Religious Remedy to Prevent Accident : क्या गंगाजल, सुंदरकांड और हवन से रुकेंगे सड़क हादसे!

रोड बनाने वाली कंपनी ने ढाई सौ किलोमीटर में गंगाजल छिडकाया  

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Religious Remedy to Prevent Accident : क्या गंगाजल, सुंदरकांड और हवन से रुकेंगे सड़क हादसे!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट 

Dhar : जिले के लेबड़ नयागांव फोरलेन पर निर्माण के बाद से ही लगातार जानलेवा हादसे हो रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए टोल प्लाजा वसूली एवं निर्माण कंपनी ने लेबड़ से जावरा तक के सवा सौ किलोमीटर मार्ग पर पिछले दिनों गंगाजल का छिड़काव कर हादसों में मृत लोगों की आत्मशांति के लिए यज्ञ एवं हवन पूजन कराया गया।

सुंदर कांड के साथ दुर्घटना में लोगों की हुई मौत के लिए शांति पाठ भी किया गया। फोरलेन के इस भाग में उत्तराखंड से लाए गंगाजल का छिड़काव ट्रैक्टर में भरकर कराया गया। टोल प्लाजा पर हनुमानजी की पूजा अर्चना कर सुंदरकांड का पाठ व यज्ञ हवन का आयोजन किया। इसमें टोल कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने यज्ञ में आहुतियां दी।

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कलेक्टर को सारी सुरक्षा व्यवस्था बताई  
वेस्टर्न एमपी रोड हेड कृतार्थ राय ने बताया कि गंगाजल का छिडकाव हमने इसलिए किया, क्योंकि हिन्दू मान्यता के अनुसार हवन पूजन से किसी भी प्रकार के जो भी दोष होते हैं, वह दूर हो जाते है। कुछ दिन पहले मैं रतलाम कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी जी के साथ बैठा था। उनसे मेरी दो-चार मिनट की चर्चा हुई। उसमें वे नाराज भी हुए थे। हमने ये विचार रखा कि रोड पर हमने सारी सुरक्षा की व्यवस्था कर रखी है। मार्किंग कर रखी है, प्लांटेशन की व्यवस्था कर रखी है। फोरलेन है उधर से भी गाड़ी चलती है इधर से भी गाड़ी चलती है। चमक न जाए तो बीच में प्लांटेशन करवा रखा है। साइन बोर्ड भी जगह जगह लगे हुए है। लोगों की सुरक्षा के हिसाब से हमने एलईडी स्क्रीन लगा रखे हैं, ताकि लोग उसे देखें और पढे। लोग अवेयर भी है, कोई इश्यू नहीं, फिर भी एक्सीडेंट होते है। 250 किलोमीटर का रोड है तो एक्सीडेंट हो भी जाते है।

आत्मा की शांति करना भी हमारी जिम्मेदारी
उसमें यह विचार हुआ कि उसमें मरने वालों की आत्मा की शांति के लिए कुछ करना भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। कुछ ऐसे आयोजन करें जिससे मरने वालों की आत्मा को शांति मिले, उनके परिवार को भी थोडी शांति मिले। हिन्दू मान्यता के अनुसार भी हमको ऐसा करना था तो हमने ये आयोजन किया। इसमें हमने उत्तराखंड से गंगाजल मंगवाया और उज्जैन के आचार्य दीपक पांडे से ये आयोजन करवाया, सुंदरकांड का पाठ करवाया। गणमान्य लोग भी थे, हमारे एसडीएम, एसडीओपी के अलावा आसपास के लोग आए थे। उन्होंने इसकी प्रशंसा की कि यह अच्छा आयोजन करवाया। ये बहुत जरूरी भी था। तो पंडितजी ने इसके बाद बोला कि भभूत को गंगाजल में मिलाकर आप जो 250 किलोमीटर की सड़क लेबड़ से लेकर जावरा तक हैं, वहां छिड़काव करवाया जाए, वही हमने किया है।