पत्रकारों के हक का सम्मान, बढ़ा गया शिवराज का मान…साबित कर दिया कि मैं हूं “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज…”

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पत्रकारों के हक का सम्मान, बढ़ा गया शिवराज का मान…साबित कर दिया कि मैं हूं “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज…”

यह दिन बहुत अच्छा था। जन्माष्टमी की सुबह थी। 7 सितंबर 2023 की तारीख थी। सीएम हाउस में शिवराज संग पत्रकार समागम था। साल चुनावी है और चुनाव को बमुश्किल 60 दिन बचे हैं, सो लग तो रहा था कि शिवराज की पत्रकारों के प्रति उदारता नजर आने वाली है। हर साल की तरह इस साल भी सितंबर का महीना था। पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा की 25 फीसदी भारी भरकम राशि पत्रकारों पर बहुत भारी पड़ रही थी। लग रहा था कि शिवराज सहजता और उदारता संग राशि को हर साल की तरह पत्रकारों का अंश दस फीसदी कर मुस्करा कर वाहवाही बटोर लेंगे। इससे भी ज्यादा यह था कि दस फीसदी पत्रकार अंश का स्थायी प्रावधान करने का ऐलान कर सरकार और अपनी शान में चार चांद लगा लेंगे। और मन की दो-दो बातें कर पत्रकारों का दिल भी स्थायी तौर पर जीत लेंगे। मामा भी खुश और पूरा का पूरा मीडिया भी प्रसन्न। सरकार के लिहाज से तो यह वैसा ही था कि ‘हर्र लगै न फिटकरी और रंग चोखा हो जाए’। पर जन्माष्टमी के दिन शिवराज कुछ और ही सोचकर आए थे। उन्होंने पत्रकारों और उनके परिवार के लिए मानो सरकार का कोषागार पूरी तरह से खोल दिया था। यह भी दिया, वह भी दिया और जो बाकी बचा वह भी दे देंगे। और यह भी जता दिया कि गलतफहमी में मत रहना। मैं वापस लौटकर आ रहा हूं। चाहता तो बाद में भी दे देता, लेकिन जो-जो वचन दे दिए…उन पर अमल फिलहाल चुनाव के पहले ही हो जाएगा। वाह शिवराज…इस मामले में भी मध्यप्रदेश के राजनैतिक इतिहास में “द बिगेस्ट अचीवर” बन गए “शिवराज”। बड़े हुनर के साथ आपने पत्रकारों के हक का सम्मान कर अपना मान हजार गुना बढ़ा लिया “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”।

 

पत्रकारों और उनके परिवारों को आपने जो दिया, वह मामूली बात कतई नहीं है। मध्यप्रदेश के पत्रकारों ने तो इतनी कल्पना भी नहीं की होगी। भोपाल में सर्वसुविधायुक्त स्टेट मीडिया सेंटर बनेगा। यह बात समझ में आती है। अब पत्रकार भवन बनने की बात चल ही रही है। पर पत्रकारों के उपचार के लिए सहायता राशि का बढ़ना, शायद किसी ने न सोचा होगा। जनसंपर्क विभाग छोटे शहरों और कस्बों के पत्रकारों को डिजिटल तकनीक का प्रशिक्षण दिलवाएगा, यह भी ठीक है। पर पहली बार सभी जिलों के मीडिया प्रतिनिधि पत्रकार समागम में शामिल होंगे, यह किसी की सोच में नहीं था। हालांकि यह खबर सबको थी कि नए जनसंपर्क आयुक्त मनीष सिंह प्रदेश के सभी जिलों के पत्रकारों से रूबरू होकर अपना फर्ज बड़ी कुशलता से निभा चुके हैं।

 

पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकार समागम में बहुत सीमित शब्दों में असीमित बात कहकर भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सौ गुना मजबूत कर दिल जीत लिया। शिवराज ने कहा कि लोकतंत्र के आधार स्तंभ के रूप में मीडिया प्रतिनिधियों का परिश्रम प्रशंसनीय है। पत्रकार साथी दिन-रात कार्य करते हैं। अनेक कठिनाइयों के बीच वे तथ्यों और समाचारों को जनता तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। यही नहीं सरकार और अन्य सभी के लिए सेतु के रूप में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। खास बात कि “मीडिया के लिए मेरे मन में बहुत आदर का स्थान है।” आज इस पत्रकार समागम में अनेक साथियों से भेंट हो रही है। और फिर समय बचाते हुए खोल दिया महत्वपूर्ण घोषणाओं का पिटारा। इनमें उपचार सहायता, बीमा योजना, आवास सुविधा, शिक्षा के लिए सुविधा सब कुछ शामिल था।

सारी घोषणाओं पर एक बार नजर डाल लें, तो शिवराज ने कहा कि भोपाल के मालवीय नगर में पत्रकार भवन की भूमि वर्तमान में अनुपयोगी है। सभी की इच्छा है कि यहां नया भवन बने। इसे नया स्वरूप दिया जाएगा। नया भवन निर्मित किया जाएगा। नवनिर्मित भवन के साथ ही इसे स्टेट मीडिया सेंटर का दर्जा रहेगा। इसमें सभागार, पुस्तकालय, कैंटीन, सामान्य कक्ष सहित अन्य सुविधाएं होंगी। सेंटर में आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे। वर्तमान में भोपाल में दो स्थानों पर पत्रकारों के लिए भूमि आवंटित कर कॉलोनी विकसित की गई है। अन्य नगरों में आज की आवश्यकता के अनुसार पत्रकारों की सोसायटी को भूमि प्रदान करने की कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए विधिवत कदम उठाए जाएंगे। इससे पत्रकार बंधुओं को अपना मकान बनाने के लिए व्यवस्था आसान होगी। बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम राशि में 27 प्रतिशत वृद्धि की गई थी। बढ़ी हुई राशि पत्रकारों को नहीं भरना होगी। राज्य सरकार बढ़ी हुई राशि वहन करेगी। गत वर्ष की तरह ही पत्रकारों को प्रीमियम देना होगा। खास बात यह कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ पत्रकारों को बीमा के लिए प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा भरा जाएगा। पत्रकारों के जीवनसाथी (पति/पत्नी) के बीमा का प्रीमियम भी राज्य सरकार भरेगी। और बीमा योजना की अंतिम तिथि 16 सितंबर से बढ़ाकर 25 सितंबर की जाएगी।

 

अब इससे ज्यादा महत्वपूर्ण घोषणाओं का सिलसिला शुरू हुआ। पहला अस्वस्थ होने पर पत्रकार बंधु को आर्थिक सहायता के लिए वर्तमान प्रावधान 20 हजार के स्थान पर 40 हजार रूपए किया जाएगा। गंभीर बीमारी की स्थिति में यह 50 हजार के स्थान पर एक लाख रुपये होगा। दूसरा यह कि मध्यप्रदेश के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों को मासिक सम्मान निधि की राशि 10 हजार के स्थान पर 20 हजार रूपए होगी। सर्वाधिक महत्वपूर्ण घोषणा यह कि सम्मान निधि प्राप्त करने वाले पत्रकार के अवसान की स्थिति में परिवार को आठ लाख रूपए की राशि प्रदान की जाएगी।

यह घोषणाएं भी महत्वपूर्ण हैं कि अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत अधिकतम ऋण की राशि 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रूपए की जाएगी।अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों के बेटे-बेटियों की शिक्षा के लिए बैंक से ऋण पर उसके ब्याज पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्ष के लिए राज्य सरकार वहन करेगी। और कुछ भी न बचे सो अंत में यह स्वीट डिश परोस दिया कि पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए वरिष्ठ पत्रकारों की समिति गठित कर प्राप्त सुझावों पर राज्य शासन द्वारा अमल किया जाएगा।

ऐसे में यदि पत्रकार समागम में मौजूद पत्रकारों से शिवराज यह पूछ लेते कि बताइए आपके हक की कोई बात बची तो नहीं रह गई। तो निश्चित तौर पर यही जवाब मिलता कि भांजे-भांजियों के मामा और लाड़ली बहनों के भैया, क्या अब रूलाओगे हम पत्रकारों को। तो वाकई मध्यप्रदेश के पत्रकारों के हक में की गई घोषणाओं ने साबित कर दिया है कि वाकई आप इस मामले में भी “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज” हैं। पत्रकारों के हक को यथायोग्य सम्मान देकर आपने अपना मान भी हजार गुना बढ़ा लिया है…।