रिटायर्ड शिक्षक ने प्रायश्चित स्वरूप ‘फादर्स-डे’ पर माता पिता के मंदिर को किया स्थापित

अपने पिता , माँ और सौतेली मां, तीनों के नाम मंदिर पर लिखवाए और तीनों की फोटो लगाई

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रिटायर्ड शिक्षक ने प्रायश्चित स्वरूप ‘फादर्स-डे’ पर माता पिता के मंदिर को किया स्थापित

बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी : बड़वानी जिले के राजपुर विकासखंड के सांगवी ठान ग्राम में एक सेवानिवृत्त शिक्षक द्वारा शासकीय सेवाकाल के दौरान माता-पिता की देखरेख नहीं कर पाने के प्रायश्चित स्वरूप सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में आज ‘फादर्स डे’ पर माता-पिता के मंदिर का शुभारंभ किया गया।

सांगवी ठान में आज उत्सव का माहौल था क्योंकि यहां एक मंदिर का शुभारंभ किया गया। इस मंदिर में किसी भगवान या देवी की मूर्ति स्थापित नहीं की गई बल्कि सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मीचंद भालसे द्वारा अपने स्वर्गीय माता पिता की फोटो स्थापित कर उनका मंदिर बनवाया गया। आयोजन के बाद ग्रामीणों ने भोजन का भी आनंद लिया। रोचक बात यह रही कि उन्होंने अपने पिता , माँ व सौतेली मां तीनों के नाम मंदिर पर लिखवाए हैं और तीनों की फोटो स्थापित की है।

सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मी चन्द्र भालसे ने बताया कि 1982 में उनकी नौकरी लगने के बाद वे विभिन्न स्थानों पर स्थानांतरित होकर शासकीय सेवा में कार्यरत रहे। इस वजह से वे अपने मां-बाप का अच्छी तरीके से ध्यान नहीं रख पाए और न ही उचित देखरेख कर पाए। उनके पिता की 2006 में उनके पिता सीताराम की मृत्यु हुई और 2010 में मां पूरन देवी ने भी यह संसार छोड़ दिया। शासकीय सेवा में रहते हुए माता-पिता की सेवा न कर पाने के अलावा दोनों के अंतिम समय में उचित देखरेख नहीं कर पाने का मलाल था।

उन्होंने बताया कि मई 2021 में सेवानिवृत्त होने के बाद जमा पूंजी से उन्होंने यह मंदिर बनवाया है, और आज फादर्स डे के दिन स्वर्गीय माता पिता को यह उपहार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन यहां दीपक जलाया जाएगा और आरती की जाएगी।

उन्होंने कहा कि फिलहाल तीनों की फोटो रखी गई है और 2 महीने में तीनों की मूर्तियां तैयार कर स्थापित कर दी जाएंगी।

उन्होंने बताया कि उनके पिता ने दो शादियां की थी इसलिए पिता के साथ साथ मां और सौतेली मां दोनों का नाम मंदिर पर लिखाया गया है और तीनों की फोटो भी स्थापित की गई है।

ग्रामीणों ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी जहां माता-पिता का ध्यान नहीं रखती है या घर से प्रताड़ित कर निकाल देती है ,ऐसे में यह मंदिर प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

उनके पुत्र संतोष भालसे ने बताया कि यह मंदिर निश्चित तौर पर लोगों को अपने माता पिता की सेवा करने की प्रेरणा देगा। आज के आयोजन में प्रदेश के विभिन्न स्थानों से अतिथियों ने आकर समारोह में भाग लिया।