Recruitment Scam : जांच के बाद संयुक्त संचालक की सेवाएं समाप्त की गई!  

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Recruitment Scam : जांच के बाद संयुक्त संचालक की सेवाएं समाप्त की गई!  

Shahdol : पंचायत कर्मियों के नियम विरुद्ध संविलियन कर बड़ा भर्ती घोटाला हुआ था। अधिकारियों ने गठजोड़ करके 53 कर्मचारियों का नियम विरुद्ध संविलियन में बेटे और नजदीकी लोगों को शामिल किया गया। जिसमें अधिकारियों के सगे संबंधी भी शामिल थे। मामला उजागर हुआ तो अधिकारियों ने अपनी रसूख और पहुंच के दम पर मामले को रफा-दफा कर दिया। इस मामले की जांच रिपोर्ट के बाद मकबूल खान संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल की सेवाएं समाप्त कर दी गई।

नवगठित निकाय में हुए भर्ती घोटाले की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए संचालनालय नगरीय प्रशासन एंव विकास विभाग द्वारा मामले की जांच कराई गई। जिसमें संयुक्त संचालक (JD) सहित पांच अधिकारी और तीन अन्य की संलिप्तता उजागर हुई है। जिस पर कार्रवाई करते हुए आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा पांचों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही तीन अन्य के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की है। साथ ही भर्ती दिनांक से अब तक संविलियन हुए कर्मचारियों को भुगतान किए गए वेतन 65 लाख रुपए के लिए भी संबंधित अधिकारियों को दोषी माना है।

ग्राम पंचायत बकहों की सम्पत्यिों एवं दायित्वों के हस्तांतरण तथा मूल कर्मचारियों का संविलियन नगर परिषद बकहो में किए जाने समिति का गठन किया गया था। समिति में शामिल पदाधिकारी और सदस्यों द्वारा नगर परिषद बकहो के गठन पर ग्राम पंचायत बकहो में संविदा/मानदेय पर कार्यरत 14 कर्मचारियों के साथ-साथ उन 39 कर्मचारियों जिनकी नियुक्ति मानदेय पर नगर परिषद बकहो के गठन की अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद की गई थी जो कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के निवासी भी नही थे की सूची भी प्रपत्र में तैयार कर संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल को सौंपी थी।

कर्मचारियों के संविलियन के लिए चयन समिति की बैठक आयोजित किए जाने की अनुशंसा की गई थी। जिसके बाद चयन समिति में लिए निर्णय के बाद 1 संविदा कर्मी एवं 52 मानदेय कर्मियों का संविलियन परिषद बकहो के नियमित पदों किया था। अधिकारियों ने रखूस के चलते रिश्तेदार और रुपयों का लेनदेन कर भर्तियां कर ली थी। जांच के निर्देश भी हुए थे लेकिन राजनीतिक रसूख और बड़े अधिकारियों की संलिप्तता में मामला दबा दिया गया था।

जेडी ने बेटे का संविलियन

जिनके हाथों में पूरी भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी उन्होने अवसर में बदलने में कोई कोर कसर नहीं छोंड़ी और अपने बेट व नजदीकी रिश्तेदारों को अवसर का पूरा लाभ दिया। नगर परिषद बकहो में कर्मचारियों के संविलियन को लेकर गठित चयन समिति के अध्यक्ष रहे मकबूल खान जेडी नगरीय प्रशासन ने अन्य अपात्र मानदेय कर्मियों के साथ अपने पुत्र आदिल खान का भी संविलियन किया गया। इसी प्रकार तत्कालीन सचिव समय लाल के बेटे भंवर सिंह का सम्मिलित होना पाया गया। सहायक यंत्री राकेश तिवारी द्वारा जिस समिति के सदस्य की हैसियत से काम किया जा रहा था उसमें बेटे रोहित तिवारी व प्रवीण तिवारी भी सम्मिलित थे। स्थाई कर्मी सुरेश चन्द्र शुक्ला के पुत्र अखिलेश शुक्ला भी शामिल होने की बात कही गई है।

अधिकारियों की सांठगांठ सामने आई

नगर परिषद बकहो में हुए इतने बड़े घोटाले में संचालनालय द्वारा गठित समिति के सदस्यों द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल सहित आठ की संलिप्तता उजागर हुई है। जिसमें मकबूल खान संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल, रविकरण त्रिपाठी मुख्य नगर पालिका अधिकारी धनपुरी, जयदीप दीपांकर सीएमओ नगर परिषद बकहो, अजीत रावत उपयंत्री संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल, फूलमती तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत बकहो, समय लाल सिंह तत्कालीन सचिव ग्राम पंचायत बकहो, राकेश तिवारी सहायक यंत्री सहायक यंत्री कार्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास यांत्रिकी प्रकोष्ठ शहडोल सहित सुरेश चन्द्र शुक्ला (स्थाई कर्मी नगर पालिका परिषद पाली) कार्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शामिल हैं। जिनमें से जेडी, सीएमओ धनपुरी व बकहो, उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निलंबित कर दिया गया है। वहीं तत्कालीन सरपंच व सचिव के साथ स्थाई कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।