Saint Siyaram Baba Left His Body : निमाड़ के संत सियाराम बाबा ने देह त्यागी, आज नर्मदा किनारे अंत्येष्टि!

उन्हें निमोनिया हुआ था, लेकिन आश्रम में ही डॉक्टर उनका इलाज करते रहे!

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Saint Siyaram Baba Left His Body : निमाड़ के संत सियाराम बाबा ने देह त्यागी, आज नर्मदा किनारे अंत्येष्टि!

Khargone : सियाराम बाबा ने बुधवार सुबह देह त्याग दी। निमाड़ के संत कुछ दिनों से बीमार थे। उनका आश्रम में ही इलाज चल रहा था। मंगलवार की रात उनकी हालत काफी कमजोर हो रही थी, उन्होंने कुछ भी नहीं खाया था। उनके निधन की खबर मिलते ही खरगोन के भट्यान स्थित आश्रम में भक्तों की भीड़ लग गई। दोपहर 3 बजे उनका डोला निकलेगा।

उनके सेवादारों ने अंत्येष्टी के लिए चंदन की लकड़ी की व्यवस्था की है। बीते तीन दिन से आश्रम मेें एकत्र भक्त उनके स्वास्थ्य के लिए जाप कर भजन गा रहे थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद डाक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखे हुए थी।

आज शाम को नर्मदा किनारे अंत्येष्टी
सियाराम बाबा की अंत्येष्टी बुधवार शाम को आश्रम के समीप ही नर्मदा नदी किनारे होंगे। उनके निधन की खबर के बाद बड़ी संख्या में भक्तों के आश्रम पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। बाबा को निमोनिया हो गया था, लेकिन वे अस्पताल में रहने के बजाए आश्रम में रहकर अपने भक्तों से मिलना चाहते थे। इस कारण चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया था।

12 साल तक मौन रहे
संत सियाराम बाबा ने नर्मदा किनारे अपने आश्रम बनाया। उनकी उम्र 100 साल से ज्यादा थी। बाबा ने 12 वर्षों तक मौन भी धारण कर रखा था। जो भक्त आश्रम में उनसे मिलने आता है और ज्यादा दान देना चाहता थे तो वे इनकार कर देते थे। वे सिर्फ दस रुपये का नोट ही लेते थे। उस धनराशि का उपयोग भी वे आश्रम से जुड़े कामों में लगा देते थे। बाबा ने नर्मदा नदी के किनारे एक पेड़ के नीचे तपस्या की थी और बारह वर्षों तक मौन रहकर अपनी साधना पूरी की थी। मौन व्रत तोड़ने के बाद उन्होंने पहला शब्द सियाराम बाबा कहा तो भक्त उन्हें उसी नाम से पुकारने लगे। हर माह हजारों भक्त उनके आश्रम में आते है। आज उनकी अंत्येष्टि में कई प्रमुख लोगों के शामिल होने की संभावना है।