Replica of Ram Temple from Iron Waste : लौह अपशिष्ट से निर्मित राम मंदिर की प्रतिकृति का CM ने लोकार्पण किया!

21 टन लौह अपशिष्ट से निर्माण, 21 हजार दीपों से जगमगाया विश्रामबाग!

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Replica of Ram Temple from Iron Waste : लौह अपशिष्ट से निर्मित राम मंदिर की प्रतिकृति का CM ने लोकार्पण किया!

Indore : नगर निगम ने स्व लक्ष्मण सिंह गौड़ उद्यान (विश्राम बाग) में महापौर पुष्यमित्र भार्गव की कल्पना से 21 टन लौह अपशिष्ट से निर्मित राम मंदिर की भव्य प्रतिकृति का निर्माण कराया है। बुधवार रात मुख्यमंत्री ने इसका लोकार्पण किया। इस अवसर पर विश्रामबाग परिसर 21000 से अधिक दीपों से जगमगाया। इस प्रतिकृति को बनाने में 20 मजदूरों ने दिन रात मेहनत की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्री राम ने बड़ी ही सादगी से रावण के साथ महायुद्ध लड़ा और यह बात साबित किया कि युद्ध साधनों से नहीं, बल्कि आत्मविश्वास से लड़ा जाता है। इंदौर में यह भव्य कार्यक्रम हुआ। जिस प्रकार से स्वच्छता में लगातार सात बार नंबर वन स्वच्छ शहर रहा और यहां इस वेस्ट टू आर्ट से श्री राम मंदिर की कलाकृति का निर्माण किया, यह बहुत ही अद्भुत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर नए-नए प्रयोग करता है किसके लिए में नगर निगम इंदौर के साथ ही शहर के नागरिकों को बधाई देता हूं और सभी से अपील करता हूं कि आगामी 22 जनवरी को श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को दीपावली की तरह मनाएं।

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महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि हुकुमचंद मिलकर मजदूरों को बहुत बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने वेस्ट टू आर्ट की प्रतिकृति और 21 टन से अधिक वजनी श्री राम मंदिर का लोकार्पण किया है। इंदौर एक दौर है जो काम देश के बाक़ी शहर करने का सोचते है इंदौर वो कर चुका होता है। इसी नवाचार के क्रम में इंदौर में भी अयोध्या के राम मंदिर के तर्ज पर लोहे के कबाड़ से भारत की पहली लोहे के स्क्रैप बनी राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई।

21 टन लोहे के स्क्रैप से तैयार किया

महापौर पुष्यमित्र भार्गव की सोच के अनुरूप इंदौर में अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति भी बनाई गई है। इसको 21 टन लोहे के स्क्रैप से तैयार किया गया है इस प्रतिकृति की ऊंचाई 27 फीट, चौड़ाई 26 फीट और लंबाई 40 फीट है। 20 मजदूरों ने मिलकर इसको लगभग 3 महीने में तैयार किया है। यह मंदिर अयोध्या के राम मंदिर की हूबहू प्रतिकृति है। इसका प्रारूप इंदौर के दो युवाओं ने मिलकर तैयार किया है। इसमें खास बात यह है कि यह वेस्ट हो चुके लोहे से बनाया गया है। इंदौर स्वच्छता में सात बार अपना परचम लहरा चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण है इंदौर में वेस्ट मैनेजमेंट सबसे अच्छे तरिके से किया जाता है। जिसका उदाहरण यह राम मंदिर की प्रतिकृति है। इस राम मंदिर को बनाने में स्क्रैप लोहे के पुर्जे जैसे की पुराने वाहनों के चेचिस, स्ट्रीट लाइट्स के पुराने खम्भे, पुराने खराब झूले, पुरानी टूटी हुई फिसलपट्टिया, पुराने वाहनों के चद्दर, पुरानी गाड़ियों के गियर पार्ट्स, नट-बोल्ट्स, पार्कों की टूटी फूटी ग्रिल, गेट्स आदि पुराने लोहे का उपयोग किया गया है।

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विश्राम बाग में बनी प्रतिकृति

इस प्रतिकृति को इंदौर के विश्राम बाग में बनाया गया है, जो अपने आप में बहुत भव्यता-दिव्यता और भगवान श्री राम का संदेश लिए हुए हैं, जो पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का काम कर रहा है। विशेष तौर पर इंदौर के लिए जिसने हमेशा से वेस्ट पर बहुत काम किया है। नगर निगम ने लोहे के पुराने खंबे, कबाड़ गाड़ियों के चेसिस, नट-बोल्ट, टूटे-फुटे झूले, फिसलपट्टियां, ग्रिल आदि का इस्तेमाल किया है। संभवतः देश में पहली बार लोहे के स्क्रैप से किसी मंदिर की इतनी बड़ी प्रतिकृति तैयार की है। प्रतिकृति बनाने का काम महापौर के निर्देशन में इंदौर के दो युवाओं ने काम शुरू किया। यह इन दोनों युवाओं का पहला स्टार्टअप है। ये आर्टिस्ट हैं उज्जवल सिंह सोलंकी और लोकेश सिंह।

रात्रि में प्रतिकृति और भव्य स्वरूप

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि विश्राम बाग जहां श्री राम मंदिर अयोध्या की प्रतिकृति बनाई जा रही है उसके ठीक नीचे वाटर बॉडी है। यहां प्रतिकृति बनने के बाद नीचे पानी से लेकर मंदिर के प्रतिकृति के गुम्बद तक का नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। रात को लाइटिंग में इसकी भव्यता, दिव्यता और सुंदरता देखते ही बनती है। यहां रात का दृश्य काफी मनोरम है। मंदिर की दीवारों पर श्लोक नजर आते है महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से प्रेरित होकर ही उन्हें विश्राम बाग में मंदिर की प्रतिकृति तैयार करने की प्रेरणा मिली। बड़ी चुनौती यह थी कि लोहे के स्क्रैप कैसे लाए जाएंगे। इसमें वेल्डिंग वाले कारीगरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही क्योंकि छोटे-बड़े और टूटे-फूटे लोहे के सामान को मंदिर का रूप देना आसान नहीं था। महापौर ने बताया कि प्रतिकृति की फीनिशिंग का काम जल्द ही शुरू होगा। हमारी योजना फिनिशिंग का काम पूरा होने के बाद मंदिर की प्रतिकृति पर मैटेलिक कलर करने की है। लोहे के मंदिर की दीवारों पर श्लोक भी नजर आएंगे।

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इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, क्षेत्रीय विधायक मालिनी गौड़, पूर्व सांसद एवं पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, गोलू शुक्ला, मधु वर्मा, मनोज पटेल, सभापति मुन्नालाल यादव, सभी महापौर परिषद सदस्य, पार्षद और बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।