Registries Will be Online : 2015 के बाद की सभी रजिस्ट्री ऑनलाइन हो रही!

उससे पहले की रजिस्ट्रियां बाद में ऑनलाइन की जाएगी!

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Registries Will be Online : 2015 के बाद की सभी
रजिस्ट्री ऑनलाइन हो रही!

Indore : जिले की संपत्तियों का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके बाद सर्चिंग के लिए आवेदन की जरूरत नहीं होगी। कहीं भी कंप्यूटर पर संपत्ति की जानकारी सर्च की जा सकेगी। पंजीयन विभाग 2015 के बाद की संपत्तियों का पंजीयन ऑनलाइन कर रहा है। लेकिन, उससे पहले का रिकॉर्ड मैनुअल है। पंजीयन विभाग अब पुरानी मैनुअल रजिस्टर को भी धीरे-धीरे ऑनलाइन करेगा।

प्रॉपर्टी का कारोबार शहर में बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इससे शासन की आय भी अधिक है। पिछले 3 साल से प्रतिवर्ष शासन को अकेले इंदौर से प्रदेश का 25% से अधिक राजस्व मिलता है। इस कारण रजिस्ट्री की संख्या भी बढ़ रही है। वहीं संपत्तियों के पंजीयन के लिए सर्च का कार्य भी बढ़ रहा है। 2015 के बाद की रजिस्ट्री आसानी से मिल जाती है, उससे पहले की सर्चिंग के लिए वकीलों द्वारा आवेदन किया जाता है। मैनुअल रिकॉर्ड सर्चिंग करने के बाद संपत्ति की जानकारी निकाली जाती है।

पंजीयन विभाग अब पुरानी रजिस्ट्री को भी संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन करेगा। सभी रजिस्ट्री ऑनलाइन होने के बाद प्रॉपर्टी खरीदने वाले को किसी भी संपत्ति की सर्चिंग के लिए पंजीयन कार्यालय में आवेदन देने अथवा मैनुअल सर्चिंग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वह कहीं भी ऑनलाइन प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री का रिकॉर्ड सर्च कर सकेंगे।

सुविधा होगी, काम कम होगा
संपत्तियों का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के बाद प्रॉपर्टी खरीदने से पहले वकीलों द्वारा सर्चिंग के लिए आवेदन नहीं देना पड़ेगा और कहीं से भी ऑनलाइन प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड सर्च कर सकेंगे। इससे वकीलों को तो काम करने में सुविधा होगी ही पंजीयन कार्यालय पर भी कार्य का भार कम होगा।

जियो टैगिंग से वैल्यू भी मिलेगी
जियो टैगिंग से इंदौर जिले की किसी भी प्रॉपर्टी की लोकेशन और गाइडलाइन की वैल्यू भी आसानी से पता की जा सकेगी। फिलहाल जियो टैगिंग से प्रॉपर्टी की लोकेशन पता की जा सकती है।