Recovery from Schools : जबलपुर के 11 निजी स्कूलों से 30 दिन में 81 करोड़ की वसूली होगी, 51 पर FIR 

स्कूलों की ज्यादती के खिलाफ यूनिफॉर्म, जूते, स्कूल बैग मेला 27 से 31 जुलाई तक! 

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Recovery from Schools : जबलपुर के 11 निजी स्कूलों से 30 दिन में 81 करोड़ की वसूली होगी, 51 पर FIR 

Jabalpur : कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शहर के 11 बड़े निजी स्कूलों के संचालकों, प्राचार्यों और पुस्तक विक्रेता, प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई की। 51 लोगों के खिलाफ धारा 420 409 468 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने 20 लोगों को घर, ऑफिस, बाजार और हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया। बाकी 31 की तलाश में छापेमारी की गई। स्कूलों की ज्यादतियों से पालकों को बचाने के लिए कलेक्टर ने यूनिफॉर्म, जूते, स्कूल बैग आदि का मेला लगाने के भी निर्देश दिए। ये मेला 27 से 31 जुलाई तक गारमेंट क्लस्टर में लगाया जाएगा।

जिला प्रशासन ने लगभग 55 दिनों की जांच में आय-व्यय से लेकर पुस्तकों की खरीदारी, पुस्तक विक्रेताओं के साथ सांठगांठ, पब्लिशर्स की भूमिका जैसे पहलुओं की जांच की। इससे पता चला कि 11 विद्यालयों ने 21 हजार विद्यार्थियों से लगभग एक साल में 81 करोड़ 30 लाख रुपए अतिरिक्त फीस वसूली गई। ज्यादा कमाई के लिए 80% फर्जी किताबों को भी कोर्स में जोड़ा गया।

कमीशनखोरी में अनावश्यक पुस्तकों के अतिरिक्त भार, फर्जी और डुप्लीकेट पुस्तकें आदि से 7 लाख स्टूडेंट्स से 240 करोड़ रुपए की अवैधानिक शुल्क वसूलने पर यह कार्रवाई की गई। कलेक्टर ने 11 विद्यालयों को 30 दिन के अंदर अभिभावकों को अतिरिक्त फीस बढ़ी हुई राशि के साथ लौटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इन पर 22 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया।

30 दिन में वसूली अवैध फीस लौटाएं

प्रशासन ने इन सभी स्कूलों से कहा कि वे 30 दिन में अपने स्कूल के आय-व्यय का स्वयं ऑडिट करें और जो भी अतिरिक्त शुल्क बढ़ाया है, उसे 30 दिन के अंदर अभिभावकों को वापस लौटाएं। इसके बाद  अगर किसी अभिभावक की शिकायत आती है या फिर प्रशासन खुद ही स्कूलों में औचक जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि जिले के 1037 प्राइवेट स्कूलों में लगभग 2 लाख 52 हजार बच्चे पढ़ते हैं। इन विद्यालयों में अधिकांश ने शुल्क वृद्धि के नियमों का पालन नहीं किया, जबकि उन्हें 10% तक फीस वृद्धि की स्वीकृति है। इसके बाद 10 से 15% वृद्धि के लिए प्रशासन की समिति और 15% से अधिक वृद्धि के लिए राज्य सरकार की समिति से स्वीकृति लेना है, जो नहीं ली गई। स्कूलों को समय पर फीस लौटानी होगी। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन उनकी संपत्ति कुर्क भी कर सकता है।

निजी स्कूलों  खिलाफ अभिभावकों की शिकायतें मिली। फीस, पुस्तक, ड्रेस और स्टेशनरी के मुनाफाखोरी की जांच की। इस दौरान लगभग अभिभावकों की लगभग 250 शिकायतें मिलीं। यह शिकायत लगभग 75 स्कूलों के खिलाफ थीं, जिसकी जांच की। शहर के 11 बड़े स्कूलों की जांच का पहला चरण पूरा किया है। निजी स्कूलों में हर साल किताब बदलने के खेल में पुस्तक विक्रेता से लेकर प्रकाशक तक शामिल हैं। जांच की तो पता चला कि स्कूल में हर साल नई किताब लगाई जाती है, ताकि अभिभावकों से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकें।

ऐसे वसूली अवैध फीस 

जिला प्रशासन की तरफ से आठ एसडीएम, 12 तहसीलदार, 25 शिक्षा अधिकारी, 60 कर्मचारी जांच में शामिल थे। जांच के दौरान टीम ने स्कूलों में अचानक छापे मारे, जिसमें कई दस्तावेज जब्त किए गए, जिन्हें स्कूलों ने छिपाकर रखा था।

– किताबें बदलकर 3 करोड़ 47 लाख और स्टेशनरी से 65 लाख रुपए अतिरिक्त कमाए।

– जानकारी देने से बचने के लिए स्कूलों ने पोर्टल पर ऑडिट रिपोर्ट अपलोड नहीं की।

– जिन स्कूलों ने ऑडिट रिपोर्ट बनाई, उन्होंने इसमें भी कई हेरफेर किए।

– स्कूलों ने 15% से ज्यादा फीस बढ़ाई, लेकिन किसी को जानकारी नहीं दी।

– स्कूल बैग का वजन दो से तीन गुना तक बढ़ा दिया, ताकि कमाई हो सके।

50 से ज्यादा स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट 

जांच टीम ने 50 से ज्यादा स्कूलों में जाकर उनकी ऑडिट रिपोर्ट तैयार की और फिर प्रबंधक और शिक्षकों से पूछताछ की। मामले में कलेक्टर ने दो खुली सुनवाई की, जिसमें स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को आमने-सामने बैठाकर बात की गई। जांच के बाद 51 लोगों पर केस दर्ज किया गया है, इसमें सोमवार को 20 लोगों को सुबह गिरफ्तार किया। नामजद लोगों में 30 स्कूलों के प्रबंधक, पांच पुस्तक विक्रेता, 16 पुस्तक प्रकाशक शामिल हैं।

इन स्कूलों ने की अवैध कमाई

क्राइस्ट चर्च स्कूल सालीवाडा (2 करोड़ 67 लाख रुपए), लिटिल वर्ल्ड स्कूल (18 करोड़ 39 लाख), स्टेम फील्ड (4 करोड़ 62 लाख), ज्ञान गंगा ऑर्किड (4 करोड़ 56 लाख), चैतन्य टेक्नो (4 करोड़ 62 लाख), क्राइस्ट चर्च आइएससी (6 करोड़ 17 लाख), सेंट अलॉयसियस पोलीपाथर (9 करोड़ 74 लाख), सेंट अलॉयसियस स्कूल सदर (11 करोड़ 40 लाख), क्राइस्ट चर्च डायसिसन (2 करोड़ 87 लाख), सेंट अलॉयसियस स्कूल रिमझा (9 करोड़ 36 लाख), क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल (6 करोड़ 90 लाख रुपए)

तीन दिन का स्कूल यूनिफॉर्म मेला

– जबलपुर में स्कूल यूनिफॉर्म मेला (यूनिफॉर्म, जूते, स्कूल बैग आदि) दिनांक 27 जुलाई से 31 जुलाई 2024 तक गारमेंट क्लस्टर में लगाया जाएगा।

– पारदर्शिता के उद्देश्य से, स्कूल यूनिफ़ॉर्म व्यवसाय में संलग्न व्यापारियों के लिए सभी स्कूलों की यूनिफॉर्म, जूते, स्कूल बैग आदि  के सैम्पल का प्रदर्शन दिनांक 15-16 जुलाई को गारमेंट क्लस्टर स्थित हाल में किया जाएगा। यूनिफॉर्म की संभावित आवश्यकता भी प्रदर्शित की जाएगी।

– सभी स्कूल प्रबंधन से अपेक्षित कि वह स्कूल यूनिफॉर्म का सैंपल तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर को उपलब्ध कराएं। सैम्पल के साथ कक्षावार यूनिफॉर्म की अनुमानित आवश्यकता की जानकारी भी अपेक्षित है।

– स्कूल प्रबंधन से अनुरोध है कि यदि किसी छात्र-छात्रा के पास यूनिफॉर्म नहीं है तो मेला लगने की अवधि तक उसे स्कूल में यूनिफॉर्म में आने के लिये बाध्य नहीं किया जाए। क्योंकि, प्रबंधन द्वारा बाध्य किए जाने की स्थिति में पालक मनमाने दामों पर यूनिफॉर्म खरीदने के लिये विवश होंगे। अतः इस बिंदू पर व्यापक जनहित में सहयोग की अपेक्षा है।