
साहित्य अकादमी का अलंकरण समारोह 25 अगस्त को भोपाल में
अखिल भारतीय, प्रादेशिक और बोली-भाषा पुरस्कारों से रचनाकार होंगे सम्मानित
भोपाल। साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा आयोजित अलंकरण समारोह आगामी 25 अगस्त, 2025 को सायं 5.00 बजे रवीन्द्र भवन, अंजनी सभागार, भोपाल में संपन्न होगा। इस अवसर पर वर्ष 2022 और 2023 के लिए घोषित अखिल भारतीय पुरस्कार, प्रादेशिक पुरस्कार तथा मध्यप्रदेश की छह बोलियों के साहित्यिक पुरस्कारों से चयनित रचनाकारों को अलंकृत किया जाएगा।
साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने जानकारी दी कि समारोह में मध्यप्रदेश शासन के माननीय संस्कृति मंत्री धमेन्द्र भाव सिंह लोधी मुख्य अतिथि होंगे। साथ ही प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग शिव शेखर शुक्ला तथा संचालक, संस्कृति एन.पी. नामदेव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
डॉ. दवे ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य न केवल उत्कृष्ट रचनाकारों को सम्मानित करना है, बल्कि मध्यप्रदेश की समृद्ध साहित्यिक परंपरा और विविधतापूर्ण भाषाई विरासत को नई ऊर्जा प्रदान करना भी है। उन्होंने कहा कि “यह अलंकरण समारोह हमारे साहित्यकारों और लोकभाषाओं के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अवसर नवोदित और स्थापित दोनों ही रचनाकारों को अपनी सृजनात्मकता को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।”
कार्यक्रम में अखिल भारतीय पुरस्कार वर्ष 2022 और 2023 के अंतर्गत विभिन्न विधाओं के प्रख्यात रचनाकारों को सम्मान मिलेगा। इनमें कथा, कविता, उपन्यास, आलोचना, संस्मरण, यात्रा-वृत्तांत, अनुवाद, समालोचना और गीत-नाटक जैसी विधाएँ शामिल हैं। इसी प्रकार प्रादेशिक पुरस्कार वर्ष 2022 और 2023 में मध्यप्रदेश के विविध जिलों के चयनित साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश की छह बोलियों – मालवी, निमाड़ी, बुंदेली, बघेली, भीली और गोंडी में सृजनरत श्रेष्ठ रचनाकारों को भी बोली-भाषा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इन पुरस्कारों में संत पीपा पुरस्कार, संत सिंगाजी पुरस्कार और श्री छत्रसाल पुरस्कार आदि सम्मिलित हैं।
साहित्यिक गरिमा का पर्व
इस अवसर पर आयोजित अलंकरण समारोह में प्रदेशभर के विद्वान, साहित्यकार, आलोचक, कलाकार और संस्कृति जगत से जुड़े अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन केवल सम्मान प्रदान करने तक सीमित न रहकर मध्यप्रदेश के साहित्यिक-सांस्कृतिक परिदृश्य का उत्सव बनेगा।
साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश लगातार हिंदी साहित्य और प्रादेशिक भाषाओं के संवर्धन के लिए कार्यरत है। अलंकरण समारोह के माध्यम से अकादमी न केवल रचनाकारों का उत्साहवर्धन करती है, बल्कि समाज में साहित्य की प्रासंगिकता और महत्व को भी स्थापित करती है।





