Revealing Dangerous Plans : संसद में वारदात के आरोपियों के खतरनाक मंसूबों का खुलासा! 

अराजकता फैलाने के लिए संसद में घुसे, दो नए नाम सामने आए!  

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Revealing Dangerous Plans : संसद में वारदात के आरोपियों के खतरनाक मंसूबों का खुलासा! 

   New Delhi : तीन दिन पहले लोकसभा सदन की गैलरी से नीचे कूदकर स्मोक स्टिक से संसद में धुंआ करने वाले युवकों की साजिश धीरे- धीरे सामने आने लगी है। इस साजिश में अभी तक जानकारी के अनुसान चार के नामों का खुलासा किया गया है। पुलिस की स्पेशल सेल अब ललित झा से जुड़े दो लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिनकी पहचान राजस्थान के नागौर के रहने वाले दो भाइयों कैलाश कुमावत और महेश कुमावत के रूप में हुई।

मामले के जांचकर्ताओं ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में बताया कि ये वारदात संसद की सुरक्षा में खतरा पैदा करने के लिए की गई थी। ये ग्रुप देश में अराजकता पैदा करना चाहता था। इनका इरादा सरकार को अपनी ‘अवैध’ मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर करना था। इस मामले की जांच का फोकस अब पांचवें आरोपी ललित मोहन झा पर केंद्रित हो गया, जिसे साजिश मास्टरमाइंड बताया गया है। सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजे गए ललित मोहन झा ने गुरुवार देर रात पुलिस थाने आकर समर्पण कर दिया था।

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देश में अराजकता पैदा करना मकसद 
जांचकर्ताओं ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर को एक रिमांड आवेदन दिया, जिसमें कहा गया कि ललित झा ने कथित तौर पर मामले में खुद के शामिल होने की बात कबूल की है। इस मामले से परिचित लोगों के मुताबिक रिमांड आवेदन से पता चला कि सभी आरोपी कई बार मिले और साजिश को अंजाम दिया। पुलिस ने कोर्ट में जो आवेदन पेश किया, उसमें कहा गया कि ललित झा ने खुलासा किया कि वो देश में अराजकता पैदा करना चाहता था। ताकि, वे सरकार को अपनी अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।

पांच मोबाइल फोन नष्ट किए  
पूछताछ में ललित झा ने पुलिस को बताया कि संसद में घुसपैठ के कुछ घंटों बाद उसने सभी 5 मोबाइल फोन नष्ट कर दिए, कुछ फेंक दिए और कुछ को जला भी दिया। एक जांच अधिकारी ने कहा कि ललित ने समूह के चैट और संचार के संबंध में सबूत की संभावना को खत्म करने के लिए फोन को नष्ट किया है। रिमांड आवेदन में कहा कि झा पर संदेह था कि जब वह बस से जयपुर गया तो उसने मोबाइल फोन नष्ट कर दिए। दिल्ली वापस आते समय उसने अपना फोन फेंकने की बात कबूल की।

गौरतलब है कि बुधवार को लोकसभा में हुई घुसपैठ 2001 के संसद हमले की बरसी पर हुई। इस मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों ने सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को समर्पित एक फेसबुक पेज के सदस्यों के रूप में बातचीत शुरू की। बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा से हासिल विजिटर पास का उपयोग करके संसद में कथित हमले को अंजाम दिया।