Rudraksha Protective Shield For Body:क्या आप जानते हैं रुद्राक्ष क्या है ?

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Rudraksha Protective Shield For Body:क्या आप जानते हैं रुद्राक्ष क्या है ?

विगत दिनों मध्यप्रदेश में एक बड़ी घटना रुद्राक्ष वितरण को लेकर हुई थी .रुद्राक्ष की माला या रुद्राक्ष पहनना चाहिए यह सब जानते है ,पर क्या आप यह जानते है की रुद्राक्ष क्या है ? क्यों पहना जाता है ?

कहते है कि रुद्राक्ष पहनने से इस तरह के फायदे होते है ,जैसे —

  • रुद्राक्ष शरीर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है।
  • विशेष ऊर्जा का विकिरण करता है जिसका शरीर, मन और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • इसका उपचारात्मक प्रभाव होता है।
  • नकारात्मक एनर्जी को कम करता है।
  • एकाग्रता में सुधार करता है।
  • मानसिक और शारीरिक संतुलन प्रदान करता है।
  • आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है।
  • मन को शांत करने में मदद करता है।
  • चक्रों को संतुलित करता है और संभावित बीमारियों को दूर करता है।
  • ध्यान में सहायक होता है।
  • शांति और सद्भाव लाता है।
  • हानिकारक ग्रहों के प्रभाव को दूर करता है।
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  • तनाव और ब्‍लडप्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।लेकिन यह बहुत कम लोग जानते है की रुद्राक्ष क्या है ?रुद्राक्ष पेड़ को एलियोकार्पस गनीट्रस के नाम से जाना जाता है। यह एक बड़ा सदाबहार पेड़ है जो आमतौर पर उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में बढ़ता है। यह पेड़ मुख्य रूप से हिमालय की तलहटी में गंगा के मैदानों और इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी सहित दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रों में पाया जाता है।रुद्राक्ष के बीज को ब्लूबेरी के बीज के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि पूरी तरह से पकने पर बीज का बाहरी छिलका नीला होता है। भगवान शिव को भी अक्सर नीले रंग में चित्रित किया जाता है जो अनंत का प्रतिनिधित्व करता हैभगवान शिव से संबंधित होने के कारण आध्यात्मिक साधकों के बीच इस बीज का बहुत महत्व है।
  • यह उन आंसुओं की अभिव्यक्ति के रूप में पूजनीय है जो भगवान ने एक बार बहाए थे।रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से एक सूखा नट है जो रुद्राक्ष के पेड़ पर उगता है। प्रार्थना और ध्यान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आध्यात्मिक रुद्र माला में आमतौर पर 108 मनके होते हैं। ये विभिन्न स्वरूपों में पाए जा सकते हैं, अर्थात् एक मुखी से लेकर 27 मुखी तक। माना जाता है जो कोई भी इन मोतियों को पहनता है, उसके पास तीनों दिव्य देवताओं यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद होता है।
  • आज हम इस आर्टिकल के माध्‍यम से रुद्राक्ष और इसके फायदों के बारे में बताएंगे। इसकी जानकारी फिटनेस ट्रेनर Juhi Kapoor ने अपने इंस्‍टाग्राम के माध्‍यम से शेयर की है। जानकारी शेयर करते हुए कैप्‍शन में लिखा, ‘मूल रूप से, एक पेड़ का सूखा बीज। इसका शाब्दिक अर्थ है शिव के आंसू। रुद्राक्ष की माला का प्रयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। रुद्राक्ष का इस्‍तेमाल विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है और इसका मन और शरीर पर शांत प्रभाव पड़ता है। रुद्राक्ष मानसिक धैर्य को मजबूत करता है। यह अच्छा ऊर्जा प्रवाह उत्पन्न करता है
  • ‘ऐसा माना जाता है कि शिव हजारों वर्षों तक आंखें बंद करके ध्यान में बैठे रहे। अपनी आंखें खोलने पर, उन्होंने परमानंद के आंसू बहाए जो पृथ्वी पर गिरे और पवित्र रुद्राक्ष बन गए। ये मोती दुनिया को शिव की देन हैंरुद्राक्ष की माला गतिशील ध्रुवता के गुण के कारण चुंबक की तरह कार्य करती है।

    यह चुंबकीय प्रभाव के कारण बंद/अवरुद्ध धमनियों और नसों जैसे हमारे शरीर सर्किट के हस्‍तक्षेपों को साफ करती है और हमारे शरीर में ब्लड फ्लो को सुचारू बनाती है।यह शरीर से किसी भी प्रकार के अपशिष्ट, दर्द और बीमारी को दूर करती है और इसलिए इसका एंटी-एजिंग प्रभाव होता है।रुद्राक्ष वह है जो रुद्र या ब्रह्मांडीय कणों को आकर्षित करता है, उन्हें हमारे पूरे शरीर में एक एंटीना की तरह प्रसारित करता है।

    रुद्राक्ष द्वारा आकर्षित ये ऊर्जाएं नकारात्मकता को दूर करते हुए, हमारे सिस्टम में अतिरिक्त जीवन शक्ति लाती हैं।रुद्राक्ष की माला का प्रयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। रुद्राक्ष का इस्‍तेमाल विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है और इसका मन और शरीर पर शांत प्रभाव पड़ता है। रुद्राक्ष मानसिक धैर्य को मजबूत करता है। यह अच्छा ऊर्जा प्रवाह उत्पन्न करता है

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