सजन पैदाइशी झूठे और सजनियां लाय डिटेक्टर

150

सजन पैदाइशी झूठे और सजनियां लाय डिटेक्टर

 

सदियों से सजनियाँ अपने सजन से झूठ ना बोलने की ज़िद करती आई हैं। खुदा का वास्ता भी देती है इसके लिये। सजन ने झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है। और बिना हाथी घोड़े के पैदल ही जाना है। अब इन सजनियों को कौन समझाये कि सजन का सजन होना झूठ पर ही टिका हुआ है। और फिर भले ही जाने के लिये हवाई जहाज़ मौजूद हो ,अपनी मर्जी से ख़ुदा के पास कौन जाना चाहता है। सजन चतुर होता है ,वह जानता है सच बोलने का मतलब मरने के लिये तयशुदा वक्त के पहले ही ख़ुदा के पास पहुँच जाना है ! ऐसे में उसे मजबूरी में झूठ बोलने ही होते हैं।

मोहब्बत की इमारत की तामीर ही झूठ की बुनियाद पर होती है। बंदा सजन होने के लिये झूठ बोलता है और सजन की पोस्ट पर क़ाबिज़ बना रहना चाहता है। ऐसे मे उसे लगातार झूठ बोलना ही पड़ते है। सच और साजन का सात जन्मों का बैर है। या तो सच बोल लो या सजन बने रहो। आप दो में से एक काम ही साध सकते हैं ऐसे में हर सज्जन आदमी सच बोलने और सजन होने में से सजन होने का चुनाव करता है।

आज हम उन झूठों की चर्चा करेंगे जो किसी भी हो चुके सजन को सजन बने रहने के लिये बोलना बेहद जरूरी होता है।

ऐसे झूठों की फ़हरिस्त मे पहले नंबर का झूठ है तुम बेहद खूबसूरत हो। जहाँ पाँव रख देती हो उस ज़मीन को फरिश्ते चूमने आते हैं। सजन को सौ काम होते है अपनी सजनी से। ऐसे मे यह झूठ रामबाण की तरह असर करता है। सजनी सुनती है इसे। और ख़ुश हो जाती है। सजनियाँ बहुत बार ताड़ भी लेती है कि उसका सजन लंबी लंबी छोड़ रहा है। पर इस प्रकार के झूठ को सजनियाँ नकारती नही। मान लेती है कि उसका सजन भलामानस है और हो सकता है कि इस बार सच बोल रहा हो। ऐसे मौक़ों पर वो सजन के मन की करती है। ऐसे झूठ बोलने मे पैसे भी नही लगते किसी भी सजन को और क्या चाहिए।

सजन होते ही बंदा पहले से ज्यादा लापरवाह हो जाता है।प्रेम की, शादी की एनीवर्सरी ,बीबी का जन्मदिन ,टीचर पैरेंट्स मीटिंग ,बाज़ार से टिंडे लेकर आने जैसे चार कामों मे से तीन हमेशा भूलता है। शाम को सॉरी बोलता है। फिर भूलता है ,भूलने बाबत बहाने बनाता है और जैसा कि आप जानते ही है बहाने झूठ ही होते है।

एक और झूठ जो ऐसे झूठों की क़तार मे काफी आगे है, मै देख नही रहा था उसकी तरफ। बस ऐसे ही निगाह पड़ गयी थी। सजनियाँ हमेशा निगाह रखती है अपने सजन पर। तके रहती हैं। सजन की निगाहें थोडी बहुत भी बहकी और वह धर लिया जाता है। चूँकि ख़ूबसूरती देखे और सराहे बिना रह नही पाता आदमी ,ऐसे मे सजन जब भी पकड़ा जाता है तो ये वाला झूठ उसकी जान बचाने मे मदद करता है।

एक बात और। लडकियाँ पत्नी होते ही अपने पति के दोस्तों को सख़्ती से नापसंद करने लगती है। वो ऐसा इसलिये करती है क्योंकि उन्हे लगता है कि उसके नेकदिल पति को बिगाड़ने का ठेका उसके दोस्तों ने ही ले रखा है। आमतौर पर वो जानती नही कि उनका सुहाग ही दोस्तों को बिगाड़ने का सबसे बड़ा ज़िम्मेदार है। वे जानती है दोस्तों का संग उनके पति को ऑऊट ऑफ़ कंट्रोल कर देता है। देर रात तक की पार्टियाँ ,औक़ात से ज्यादा खाना और दारू। ऐसे मे पत्नियाँ कलह करती है और अमनपसंद पति झूठ बोलता है। ऑफिस मे काम होना होने की कहानी गढ़ता है। बॉस के खूसट होने और मातहतों के काहिल होने के गाने गाता है और ट्रैफ़िक के रोने रोता है।

खैर। सजन तो पैदायशी झूठे होते है और झूठों के साथ जिंदगी बसर करते करते सजनियाँ लाई डिक्टेटर हो जाती है। सजन की बॉडी लैंग्वेज,आँखें चुराने के अंदाज और कॉन्फिंडेस की कमी से वे बहुत जल्दी इस नतीजे पर पहुँच जाती है कि सजन झूठ बोल रहा है ऐसे मे उन्हें खुदा याद दिलाती रहती है।

पर इन नसीहतों का असर होता नही सजन पर। वो ना तो भलाई बुराई से डरता है ,और ना ही पैदल चलने से। वो खुदा से ज्यादा अपनी बीबी से डरता है इसलिये बदस्तूर झूठ बोलना जारी रखता है। झ

वैसे चतुर सजनियाँ अपने झूठे सजन को माफ़ करती रहती है। वो जानती है कि उनका सजन झूठा होने के कारण ही नियाज़ मंद है । और उसके सामने सर झुकाये रहता है और वो उसके महल चौबारों और दिलोदिमाग़ की इकलौती मालकिन है। वो उसे झूठा होने के ताने तो देती रहती है पर खुद उसे शक की वजह से बरी करती रहती हैं।

सजन जानता है कि झूठे होने की तोहमत ,सजन होने का ही बाई प्रॉडक्ट है। और वह इस बात पर भरोसा करता है कि राजा हरीशचंद्र भी इस तोहमत से बच पाए हों ये मुमकिन ही नही।ऐसे में वो झूठ बोलने को लेकर कोई रंज नहीं करता। झूठ बोलने के अपने आर्ट को धार देता रहता है और अपनी पत्नी की सहेलियों और सालियों के बीच शशि थरूर जैसा बरगुजीदा रहता है।

काश बिना झूठ बोले सजन का गुज़ारा हो पाता ! वह सच बोल पाता। और सच बोलने वाले सजन भी लंबे वक्त तक सजन रह पाते।