ग्रामीण आजीविका मिशन ने खींचे हाथ, केवल 22 जिलों में गणवेश, बाकी में बटेंगे पैसे
भोपाल: प्रदेश के सभी जिलों में स्कूली बच्चों को गणवेश तैयार कर देने से ग्रामीण आजीविका मिशन ने हाथ खीच लिए है। इसके चलते केवल प्रदेश के 22 जिलों में ही कक्षा एक से आठ तक के बच्चो को गणवेश दी जाएगी। शेष सभी जिलों में इन बच्चों को गणवेश की जगह राशि प्रदाय की जाएगी।
राज्य सरकार इस बार स्कूलों में कक्षा एक से आठवी तक के विद्यार्थियों को गणवेश सिलवाकर दे रही है। गणवेश तैयार करने की जिम्मेदारी ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए स्वसहायता समूहों को सौपी गई थी। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने अब तक केवल अनूपपुर, बैत्ूल, बड़वानी, अलीराजपुर, भिंड, छतरपुर, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, खंडवा, पन्ना, रायसेन, मंडला, रीवा, सतना, सागर, रतलाम, सिवनी, श्योपुर, शिवपुरी, शहडोल, सिंगरौली और सीधी सहित कुल 22 जिलों में ही गणवेश प्रदाय किए है। शेष जिलों में गणवेश बनाकर देने से ग्रामीण आजीविका मिशन ने हाथ खीच लिए है। उनके पास शेष जिलों में ऐसे महिला स्वसहायता समूह उपलब्ध नहीं है इसलिए अब बाकी जिलों में स्कूली बच्चों के पालकों के बैंक खातों में प्रति विद्यार्थी छह सौ रुपए प्रदाय किए जाएंगे। तीस जिलों के शासकीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के विद्याथर््िायों को उनके खातों में गणवेश की राशि डाली जाएगी और इसकी जानकारी शिक्षा पोर्टल में गणवेश वितरण प्रबंधन मॉडयूल में भी की जाएगी। यदि 22 जिलों में भी जहां मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना के जरिए गणवेश दी जाना है और समय पर गणवेश प्रदान नहीं की गई तो वहां विद्यार्थियों के खातों में राशि डाली जाएगी। गणवेश वितरण का काम पंद्रह मार्च तक पूरा किया जाना चाहिए। गणवेश वितरण में भी यह देखा जाएगा कि गणवेश की गुणवत्ता ठीक है या नहीं।
इन जिलों में गणवेश की जगह खातों में सीधे राशि-
आगरमालवा, अशोकनगर, बालाघाट, भोपाल, बुरहानपुर, दमोह, दतिया, देवास, धार, डिंडौरी, गुना, ग्वालियर, हरदा, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, कटनी, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया एवं विदिशा।