राजस्थान में भाजपा उम्मीदवारों की सूची पर जारी है बवाल …

297
40 Star Campaigner For BJP
BJP Leaders not Happy

राजस्थान में भाजपा उम्मीदवारों की सूची पर जारी है बवाल …

 

गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट

 

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची पर अभी भी बवाल जारी है और पार्टी के केन्द्र और राज्य के नेता बाग़ी रुख अख़्तियार कर रहे नेताओं को समझाने बुझाने की कौशिश कर रहें हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी और विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़ ने उम्मीद जाहिर की है कि यह असन्तोष शीघ्र ही खत्म हो जायेगा। राठौड़ ने कहा कि इस सूची में से 85प्रतिशत उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लीक से हट कर राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए श्राद्ध पक्ष में अपने 41 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है।कहने को भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने में कांग्रेस से बाजी मार ली लेकिन श्राद्ध पक्ष में सूची जारी करना अब तक सामने आ रही प्रतिक्रियाओं को देखते हुए भाजपा के पक्ष में नही रही ऐसा कहा जा सकता है।राज्य के विभिन्न स्थानों से पार्टी के घोषित उम्मीदवारों के विरोध में स्वर उठ रहे है।

 

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा राजस्थान के लिए जिन 41 विधानसभाओं की पहली सूची जारी की गई है,उनमें सात वर्तमान और दो पूर्व सांसद भी शामिल हैं। इन 41 विधानसभाओं में से 40 विधानसभाओं में भाजपा पिछला विधान सभा चुनाव हार गई थी। इनमें से मात्र एक सीट जयपुर की विद्याधर नगर पर ही भाजपा की विजय हुई थी। विद्याधर नगर की इस सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीत रहें पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के दामाद और पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी का टिकट काट कर जयपुर की पूर्व राजकुमारी और राजसमन्द की सांसद दिया कुमारी को टिकट देने से राजस्थान की राजनीति में ज़बर्दस्त उबाल आ गया हैं। इस फैसले के विरोध में स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत और नरपत सिंह राजवी के समर्थको में ज़ोरदार ग़ुस्सा फूट पड़ा हैं।

 

प्रदेश और देश के राजनीतिक गलियारों में नरपत सिंह राजवी का एक कथित वीडियों और बयान भी तेजी से घूम रहा है जिसमें कहा गया है कि मुग़लों से सुलह कर महाराणा प्रताप के साथ युद्ध करने वाले परिवार के लोगों पर भाजपा इतनी मेहरबान क्यों है?

राजनीतिक समीक्षक यह भी कहते है कि यह सवाल पाँच वर्ष पहले उस वक्त क्यों नही उठाया गया ? जब दिया कुमारी राजसमंद से सांसद का चुनाव लड़ी थी जबकि हल्दी घाटी का ऐतिहासिक युद्ध हुआ था वह इलाक़ा राजसमंद जिले में ही आता है।यहाँ जयपुर के महाराजा मानसिंह अकबर की सेना में सेनापति के रूप में महाराणा प्रताप के खिलाफ़ युद्ध लड़े थे। राजसमन्द की जनता ने तब बड़ा दिल रख भाजपा की दिया कुमारी को वहाँ का सांसद चुन संसद में भेजा था

लेकिन,अब जब राजवी का टिकट कटा है तों यह मामला गर्मा गया है।

 

इस मामले को शांत करने के लिए भाजपा नेतृत्व को प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह को जयपुर भेजना पड़ा ।अरुण सिंह ने राजवी से भेंट कर इस सम्बन्ध में उनसे बात कर समझाईश का प्रयास किया है।

 

स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के समर्थकों का कहना है कि शेखावत भाजपा के पुरोधा थे और उन्होंने गरीब को गणेश मान अंत्योदय जैसी योजना देश को दी और कई दशकों तक गाँव-गाँव में जाकर एवं लोगों की सेवा कर भाजपा को खड़ा करने का काम किया था । आज जब राष्ट्र उनका जन्म शताब्दी वर्ष मना रहा है उनके परिवार के वारिस और शेखावत की विरासत को खत्म करने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है।

 

राजवी के साथ ही वसुन्धरा राजे के प्रबल समर्थक पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का भी जयपुर के एक विधान सभा क्षेत्र से टिकट कटने का भी ज़ोरदार विरोध हुआ है और उनके समर्थकों ने प्रदेश कार्यालय पर जाकर ज़ोरदार प्रदर्शन भी किया। दूसरी ओर जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल को सांचौर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाने का विरोध स्थानीय स्तर पर इतना अधिक बढ़ गया कि देवजी पटेल जब सांचौर पहुंचे तो लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और आक्रोशित भीड़ ने उनकी कार पर पथराव कर कार के शीशे तक तोड़ दिए । वहीं दूसरी और झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से जयपुर ग्रामीण के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह को टिकट देने का भी खुला विरोध किया जा रहा है। टिकट सूची जारी होने के बाद वसुंधरा राजे के जयपुर निवास पर भारी संख्या में जमा हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध दर्ज कराया और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पार्टी को छोड़ वे बोतल या झाड़ू के साथ भी जा सकते हैं। इसी तरह गुर्जर नेता स्वर्गीय कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैसला जो कि हाल ही में भाजपा में आए हैं ,उन्हें देवली-उनियारा से टिकट देने का भी पार्टी कार्यकर्ता खुला विरोध कर रहें है।

 

भाजपा ने किशनगढ़ सीट से पिछला चुनाव हारें डॉ. विकास चौधरी का टिकट काटकर अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को दिया है। इससे नाराज़ विकास चौधरी के समर्थन में कार्यकर्ता भारी संख्या में लामबंध हो गए है । न कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए विकास चौधरी के रोते हुए दृश्य मीडिया में आए हैं। चौधरी ने कहा है कि भाजपा ने मेरी राजनीतिक हत्या की है। दूसरी ओर नगर (भरतपुर) विधानसभा से अनिता सिंह गुर्जर ने यह आरोप लगाए हैं कि वे वसुंधरा गुट से आती हैं, इसलिए उनका टिकट काटा गया है। अलवर के सांसद महन्त बालक नाथ को भाजपा ने अलवर की तिजारा सीट से टिकट दिया है । उनका भाजपा के पूर्व विधायक मास्टर मामन सिंह यादव ने जमकर विरोध किया है। साथ ही उन्होंने बालक नाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया है।

 

पहली सूची में टिकट पाने में असफल रहें भाजपा नेता अपने समर्थकों के साथ प्रदेश पार्टी मुख्यालय सहित अपने-अपने क्षेत्र में जमकर विरोध प्रकट कर रहें है और कई नेताओं ने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

 

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने स्थिति को बिगाड़ता देख केंद्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को जयपुर भेज स्थानीय नेताओं के साथ स्थिति की समीक्षा की है और स्थिति को नियंत्रण करने के लिए विभिन्न नेताओं से संपर्क भी किया है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में भी एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी प्रतिदिन विरोध करने वाले नेताओं से संपर्क कर उन्हें मनाने का प्रयास करेगी और निगरानी कर केंद्र को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

 

राजस्थान भाजपा की दूसरी सूची 15 अक्टूबर को घोषित होने की संभावना है।राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि आगे आने वाली सूचियों में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थित कई नेताओं के टिकट काटे जाने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता है। इससे प्रदेश में पार्टी के अन्दर और अधिक असन्तोष उजागर होने का अन्देशा है।

 

राजनीतिक जानकार बताते है कि अभी 159 नामों की सूचियाँ और आनी बाकी है । बताते है कि इन सूचियों में भी कुछ सांसद और कई अप्रत्याशित नाम सामने आ सकते है। यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा जयपुर और प्रदेश के अन्य मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर किसी राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता को चुनाव लड़वाने पर भी विचार कर रही है।

—-