राजस्व विभाग का कलेक्टरों को फरमान, निकाय में शामिल रिक्त आबादी भूमि को नजूल भूमि करे घोषित

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भोपाल. राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं कि नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित गांव की आबादी का ऐसा हिस्सा जो रिक्त आबादी भूमि है और वहां कोई नहीं रह रहा है तो नगरीय क्षेत्र में शामिल इस भूमि को नजूल भूमि घोषित करे। गांव की आबादी भूमि पर पहले से घर बनाकर रहने वाले भूमिस्वामी को निकाय में शामिल होने पर भूमिस्वामी अधिकार दिए जाए।

राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर कहा है कि गांव की रिक्त आबादी भूमि को नगरीय क्षेत्र में शामिल होने पर नजूल भूमि घोषित किया जाए। नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित ग्राम के निस्तार पत्रक में आरक्षित भूमियों के संबंध में कहा गया है कि हर गांव के लिए तैयार निस्तार पत्रक में विशिष्ट प्रयोजों के लिए भूमि आरक्षित रहती है। ऐसे गांव नगरीय क्षेत्र के विस्तारण की अधिसूचना के प्रभाव में नगरीय क्षेत्र में शामिल हो गये है और संहिता के प्रावधानों के अनुसार अब ग्राम नहीं है बल्कि सेक्टर बन गए हैं तो वहां निस्तार पत्रक प्रभावशील नहीं होगा।

नगरीय क्षेत्रों में मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता के तहत लोक प्रयोजनों के लिए भूमि अलग रखे जाने की शक्ति कलेक्टरों को प्राप्त है। ऐसे गांव जो नगरीय क्षेत्रों में सेक्टर बन गए हैं वहाँ स्थित जमीनों की कलेक्टर समीक्षा करे और उनमें से नगरीय क्षेत्रों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लोक प्रयोजनों के लिए भूमि आरक्षित रखते हुए शेष भूमि भू अभिलेख में दखलरहित नजूल भूमि के रुप में अंकित कराएं।

नगरीय क्षेत्रों में स्थित अन्य नजूल भूमि को भी विचार में लेते हुए नगरीय क्षेत्रों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु समग्र रुप से योजना तैयार कर लोक प्रयोजनों के लिए भूमि आरक्षित करने पर विचार करें। ग्राम की आबादी क्षेत्र, निस्तार पत्रक या निस्तार अधिकारों में पृथक रखी गई भूमि के नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित होने पर यथोचित कार्यवाही करें।