Redevelopment of Railway Stations : प्रधानमंत्री कल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे!
मध्यप्रदेश के देवास और चंदेरिया समेत 34 स्टेशनों की सूरत बदलेगी
New Delhi : भारतीय रेलों के आधुनिकीकरण की दिशा में और भारत सरकार न्यू इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। देशभर में रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय प्रतिष्ठानों के रूप में विकसित करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस क्रम में तीन स्टेशनों पर काम पूरा हो गया। इनमें गुजरात का गांधीनगर कैपिटल स्टेशन, मध्य प्रदेश का रानी कमलापति स्टेशन और कर्नाटक के बेंगलुरु का सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल स्टेशन शामिल है। ये स्टेशन आधुनिक भारत की भव्य तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। महत्वाकांक्षी अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अपग्रेडेशन और परिवर्तन के लिए पश्चिम रेलवे के 120 स्टेशनों की पहचान की गई है, जिनमें से 87 स्टेशन गुजरात, 16 स्टेशन महाराष्ट्र, 15 स्टेशन मध्य प्रदेश और 2 स्टेशन राजस्थान राज्य में हैं।
इन स्टेशनों पर यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं। यात्रियों की सुचारू आवाजाही के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर के अलावा आधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉनकोर्स, वेटिंग रूम और रिटेल क्षेत्र विकसित किए गए हैं। साथ ही यात्रियों के आगमन एवं प्रस्थान तथा वाहन पार्किंग की समुचित व्यवस्था की गई है। सरकार द्वारा शुरू की गई ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत देशभर के 1309 रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया जा रहा है। इनमें से 120 स्टेशन पश्चिम रेलवे के अधिकार क्षेत्र में हैं।
शहर के दोनों तरफ के क्षेत्रों के उचित एकीकरण के साथ इन स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। भारतीय विविधता की भव्यता को प्रदर्शित करते हुए ये पुनर्विकसित स्टेशन नई अत्याधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं के साथ-साथ मौजूदा सुविधाओं के अपग्रेडेशन और प्रतिस्थापन से सुसज्जित होंगे। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अवांछित ढांचों को हटाकर रेलवे स्टेशनों तक सुगम पहुंच, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, बेहतर परिसंचरण क्षेत्र, उन्नत पार्किंग स्थान, दिव्यांगजन अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर, हरित ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण अनुकूल भवन आदि सुविधाएं प्रदान करना शामिल हैं।
मध्यप्रदेश के देवास और चंदेरिया स्टेशन भी बदलेगा
‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के चंदेरिया स्टेशन का लगभग 21 करोड़ एवं एवं देवास स्टेशन का 29 करोड़ के लागत की आधारशिला रखी जाएगी। इसमें 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज का प्रावधान भी शामिल है। कार्य के अंतर्गत अग्रभाग में सुधार, स्टेशन प्रवेश द्वार, एप्रोच रोड, सर्कुलेटिंग क्षेत्र, पार्किंग क्षेत्र का सौंदर्यीकरण आदि शामिल है। इसमें यात्री सुविधाओं में सुधार भी शामिल है जैसे प्लेटफ़ॉर्म एवं स्टेशन परिसरों में बेहतर प्रकाश व्यवस्था तथा दिव्यांगजन सुविधाओं के अपग्रेडेशन सहित प्लेटफ़ॉर्म सरफेसिंग, प्लेटफ़ॉर्म कवर शेड और बुकिंग कार्यालय, साइनेज, बेहतर शौचालय ब्लॉक, प्रतीक्षा कक्ष, पीने योग्य पेयजल सुविधाएं, बैठने की व्यवस्था आदि।
508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अगस्त को 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत भारतीय रेलवे के 500 से अधिक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। ये 508 रेलवे स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश और राजस्थान प्रत्येक राज्य में 55 स्टेशन, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22 स्टेशन, गुजरात और तेलंगाना प्रत्येक राज्य में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु प्रत्येक राज्य में 18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशन और शेष स्टेशन अन्य राज्यों में हैं।
इन स्टेशनों को 24,470 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से पुनर्विकसित किया जाएगा। 508 रेलवे स्टेशनों में से 23 स्टेशन पश्चिम रेलवे के अधिकार क्षेत्र में हैं, जिनमें अहमदाबाद मंडल के 9, वडोदरा मंडल के 6, भावनगर के 3 तथा राजकोट एवं रतलाम मंडल के दो-दो स्टेशन हैं। जबकि, मुंबई सेंट्रल मंडल का एक स्टेशन शामिल है।
इन स्टेशनों की सूची
मुंबई सेंट्रल मंडल: संजान
वडोदरा मंडल: भरूच, मियागाम करजन, विश्वामित्री, डभोई, डेरोल और प्रताप नगर
अहमदाबाद मंडल: वीरमगाम, असारवा, पालनपुर, कलोल जं., न्यू भुज, भचाऊ, पाटन, हिम्मतनगर और ध्रांगध्रा
भावनगर मंडल: सावरकुंडला, बोटाद जं. एवं केशोद
राजकोट मंडल: सुरेंद्रनगर और भक्ति नगर
रतलाम मंडल: देवास एवं चंदेरिया
स्टेशन के मानक तत्व
स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करना।
शहर के दोनों तरफ के एरिया को इंटिग्रेट करना।
स्टेशन भवनों का पुनर्विकास।
अच्छी तरह से डिजाइन की गई आधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं का प्रावधान।
अच्छी तरह से डिजाइन किया गया ट्रैफ़िक सर्कुलेशन और इंटर-मॉडल एकीकरण।
यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए समान और अच्छी तरह से डिजाइन किए गए साइनेज।
मास्टर प्लान में उपयुक्त संपत्ति विकास का प्रावधान।
लैंडस्केपिंग, स्थानीय कला और संस्कृति।
‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के लाभ
स्टेशनों के समग्र विकास दृष्टिकोण की कल्पना।
रेलवे स्टेशनों को आसपास के शहरों के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से एकीकृत करने का प्रयास।
समग्र यात्री अनुभव को बढ़ाना।
मल्टी-मोडल एकीकरण की सुविधा प्रदान करना।
इसका उद्देश्य यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी और यात्रा को आसान बनाना है।
दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनुकूल सुविधाएं, सभी के लिए समावेशिता और पहुंच सुनिश्चित करना।
स्टेशन भवन में पर्यावरण अनुकूल विशेषताएं होंगी।