त्याग और अहिंसा ही है जैन धर्म के मूल तत्व बोले संत निर्णय सागर जी

बोले चुनाव में जो प्रत्याशी अहिंसा धर्म का पालन करा सके उसे ही वोट देने की दी थी सलाह *छह दिन चलेगा विश्व शांति महायज्ञ व पंच कल्याणक महोत्सव,गजरथ प्रसंग से होगा समापन*                                          

त्याग और अहिंसा ही है जैन धर्म के मूल तत्व बोले संत निर्णय सागर जी

*संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रपट*

इटारसी। श्री पंचकल्याणक महोत्सव समिति, सकल जैन समाज के तत्वावधान में पंच कल्याणक महोत्सव का आयोजन 4 से 9 दिसंबर तक इटारसी में होगा। इस दौरान वेदी, मान स्तंभ, प्रतिष्ठा, गजरथ महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनिश्री निर्णय सागर महाराज के सानिध्य में होगा। आयोजन के विषय में मुनिश्री निर्णय सागर जी ने आज मीडिया से बातचीत में बताया कि इटारसी में 4 से 9 दिसंबर के मध्य जिनालय श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर की वेदी प्रतिष्ठा, जिनेन्द्र भगवान की प्राण प्रतिष्ठा, श्री आदिनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा होगी। साथ ही विश्व शांति के लिए विश्व शांति महायज्ञ होगा।

यह धार्मिक कार्य प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप शास्त्री पीयूष भैया एवं सुमित भैया के मार्गदर्शन में होगा। मुनि श्री ने सवालों के जवाब में कहा कि त्याग और अहिंसा जैन धर्म के मूल तत्व हैं। वैसे तो सभी धर्मों में इनका बहुत महत्व होता है। इंसान से भगवान बनने,अपनी आत्मा को जागृत कर परमात्मा का सानिध्य अनुभव करने की आध्यात्मिक यात्रा के लिए तैयार करने की मंशा से चातुर्मास में प्रतिदिन सत्संग,ध्यान आदि के प्रसंग हुए। इटारसी में संतों के प्रति बहुत सम्मान का भाव देखकर अच्छा लगा।

उन्होंने कहा कि हम संतों को राजनीति से कोई लेना देना नहीं होता। मेरे पास तीनों प्रमुख प्रत्याशी आए थे। मैंने सभी को उसी प्रत्याशी को वोट देने की सलाह दी थी जो अहिंसा धर्म का पालन करा सके। गौ सेवा पर वे बोले कि इटारसी में कोई भी गौ शाला संचालक उनसे मिलने अब तक नहीं आया अन्यथा वे जैन समाज इटारसी से हर संभव सहयोग करवाने का प्रयास करते। पहले हर नगर वासी को गौ माता जिनकी पूंछ में 33 करोड़ देवी देवता का निवास होता है, की सेवा के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखानी होगी जो मुझे अपने पांच माह के चातुर्मास में इटारसी में अब तक देखने को नहीं मिली है।

मेरे गुरु पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी द्वारा अब तक लाखों गौ वंश के सरंक्षण के कारगर,सार्थक कार्य देश भर में किए जा चुके हैं और हम भी इस हेतु सदा तत्पर हैं। आज की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि नेता चाहे किसी भी पार्टी के हों गौ वंश सहित अन्य सभी पशुओं के सरंक्षण,सेवा के संबंध में कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। कथनी ,करनी में यह फर्क नहीं होना चाहिए।

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*पंचकल्याणक के कार्यक्रम*

4 दिसंबर, सोमवार को प्रथम दिन घटयात्रा, ध्वजारोहण गर्भकल्याणक पूर्वार्ध अंतर्गत सुबह 7 बजे आचार्य गुरु आज्ञा यंत्र,अभिषेक, घटयात्रा, महाराज श्री के आशीष प्रवचन, प्रातः 10 बजे ध्वजारोहण, 12:30 बजे याज्ञमंडल विधान, शाम 6:30 बजे आरती, प्रवचन, 8 बजे सौधर्म इंद्रसभा और रात 10 बजे धार्मिक आंतरिक क्रियाएं सम्पन्न होंगी।

5 दिसंबर मंगलवार को गर्भकल्याणक अंतर्गत प्रातः 6 बजे अभिषेक पूजन, 8:30 बजे महाराजश्री के प्रवचन, 10 बजे मानस्तंभ एवं आदिनाथ जिनालय शुद्धि हेतु घटयात्रा, दोपहर 1 बजे माता की गोद भराई नाटक, शाम 6:30 बजे आरती प्रवचन 7:30 बजे महाराज नाभिराज का राजदरबार लगेगा। 6 दिसंबर बुधवार को जन्म कल्याणक अंतर्गत प्रातः 6 बजे अभिषेक, पूजन सौधर्म, इंद्र की सभा, जन्मकल्याणक कलश की बोली, प्रातः 8:30 बजे महाराजश्री के प्रवचन, दोपहर 1 बजे जन्म कल्याणक की शोभायात्रा, दोपहर 3 बजे पांडुकशिला पर अभिषेक, शाम 4 बजे जन्माभिषेक, वस्त्र आरोहण, 6:30 बजे आरती प्रवचन, 7:30 बजे तांडव नृत्य, पालना, बालक्रीड़ा होगी।

7 दिसंबर को तप कल्याणक अंतर्गत प्रातः 6 बजे अभिषेक पूजन, 8:30 बजे महाराजश्री के प्रवचन, प्रात: 10:30 बजे आदिकुमार की बारात, दोपहर 12 बजे महाराज नाभिराज का राज दरबार, आदिकुमार का राज्याभिषेक, घटकर्म उपदेश, नीलांजना नृत्य, वैराग्य, लोकातिक देवों का आगमन, माता का आशीष। दोपहर 2:30 बजे पिच्छिका परिवर्तन, शाम 6:30 बजे आरती, प्रवचन, शाम 7:30 बजे नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम।

8 दिसंबर को ज्ञान कल्याणक अंतर्गत प्रातः 6 बजे अभिषेक, पूजन, 8:30 बजे महाराजश्री के प्रवचन, 12 बजे ज्ञान कल्याणक क्रियाएं, समोशरण रचना, केवल ज्ञान कल्याणक, पूजा समोशरण में दिव्य ध्वनि, 6:30 बजे आरती, प्रवचन, 7:30 बजे सम्मान समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम।

9 दिसंबर को मोक्ष/निर्वाण कल्याणक अंतर्गत प्रातः 6 बजे अभिषेक, पूजन, 7 बजे मोक्ष कल्याणक की क्रियाएं एवं संस्कार, दोपहर 1 बजे गजरथ फेरी, दोपहर 2:30 बजे महाराजश्री के प्रवचन और आभार के साथ समापन होगा। मीडिया से इस मुलाकात कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता दीपक जैन एडवोकेट ने किया। आभार समिति सदस्य अधिवक्ता अरविंद गोयल ने व्यक्त किया।

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चंद्रकांत अग्रवाल

परिचय- वरिष्ठ कवि लेखक व पत्रकार। विगत 40 सालों से साहित्य व पत्रकारिता हेतु समर्पित लेखन। अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों , व्याख्यान मालाओं,मोटीवेशन लेक्चर्स में देश भर में आमंत्रित व सम्मानित। पद्य व गद्य की हजारों रचनाएं , कई कालम,कई राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं अखबारों में प्रकाशित। कोविड काल में दो साल तक कई प्रमुख राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के फेस बुक साहित्य ग्रुप्स व पेज पर कोरोना से शारीरिक व मानसिक रूप से बचाव हेतु , सोशल डिस्टेंस बढ़ाकर , इमोशनल डिस्टेंस कम करने, कोविड से संक्रमित होने पर अपना आत्म बल बढ़ाये रखने व अकेलेपन का सदुपयोग सत्संग, अध्यात्म संग करके दूर करने, अपने परिवार, समाज, प्रदेश , देश व दुनिया भर के प्रति जहां जिस भूमिका में हैं हर सम्भव योगदान देने आदि के लिए जनजागरण हेतु भारतीय संस्कृति के आराध्यों के जीवन आदर्शों पर , सार्थक मानव जीवन हेतु व देश के उत्सवों के आध्यात्मिक मर्म पर केंद्रित कई सफल काव्य व व्याख्यान लाइव किये, जिनको विश्व भर में लाखों साहित्य प्रेमियों ने सुना व मुक्त कंठ से सराहा। कई प्रेरणाप्रद आलेख भी अपने कई अलग अलग कालम में विभिन्न राष्ट्रीय अखबारों में लिखे , 4 अखबारों का संपादन करते हुए कोरोना के समसामयिक व आध्यात्मिक, वैचारिक विषयों पर भी कई नए कॉलम का लेखन। जो विभिन्न अखबारों व पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए । कई प्रदेश स्तरीय जिला व नगर स्तरीय सामाजिक, साहित्यिक संस्थाओं में प्रमुख पदों पर। प्रोफेशन - स्वयं का शेयर मार्केट ब्रोकिंग टर्मिनल , बिजनेस एसोसिएट अरिहंत केपिटल मार्केट लिमिटेड। सम्प्रति,इटारसी,जिला,नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। संपर्क मो न 9425668826