सरकारी विभागों में बढ़े नियमित कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रम, निकायों और विकास प्राधिकरण में हो गए कम

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MP Budget News

सरकारी विभागों में बढ़े नियमित कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रम, निकायों और विकास प्राधिकरण में हो गए कम

 

भोपाल:मध्यप्रदेश के सरकारी विभागों में नियमित कर्मचारियों की संख्या पिछले पांच वर्षो में निरंतर बढ़ रही है वहीं नगरीय निकायों, विकास प्राधिकरण एवं विशेष क्षेत्र प्राधिकरण और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और अर्द्धशासकीय संस्थानों में पदस्थ नियमित कर्मचारियों की संख्या लगातार कम हो रही है।

मध्यप्रदेश में वर्ष 2020 में शासकीय विभागों में नियमित कर्मचारियों की संख्या 5 लाख 54 हजार 991 थी। उसके अगले साल 2021 में यह संख्या 5 लाख 72 हजार 288 हो गई। वर्ष 2024 में यह संख्या 6 लाख 6 हजार 876 हो गई है। नगरीय स्थानीय निकायों में पिछले पांच सालों में नियमित कर्मचारियों की संख्या कम हो गई है। वर्ष 2020 में 3 हजार 957 कर्मचारी थे उसके बार अगले वर्ष यह संख्या 32 हजार 933 हो गई। पिछले साल यह संख्या घटकर 29 हजार 966 रह गई है।

राज्य के सार्वजनिक उपक्रम और अर्द्ध शासकीय संस्थानों में वर्ष 2020 में 47 हजार 28 कर्मचारी थे। वर्ष 2023 में यह कम होकर 37 हजार 330 रह गए और 2024 में इनकी संख्या कम होकर 33 हजार 942 हो गई। इसी तरह विकास प्राधिकरण और विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण में 2020 में 829 कर्मचारी काम करते थे अब 2024 में यह संख्या मात्र 582 रह गई है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में वर्ष 2020 में 4700 कर्मचारी थे अब वर्ष 2024 में यह संख्या कम होकर 4490 रह गई है।

केवल ग्रामीण स्थानीय निकायों में कर्मचारी बढ़े है। यहां 2020 में 5 हजार 290 कर्मचारी थे वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 2024 में 5 हजार 422 हो गई है।

मध्यप्रदेश में नियमित शासकीय कर्मचारियों की संख्या पिछले एक वर्ष में 2.76 प्रतिशत बढ़ी है। प्रदेश में नियमित कर्मचारियों की संख्या 6 लाख 81 हजार 278 है। वहीं इनके अलावा 2 लाख 37 हजार 774 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, कोटवा और संविदाकर्मी भी प्रदेश में कार्यरत है।

स्कूलों में सर्वाधिक कर्मचारी-

मध्यप्रदेश में जो सरकारी कर्मचारी तैनात है उनमें सर्वाधिक 37.18 फीसदी याने 2 लाख 25 हजार 608 कर्मचारी स्कूलों में तैनात है।इसके बाद 15.43 फीसदी कर्मचारी याने 93 हजार 63 कर्मचारी गृह विभाग में तैनात है। आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में 8.89, स्वास्थ्य विभाग में 7.96 फीसदी, राजस्व विभाग में4.65 प्रतिशत, जनजातीय कार्य विभाग में 3.16 फीसदी कर्मचारी काम कर रहे है।