Research Got Patent : MGM कॉलेज के डॉक्टर की पैल्विक फैंटम रिसर्च को पेटेंट मिला!
Indore : शहर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर की रिसर्च को मिल गया। इंदौर के डॉक्टर के मार्गदर्शन में रांची की विद्यार्थी ने पैल्विक फैंटम बनाया है। यह कैंसर रोगियों को दिए जाने वाली रेडिएशन के सत्यापन के लिए बहुत उपयोगी है। अभी तक कैंसर के मरीजों को दी जाने वाली रेडिएशन को कंप्यूटर से मापा जाता है। जिस जगह पर बीमारी है, उस हिस्से में कितना रेडिएशन पहुंच पा रहा है और आसपास कितना पहुंच रहा है।
वास्तव में देखने पर यह सटीक नहीं होता है। इसके सटीक परिणाम के लिए अब पेल्विक फैंटम का उपयोग किया जा सकता है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के शासकीय कैंसर चिकित्सालय में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ओपी गुर्जर एवं उनके मार्गदर्शन में रिसर्च करने वाली रांची की डॉ पायल रेना ने 3 साल के रिसर्च से पेल्विस फैंटम का निर्माण किया था, जो कैंसर मरीजों को दी जाने वाली रेडिएशन डोज के सत्यापन में बहुत उपयोगी है।
यह डिजाइन एवं एक्यूरेसी में दुनिया में इस तरह का पहला फैंटम बनाया गया। डॉ गुर्जर एवं टीम की और से पेटेंट अधिवक्ता ने इस फैंटम के पेटेंट के लिए भारत सरकार की इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी इंडिया, कोलकाता ऑफिस में आवेदन किया था। पेटेंट अधिकारियों द्वारा इसकी जांच की। इसके बाद रिसर्च करने वाले डॉक्टरों से इससे जुड़े सवाल-जवाब किए और फिर पेटेंट किया गया। डॉ गुर्जर ने बताया कि यह बच्चे दानी के कैंसर के लिए काफी उपयोगी होगा। इसे बच्चे दानी के हिसाब से ही डिजाइन भी किया गया है। कई कंपनियां है जो इसे 40 लाख से एक करोड़ रुपये तक देती है।
पेल्विक फैंटम क्या होता है
पेल्विक फैंटम का प्रयोग कैंसर मरीजों को दी जाने वाले रेडिसन डोज की सटीकता को जांचने के लिए किया जाता है। यह फैंटम दुनिया में अभी तक बनाए गए फैंटम में सबसे ज्यादा वास्तविक है, जो इंसान के पेल्विस से डेंसिटी पैटर्न वाइज हूबहू मिलता है। इसी वजह से यह फैंटम मरीजों को और अधिक सटीकता के साथ रेडियोथेरेपी देने में कारगर होगा।