रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
रतलाम. गोमांस के लिए वाहन में ठुंस ठुंस कर भरकर कत्ल के लिए लें जाएं जा रहे 44 गौवंशों को पुलिस ने छुड़वाया था वहीं आरोपितों पर कार्रवाई करते हुए न्यायालय में चालान पेश किया था।
मामले में न्यायालय मयंक मोदी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाते हुए 29.जून.2022 को अभियुक्तगण सगीर पिता कदीर मेवाती उम्र 32 वर्ष तथा अल्ताफ उर्फ शैताब मेवाती उम्र 36 वर्ष उपरोक्त दोनों निवासी काछीखेड़ी तहसील सारंगपुर जिला राजगढ़ को म.प्र.कृषि पशु परीरक्षण अधिनियम की धारा 6 क सहपठित धारा 10 तथा म.प्र. गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम की धारा 6 सहपठित धारा 9 में एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
शासन की ओर से पैरवी कर्ता एडीपीओ सुशील शर्मा ने बताया कि 30.दिसम्बर.2011 को सातरूण्डा व रत्तागढ़खेड़ा के बीच बड़नगर रोड के थाना बिलपांक में वाहन क्रमांक एमपी 09 एजी 5349 में आरोपीगण कुल 44 गौवंश को वध करने को लेकर परिवहन करते हुए पाए गए। जब सहायक उपनिरीक्षक जगदीशचंद्र हाडा ने वाहन की तलाशी ली तो वाहन में डबल पार्टिशन में 22-22 गौवंश ऊपर नीचे बांधकर ठूस-ठूस कर क्रूरतापूर्वक भरे हुए थे।
तब मामले को लेकर थाना बिलपांक में अपराध 349/2011 पंजीबद्ध कर विवेचना में लेकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले में न्यायालय मयंक मोदी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला रतलाम ने आरोपीगणों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।