
Remembering the Music of the Princely States : दादा अब्दुल शकूर के बाद पोतों व पड़-पोतो की आकर्षक वाद्ययंत्रों की म्यूजिकल प्रस्तुति!
Ratlam : शहर के कालिका माता क्षेत्र स्थित पुराने कलेक्टोरेट परिसर स्थित ऐतिहासिक गुलाब चक्कर में विगत 4 माह से संगीत कार्यक्रम का सिलसिला जारी है। मंगलवार की रात गुलाब चक्कर में रियासतकाल के संगीतज्ञ मरहूम अब्दुल शकूर जावेदी के परिवार द्वारा महाराज सज्जनसिंह की संगीत सभा के दिनों याद ताजा कर दी। शकूर मास्टर के नाम से मशहूर रतलाम शहर की संगीत हस्ती के तीसरी व चौथी पीढ़ी के पौत्र व पड़पोत्र ने विभिन्न वाद्ययंत्रों से प्रस्तुतियां देकर शहर के संगीत श्रोताओं को संगीतमय कर दिया। इस परिवार में तीसरी पीढ़ी के कलाकार यूनुस जावेदी द्वारा ऑर्गन पर सबसे छोटे साढ़े तीन वर्षीय कलाकार तबला वादक मोहम्मद अली जावेदी के साथ जुगलबंदी कर सभी को चकित कर दिया। इस बीच परिवार के अन्य कलाकार सदस्यों द्वारा अलग-अलग वाद्ययंत्र पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

*दो भाइयों की संगीत विरासत को सहेज रखा परिवार ने!*
जावेदी परिवार के अशफाक जावेदी बताते है कि दादा अब्दुल शकूर जावेदी के बेटे मेरे पिता रऊफ जावेदी व इनके छोटे भाई मजहर हुसैन का परिवार वर्तमान में संगीत विरासत को आगे बढ़ा रहा है। पिता अब्दुल रऊफ रियासत के ज़माने में राजा सज्जनसिंह के समक्ष गुलाब चक्कर में ही संगीत सभा के दौरान क्लारनेट बजाया करते थे। राजा सज्जन सिंह संगीत के खासे शौकीन थे। इसलिए गुलाब चक्कर में आए दिन संगीत सभा होती थी। जिला प्रशासन ने शहरवासियों को गुलाब चक्कर को श्रृंगारित कर दोबारा प्रतिभा निखारने की सौगात दी है।
*इन कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां!*
तबले पर संगत अय्यूब जावेदी, बासुरी पर आफताब जावेदी, बांसुरी पर समीर जावेदी, ऑक्टोपेड पर शादाब जावेदी, सैक्सोफोन पर मोहम्मद हुसैन जावेदी, वसीम मसूदी, आर्गन पर याकूब व यूनुस जावेदी, बड़े भाई एडवोकेट यूसुफ जावेदी ने कविता पाठ किया। साथ ही परिवार के सबसे छोटे कलाकार मोहम्मद अली जावेदी ने तबला वादन किया। इस बीच परिवार के प्रमुख कलाकार अशफाक जावेदी ने मेंडोलीयन पर छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। इसी तरह इदरीस जावेदी व महताब जावेदी ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। संचालन अनमोल सुरोलिया ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी श्रोता मौजूद रहें!





