‌‌सेवानिवृति जीवन का सुखद पड़ाव है सक्रियता निरंतर बनी रहे – पूर्व कमिश्नर श्री सक्सेना

साहित्यकार , राजनेता और समाज के श्रेष्ठीजनों की उपस्थिति में काव्य संग्रह का हुआ विमोचन

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‌‌सेवानिवृति जीवन का सुखद पड़ाव है सक्रियता निरंतर बनी रहे – पूर्व कमिश्नर श्री सक्सेना

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर । ” मन में घिरा हो जब अंधियारा , क़लम उठाओ लिख डालो उजियारा ” इस थीम के साथ गत दिवस मंदसौर के शुभकामना रिसोर्ट सभागार में कवि लेखक , व्यंग्यकार , गीतकार एवं जनपद पंचायत अधिकारी श्री लालबहादुर श्रीवास्तव की सेवानिवृत्त होने पर साहित्य सम्मान समारोह आयोजित हुआ ।
इस मौके पर संबोधित करते हुए ग्वालियर – चंबल संभाग के पूर्व कमिश्नर एवं राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री आशीष सक्सेना ने कहा कि श्री लालबहादुर कल भी श्रेष्ठ थे आज भी श्रेष्ठ है।आपने नैतिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए शासन प्रशासन‌ को अपनी कला साहित्य संगीत नवाचारों से, विविध विधाओं से अनुकरणीय श्रेष्ठ सेवाएं शानदार 41सालों की शासकीय सेवाओं में समर्पित भाव से दी है। सेवानिवृत होकर नये पड़ाव की ओर अपने कदम रख रहे हैं।आप सृजनरत रहते हुए समाज को न‌ई दिशा प्रदान करते रहें। सक्रिय रहकर गतिविधियों को अंजाम देवें ।

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साहित्य सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथि साहित्यकार व्यंग्यकार श्री आशीष दशोत्तर ( रतलाम ) ने लालबहादुर श्रीवास्तव की दो कृतियां “शब्द शिल्प काव्य रेखांकन संग्रह,एंव “व्यंग्य तरंग “को रेखांकित करते हुए कहा-लालबहादुर श्रीवास्तव एक ऐसे कवि हैं जिन्होंने सरकार में रहते हुए अपनी लेखनी को प्रभावी और असरदार बनाए रखा है।व्यक्ति अभाव में भी लिखता है ,दबाब‌ मे भी लिखता है,प्रभाव में भी लिखता है,स्वभाव में भी लिखता है,श्रीवास्तव जी की कविताएं स्वभाव की कविताएं हैं।जो व्यक्ति स्वभाव से लिखता है वो शिष्ट भी होता है,मिष्ट भी होता है निष्ट भी होता है।ये तीन व्यक्तित्व किसी एक व्यक्ति को परिपूर्ण बनाते हैं,जो शिष्टाचार भी निभाता है,मधुरता की बात भी करता है जो अपनी निष्ठाओं को भी निभाता है।इनकी रचनाओं को आप पढ़ेंगे तो अपनी जिंदगी के करीब इन्हें पायेंगे । कविताओं के साथ आपने सुंदर रेखांकनों से कविताओं को और भी प्रभावी बनाया है।

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पूर्व विधायक एवं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा- शासकीय योजनाओं ,अभियानों ,निर्वाचनों, लोक‌‌ उत्सवों , विकास यात्राओं में पिछले 41सालों से अपनी कलम कूंची से अगर लालबहादुरजी जैसे समर्पित अधिकारी कलमकार अपना श्रेष्ठ योगदान न देते तो शायद ही हम इन्हें धरातल पर साकार करने में इतने सफल होते।इन 25 सालों में एक भी ग्रामीण व्यक्ति जनप्रतिनिधि ने कभी भी मेरी विधानसभा में आपकी शिकायत आकर मुझसे नही की बल्कि आपके कार्यों की सदैव सराहना की है। मेरी विकास यात्राओं, कार्यक्रमों को आपने अपनी‌ रचनाओं से श्रेष्ठ मंच संचालन शैली से हमेशा सफल बनाया है ।

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आपका लिखा मध्यप्रदेश पर्यटन गीत म्हारा मंदसौर मे थांको अभिनंदन है ,जय जय मध्यप्रदेश प्रदेश की अनुगूंज है ।
ऐसे ईमानदार सेवाभावी लालबहादुर की सेवानिवृति उनके सुखद कायों की सुखद परिणिती है।
मंदसौर विधायक श्री विपिन जैन ने बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ग्राम पंचायत दलौदा एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में श्री लालबहादुर ने सक्रिय रहकर दायित्व निर्वहन किया है । उनका व्यवहार भी सभी वर्ग के साथ हितकारी रहा ।

अपने सेवानिवृति साहित्य उत्सव सम्मान समारोह में स्वागत उद्बोधन देते हुए लालबहादुर श्रीवास्तव ने कहा -साहित्य संगीत कला ने जीवन में सुंदर रंग कलम कूंची से जीवन में भरें । सेवानिवृति एक सुखद पड़ाव है।मेरी शासकीय सेवा में मेरी लेखनी को सदैव प्रोत्साहित करने वाले मित्र आशीष सक्सेना ,डा जे के जैन श्री यशपालसिंह सिसोदिया हैं जिनके मार्गदर्शन में निरन्तर श्रेष्ठ कार्य करने का प्रोत्साहन मिलता रहा।

श्री लालबहादुर ने अपने विमोचित काव्य संग्रहों व कृतियों पर विशेष सहयोग के लिए साहित्यकार यशवंत व्यास व्यंग्यकार डॉ देवेंद्र शर्मा चिंतक डॉ घनश्याम बटवाल एवं श्रीमती किरण श्रीवास्तव के प्रति विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस प्रसंग पर श्री लालबहादुर ने स्वरचित सुमधुर गीत मैं शिवना सा कल कल मन अन्मतरमन बहता रहता हूं सस्वर प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
सम्मान समारोह के प्रारम्भ में मां सरस्वती का पूजन अर्चन दीप प्रज्वलन अतिथियों ने किया।
विमोचन एवं सम्मान समारोह में वरिष्ठ कवि गोपाल बैरागी , शिक्षाविद रमेशचंद्र चंद्रे , साहित्यकार भगवती प्रसाद गेहलोत , कृषि वैज्ञानिक नरेंद्र सिंह सिपानी मंचासीन रहे ।

अतिथियो‌ का पुष्पहारों से स्वागत राजेंद्र श्रीवास्तव मुकुंद श्रीवास्तव माधव श्रीवास्तव दवारा किया गया।बांसुरी पर सरस्वती वंदना एंव गीतों की प्रस्तुती प्रख्यात संगीतकार रवि श्रोत्रिय ,माउथ आर्गन पर आंनद श्रीवास्तव अनिल त्रिवेदी ने दी।
इंजीनियर माधव श्रीवास्तव द्वारा लालबहादुर श्रीवास्तव के सेवाकाल‌ में श्रेष्ठ कार्यों की सेवा यात्रा झलक वीडियो‌ एल डी टीवी स्क्रीन पर प्रदर्शित की रनिंग कमेंट्री सुरेश पंड्या ने की ।
इस अवसर पर परिसर में श्रीवास्तव के अभिनव गीतों कविताओं के साथ श्रेष्ठ अवार्ड सम्मान चित्रों , मेडल्स ट्रॉफी का कोलाज़ पोस्टर लगाया गया जो आकर्षण का केन्द्र रहा ।

लालबहादुर श्रीवास्तव की दो साहित्य कृतियां – शब्द शिल्प काव्य रेखांकन संग्रह,एवं व्यंग्य तंरग व्यंग्य संग्रह का विमोचन अतिथियों द्वारा करतल ध्वनि के बीच किया ।

साहित्य सम्मान एवं विमोचन समारोह में विधायक विपिन जैन ,वरिष्ठ पत्रकार विक्रम विधार्थी ,साहित्यकार भगवती प्रसाद गेहलोत, नरेंद्र भावसार , पार्षद प्रीतम पंचोली सुरेश भावसार राजेंद्र तिवारी बालाराम गुप्ता , डॉ रमेश कनेसरिया महेंद्र कुमार जोशी , कुणाल कश्यप , कैलाश चंद्र सुथार , विजय जैन रमा माथुर , श्री हिंगड़ , सोनू कानूनगो
नंदकिशोर राठौर महेश त्रिवेदी , अनिल त्रिवेदी , नरेंद्र त्रिवेदी,गायक आशीष मराठा,चंदा अजय डांगी जगदीश चौधरी , रामगोपाल गुप्ता , अजीज‌उल्लाहखान ,राजाराम तंवर ,डा विशाल गौड़ शैलेंद्र माथुर ,विक्रम भटनागर‌ महेद्र भटनागर डा सुरेश पमनानी,डा अनिल नकुम ,डा सुभाष कोठारी,सी ए विकास भंडारी, दिलीप सोमानी गोपाल पाटीदार , गोपाल राव नरेंद्र मेहता , राजेश दुबे , कमल कच्छारा , अरुण गौड़ , अजीत नाहर ,राजेश फरक्या एडवोकेट राजकुमार गुप्ता , शैलेंद्र गुप्ता , कायस्थ समाज दशपुर लाफ्टर क्लब ,वाल्मिकी समाज हिंदी साहित्य सम्मेलन ,जन परिषद चैप्टर के सदस्य अखिल भारतीय साहित्य परिषद , वैश्य महासम्मेलन एंव परिजनों स्नेहीयो द्वारा श्री श्रीवास्तव का पुष्पमाला शाल श्रीफल से अभिनंदन किया।

आभार व्यक्त करते हुए पंकज कानूनगो ने एक रचना प्रस्तुत की
सेवानिवृति साहित्य उत्सव सम्मान समारोह का रचनाओं के माध्यम से संचालन वरिष्ठ पत्रकार एवं जनपरिषद अध्यक्ष डॉ घनश्याम बटवाल ने किया।

इस अवसर पर ग्वालियर , रतलाम जावरा , पिपलियामंडी , नीमच ,इंदौर , उज्जैन , सहित विभिन्न स्थानों के गणमान्य बड़ी संख्या में साक्षी रहे । श्रीवास्तव परिवार द्वारा अतिथियों को स्मृति चित्र भेंट किये गए ।