Sadhvi Withdrew 90 Lakhs : महंत की मृत्यु के बाद कथित साध्वी बैंक खाते से 90 लाख उड़ाए!    

साध्वी के साथ उसका पूरा परिवार गायब, अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज! 

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Sadhvi Withdrew 90 Lakhs : महंत की मृत्यु के बाद कथित साध्वी बैंक खाते से 90 लाख उड़ाए!  

 

Bhopal : कथित साध्वी लक्ष्मीदास उर्फ रीना रघुवंशी पर छिंदवाड़ा के महंत कनकबिहारी दास के बैंक खाते से 90 लाख रूपए उड़ाने का आरोप लगा है। उसके बाद से ही उसका और उसके परिवार का पता नहीं है। उसे छिंदवाड़ा पुलिस तलाश रही है। रीना के परिजन भोपाल के कोलार में आईबीडी कैंपस के एक फ्लैट में रहते हैं। उनके साथ रीना का भाई हर्ष भी रहता है। 1 सितंबर के बाद कोई दिखाई नहीं दिया।

26 जुलाई को जब साध्वी के खिलाफ छिंदवाड़ा के चौरई थाने में 90 लाख रुपए की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई थी। इस बीच रीना ने अग्रिम जमानत की अर्जी भी दायर की थी। एक महीने पहले ही कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। उसके बाद से रीना फरार रही, अब उसका परिवार भी गायब हो गया। पड़ोसियों ने आशंका जताई है कि पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए रीना का परिवार छोटी बेटी के पास साउथ अफ्रीका चला गया होगा।

 

महंत की मौत के बाद खाता खाली

छिंदवाड़ा के महंत कनकबिहारी दास की 17 अप्रैल 2023 को एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वे नरसिंहपुर से छिंदवाड़ा लौट रहे थे। बरमान घाट के पास उनकी गाड़ी दुर्घटना का शिकार हो गई। लेकिन, कनकबिहारी के 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट के मुताबिक, 24 जून 2024 तक उनके अकाउंट में करीब 90 लाख रुपए जमा थे। 6 महीने तक अकाउंट से कोई पैसा नहीं निकला। 31 दिसंबर 2023 को इस अकाउंट से 1 रुपए निकाला गया। इसके बाद 1 जनवरी 2024 से लेकर 18 जनवरी 2024 तक कई किस्तों में 11 लाख 57 हजार रुपए निकाले गए। 19 जनवरी को एक साथ 50 लाख रुपए निकाले और इसी तारीख को जमा भी कर दिए।

अगले 13 दिन में यानी 2 फरवरी 2024 तक 67 लाख रुपए अकाउंट से निकाले गए। 2 फरवरी को महंत के अकाउंट में केवल 53 पैसे बचे थे। इसी दिन इसमें 5 रुपए जमा किए और अगले दिन 3 फरवरी को 4 लाख 99 हजार रुपए जमा हुए। 6 फरवरी को अकाउंट से फिर 5 लाख रुपए निकाले गए। 12 फरवरी को बैंक ने 5 लाख रुपए पर ब्याज के रूप में 20 हजार रुपए जमा किए। 12 फरवरी को ये 20 हजार रुपए भी निकाल लिए।

 

हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई

कथित साध्वी रीना रघुवंशी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई है। इस पर 9 सितंबर को सुनवाई होनी है। इससे पहले उसने छिंदवाड़ा कोर्ट में भी अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन यहां उसकी अर्जी खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने तर्क दिया था कि प्रथम दृष्ट्या ये साफ है कि रीना रघुवंशी ने गलत दस्तावेजों से सिम हासिल की। फिर इस आधार पर उसने महंत के अकाउंट से अपने रिश्तेदारों के खातों में लाखों रुपए ट्रांसफर किए थे।

 

कथित साध्वी पर इनाम घोषित

रीना रघुवंशी के फरार होने के बाद पुलिस ने उस पर 10 हजार रुपए के इनाम का ऐलान कर दिया है। वहीं रघुवंशी समाज ने भी 51 हजार के इनाम का ऐलान किया है। रीना की इस करतूत से समाज के लोग बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि इस पूरे मामले की जांच होना चाहिए क्योंकि महंत कनकदास महाराज के पास जो पैसा था वो समाज के लोगों ने दिया था।

महंत के बैंक अकाउंट से 90 लाख रुपए निकालने के मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब चौरई की एसबीआई ब्रांच में रीना ट्रांजैक्शन करने पहुंची थी। उस दौरान गांव के कुछ लोगों ने उसे देखा। इसके बाद बैंक में भी पूछताछ की। 10 जुलाई को गांव वालों ने मंदिर से जुड़े लोगों को इसके बारे में बताया। इसके बाद 12 जुलाई को मंदिर के नए महंत श्याम दास जी महाराज और चक्रपाल सिंह पटेल ने चौरई थाने में शिकायत की।

 

महंत का उत्तराधिकारी बताया

रीना रघुवंशी इस मामले में खुद पर लगे जालसाजी के आरोपों को यह कहते हुए खारिज करती है कि वही महंत कनकबिहारी की असली उत्तराधिकारी है। उन्होंने इसके पक्ष में एक वसीयत भी पेश की है। हालांकि आश्रम प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि रीना रघुवंशी की यह वसीयत फर्जी है। महंत स्व कनक बिहारी महाराज की हस्तलिखित वसीयत में श्याम सिंह को अपना उत्तराधिकारी बताया है। अयोध्या के संतों की मौजूदगी में श्याम सिंह को यहां महंत बनाने की पूरी प्रक्रिया की गई थी। उत्तराधिकार का एक अलग केस छिंदवाड़ा न्यायालय में भी चल रहा है।