मीडिया से कहा कि सचिन पायलट से सुलह परमानेंट है!

अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने दोनों के साथ बैठकर चर्चा की। आलाकमान ने प्यार-मोहब्बत से नेताओं को समझा दिया कि यह सवाल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारत का है। आज देश को कांग्रेस की जरूरत है।

मानेसर केस में अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने सबको माफ कर दिया। यह बात उन्होंने जैसलमेर होटल से निकलते ही कह दी थी कि भूल जाओ, आगे बढ़ो! अशोक गहलोत ने कहा कि वह सचिन पायलट को ढाई साल की उम्र से जानते हैं। यह बात उन्हें खुद पायलट ने दिल्ली में हुई सुलह बैठक के दौरान बताई।

आरपीएससी कमेटी को भंग नहीं किया जा सकता

आरपीएससी पेपर लीक मामले में सचिन पायलट ने आयोग की पूरी कमेटी भंग करने की मांग की थी। इसे लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि वह हमारी पार्टी के सदस्य हैं, इसलिए उनकी बात का वजन है। पायलट की मांग के बाद पता किया गया था। लेकिन, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। आरपीएससी कमेटी को भंग नहीं किया जा सकता, यह संवैधानिक मामला है।

उस बैठक पर गहलोत ने दुख जताया

अशोक गहलोत ने 25 सितंबर को समानांतर बैठक के मामले में कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की और से दिया गया प्रस्ताव पारित नहीं होना, मेरे लिए कल्पना से बाहर की बात थी। मैंने तब तनोट माता मंदिर में दर्शन के बाद मीडिया से कहा था कि दो लाइन का प्रस्ताव पास होना है। हम सारा फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ते हैं। जब हम जयपुर पहुंचे तो मालूम पड़ा कि धारीवाल जी के घर विधायक इकट्ठा हुए हैं। परसेप्शन बना कि मैं यह क्यों करवा रहा हूं। जबकि हमें मालूम भी नहीं था। मैं कहना चाहता हूं कि राजस्थान की कांग्रेस हमेशा हाईकमान के साथ रही है। मैं उस परिवार के लिए कुछ भी कर सकता हूं। कैसी भी स्थिति आ जाए, इस परिवार के लिए तो मैं कुछ भी करने को तैयार हूं।