RERA Criteria : ‘रेरा’ मापदंडों के मुताबिक तय हों कॉलोनियों का विकास!

कलेक्टर ने कॉलोनाइजरों को नियम से काम करने की हिदायत दी!

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RERA Criteria : ‘रेरा’ मापदंडों के मुताबिक तय हों कॉलोनियों का विकास!

Indore : जिले में कॉलोनी सेल से अनुमति प्राप्त तथा ‘रेरा’ से अनुमोदित कॉलोनियों तथा अन्य आवासीय प्रोजेक्ट में विकास संबंधी कार्य शीघ्र पूरे किए जाए। रेरा द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार विकास संबंधी कार्य पूरा नहीं करने पर संबंधित कॉलोनाइजर तथा बिल्डरों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
जिले में आवासीय प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस तथा एलआईजी के लिए आरक्षित प्लॉट/फ्लेट आवंटित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। साथ ही जिले में कॉलोनियां संबंधी विभिन्न अनुमतियां तथा एनओसी आदि देने की प्रक्रिया को सुलभ बनाया जाएगा।

यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस संबंध में आवेदकों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, उन्हें अनुमति/एनओसी एक निश्चित समय में प्राप्त हो। इसके लिए एक विशेष पोर्टल भी तैयार किया जाएगा। साथ ही प्रक्रिया के लिए एक एसओपी तैयार की जाएगी। इसमें आवेदन से लेकर अनुमति तक की प्रक्रिया, आवेदन के प्रारूप, चेक लिस्ट, नियम आदि का उल्लेख रहेगा।

यह जानकारी कलेक्टर ने कॉलोनाइजर तथा बिल्डरों की बैठक में दी। बैठक में अपर कलेक्टर सपना लोवंशी सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि यह बैठक ‘रेरा’ द्वारा अनुमोदित उन 87 प्रोजेक्ट के संबंध में ली गयी जिन्होंने रेरा से अनुमोदन के पश्चात निर्धारित समय में विकास संबंधी कार्य पूरे नहीं किए। इन 87 प्रोजेक्ट की सूची रेरा से प्राप्त हुई थी। बताया गया कि इस तरह की बैठक अब हर माह आयोजित होगी।

बैठक में बताया गया कि अधिकांश कॉलोनियों और आवासीय प्रोजेक्टों में 80 से 90 प्रतिशत विकास कार्य पूरे हो गए हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शेष बचे कार्य भी शीघ्र पूरे कर लिए जाए। बताया गया कि कॉलोनियों और आवासीय प्रोजेक्टों में ईडब्ल्यूएस तथा एलआईजी के लिए आरक्षित प्लॉट और फ्लेट के संबंध में आवेदक नहीं मिल रहे हैं।

इसलिए यह कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि प्लॉट और फ्लेट आवंटन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके लिए उन्होंने बताया कि कॉलोनाइजरों तथा बिल्डरों के सहयोग से विशेष अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि कॉलोनाइजर तथा बिल्डर अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का भी निर्वहन करें, वे यह तय करें कि कुछ प्लॉट या फ्लेट दिव्यांगों और अति जरूरतमंदों को भी मिले।

बैठक में कलेक्टर ने बताया कि जिले में कॉलोनियां संबंधी विभिन्न अनुमति/एनओसी सुलभ और समय-सीमा में प्राप्त हो, इसके लिए कॉलोनी सेल की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। इसके लिए एक विशेष पोर्टल तैयार करने के निर्देश भी दिए गए। साथ बताया गया कि इस संबंध में एक एसओपी भी तैयार की जाएगी। इसमें आवेदन से लेकर अनुमति तक की प्रक्रिया का उल्लेख होगा। साथ ही आवेदन के प्रारूप का निर्धारण किया जाएगा और चेक लिस्ट बनाकर दी जाएगी। जिससे की आवेदकों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।

बैठक में उन्होंने कहा कि नामांतरण और सीमांकन का कार्य निर्धारित समय-सीमा में सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी कॉलोनाइजर डायवर्सन शुल्क अनिवार्य रूप से जमा करे। बताया गया कि जब से भूखंड धारकों ने प्लॉट क्रय किया है, तब से उस भूखंड का डायवर्सन शुल्क जमा करने की जवाबदारी भू धारक की होगी।