Right to Privacy : बहू को निजता का अधिकार, अलग कमरे की मांग गलत नहीं!

फैमिली कोर्ट ने कहा 'फतवा ए आलमगीरी में भी महिला की निजता का हवाला!'

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Right to Privacy : बहू को निजता का अधिकार, अलग कमरे की मांग गलत नहीं!

Indore : बहू को भी निजता (प्राइवेसी) का पूरा अधिकार है, उसे इस अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता। फैमिली कोर्ट ने एक बहू के पक्ष में यह फैसला सुनाया जो अपने आप में मील का पत्थर बन गया। इस महिला को पति ने ‘तीन तलाक’ दिया था। इस पर उसने फैमिली कोर्ट में केस दायर किया और कारण बताया कि प्राइवेसी के चलते वह अलग कमरे की मांग कर रही थी। इस कारण पति ने उसे ‘तीन तलाक’ दे दिया।

फैमिली कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फैसला सुनाया कि घर में परिवार के साथ रहने के बावजूद बहू को निजता का पूरा अधिकार है। यदि वह संयुक्त परिवार में रहने के बावजूद अपने लिए अलग कमरे की मांग करती है, तो यह गलत नहीं है। कोर्ट ने पति द्वारा दिए ‘तीन तलाक’ को भी नाजायज ठहराते हुए पत्नी को साथ रखने के आदेश दिए।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा ‘फतवा ए आलमगीरी में भी महिला को निजता का अधिकार है। वह सुरक्षा के लिहाज से भी प्राइवेसी की मांग कर सकती है। कोर्ट ने इस्लामिक लॉ के रिफरेंस भी फैसले में उल्लेखित किए। प्रथम प्रधान न्यायाधीश संगीता मदान ने आदेश में मुस्लिम लॉ, शरीयत के अलावा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का विस्तृत उल्लेख किया।

नवंबर 2018 में पीड़िता ने इंदौर की फैमिली कोर्ट में केस दायर किया था। 5 साल बाद कोर्ट ने फैसले में कहा कि पति ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन (2017) के अनुसार ‘तीन तलाक’ की प्रक्रिया पूरी नहीं की इसलिए यह अवैध है। उसे पत्नी के साथ रहना होगा।

महिला के वकील प्रमोद जोशी के अनुसार, मोती तबेला इलाके में रहने वाली महिला का निकाह 2011 में उज्जैन में हुआ था। 2012 में उन्हें बेटी हुई। परिवार संयुक्त था, जिसमें जेठ-जेठानी भी थे। घर छोटा होने के कारण महिला को पति के साथ खुले ड्रॉइंग रूम में रहना पड़ रहा था। उसने घर में अलग कमरे की मांग की, तो विवाद होने लगा। मई 2014 में पति ने मायके छोड़ दिया और बाद में ‘तीन तलाक’ दे दिया।

महिला ने यह बताया कोर्ट में
2018 में महिला ने फैमिली कोर्ट को जानकारी दी, कि मेरे ससुराल में कुल 9 लोग और मेरे दो बच्चे हैं। सभी 3 कमरे और एक किचन में रहते हैं। बैठक कक्ष (ड्रॉइंग रूम) मुझे रहने के लिए दिया गया, वहां दरवाजा भी नहीं है। संयुक्त परिवार में निजता नहीं होना विवाद का कारण बना। वकील ने बताया कि महिला अपने पति के साथ ही रहना चाहती है। संयुक्त परिवार होने से अपने लिए सिर्फ अलग कमरा भी निजता (प्राइवेसी) के लिए चाहती थी। इस पर पति का कहना था कि मैं तुम्हें तलाक दे चुका हूं।