Reunion Program : भोपाल के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल के 1989 के ओल्ड स्टूडेंट्स का 35 साल बाद इंदौर में पुनर्मिलन कार्यक्रम!
पहला दिन साथियों ने इंदौर में बिताया, दूसरे दिन महेश्वर में किले की भव्यता को निहारा!
Indore : कार्मेल कॉन्वेंट भेल भोपाल के 1989 बैच के स्टूडेंट्स का पुनर्मिलन कार्यक्रम पिछले दिनों इंदौर और महेश्वर में मनाया गया। इस कार्यक्रम में उस बैच के 43 ओल्ड स्टूडेंट्स ने भाग लिया। कई अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी से भी आए थे। इनमें कई डॉक्टर्स, ब्यूरोक्रेट्स और टेक्नोक्रेट्स थे।
पहले दिन 27 दिसंबर का मिलन कार्यक्रम इंदौर के सयाजी होटल में और दूसरे दिन का महेश्वर में हुआ। इस कार्यक्रम को इंदौर के उन ओल्ड स्टूडेंट्स ने आयोजित किया जो उस बैच का हिस्सा रहे हैं। सभी का मकसद स्कूल के दौर की पुरानी यादों को ताजा करना और उन पुराने रिश्तों को फिर से बनाना रहा। इस पुनर्मिलन कार्यक्रम की योजना और इंतजाम इंदौर स्थित उस बैच की कुछ साथियों ने किया। इनमें से कुछ लोग तो स्कूल से 12वीं पास करने के बाद 35 साल बाद मिले और दो दिन की ढेर सारी मीठी प्यारी यादें अपने साथ संजोकर ले गए।
पहले दिन की शाम को जब सयाजी होटल में पार्टी में सब मिले तो सब का ख़ास तरह से स्वागत किया गया। प्रत्येक को एक टाइटल दिया गया, वो भी ख़ास तरह से जो या तो शायरी या गाने की तर्ज़ पर था। शाम की पार्टी में उद्घोषिका द्वारा बाँधा गया ख़ास समा एक स्वादिष्ट डिनर से सपन्न हुआ।
जब स्कूल के ये पुराने पहली बार 27 दिसम्बर को मिले तो मन में बेहद उत्सुकता और तड़फ थी। जब सामने आए तो भावावेश में अपने आपको रोक नहीं सके और भाव विहल हो गए। लेकिन, दो दिन बाद जब बिछड़ने का समय आया तो सबका मन भारी था। आंखों से आंसू झर रहे थे और दिल में रिश्तों की करीबी और साथ बिताए पलों के मीठे पलों की ढेर सारी यादें थी। दो दिन बाद जब सभी साथी लौटे तो अपने साथ दिल को छूने वाली यादें लेकर गए।
इस पुनर्मिलन समारोह की मुख्य यादों में साथ खेले गए कुछ खेल रहे, जिन्हें जीतने वालों को इनाम भी दिए गए।
विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप आकर्षक स्टोल दिए गए। कुछ ऐसे खेल भी इस कार्यक्रम के दौरान खेले गए, जिसे खेलते हुए इन ओल्ड स्टूडेंट्स ने बहुत मजे किए। सभी दिल खोलकर खेले और खूब हंसे। पासिंग द पार्सल खेल खेला गया पर एक खास ट्विस्ट के साथ।
इंदौर से महेश्वर जाते समय बस में रास्तेभर खेली गई अंताक्षरी ने इस मिलन कार्यक्रम में एक अलग ही रंग भर दिया। पहली बार महेश्वर आए साथियों को महेश्वर के क़िले की सुंदरता और भव्यता ने मंत्रमुग्ध कर दिया। घाट पर नर्मदा मैया की आरती व बोटिंग से सहस्रधारा तक का नौका विहार साथियों को हमेशा याद रहेगा और उन्हें फिर मिलने और यहाँ आने के लिए प्रेरित भी करेगा।