वरिष्ठ साहित्यकार वासुदेव मोही की पुण्यतिथि पर किया साहित्यकारों ने याद,कवि सम्मेलन में कवियों ने रंग जमाए
भोपाल: वरिष्ठ साहित्यकार साहित्य अकादमी भारत सरकार के सिंधी भाषा संयोजक रहे सरस्वती सम्मान से विभूषित स्व. वासुदेव मोही की दूसरी पुण्यतिथि पर उन्हें भोपाल में याद किया गया। स्व. मोही के चित्र पर पुष्प अर्पित कर आदरांजलि दी गई। अहमदाबाद (गुजरात) के निवासी मोही जी के बारे में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इनमें नारी लच्छवानी, कन्हैया शेवानी, राजेंद्र मनवाणी ,अशोक मनवाणी शामिल हैं। वक्ताओं ने बताया कि स्व. मोही ने साहित्य क्षेत्र में कदम रखने वाले युवाओं को उपयोगी मार्गदर्शन दिया। वे गद्य और पद्य की सभी विधाओं में लिखने वालों को उपयोगी टिप्स देते रहते थे। के के बिरला फाउंडेशन का प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान भी मोही साहब को मिला था जो प्रतिवर्ष भारतीय भाषाओं में से किसी एक भाषा के लेखक को प्राप्त होता है। रविवार की शाम सिंधु भवन, शिवाजी नगर में मोही साहब की स्मृति में सिंधी कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। श्रोताओं ने देर रात तक कवि सम्मेलन का आनंद लिया।
सिंधु भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेंद्र मनवानी ने कवियों का स्वागत किया। उन्होंने मोही साहब से जुड़े संस्मरण भी सुनाए।अशोक जमनानी,नर्मदापुरम ने कवि सम्मेलन का प्रभाव पूर्ण संचालन किया।अध्यक्षता साहित्य अकादमी पुरस्कृत वरिष्ठ लेखक श्री खीमन यू मूलाणी ने की।
प्रारंभ में ट्रस्ट की तरफ से जितेंद्र जादवानी, तुलसी नेनवानी, श्री श्याम कुमार चंदनानी के अलावा प्रो एस रावतानी,समाजसेवी श्री भगवान देव इसरानी,जगदीश सहिता, पत्रकार श्री शशि केसवानी आदि ने कवियों का स्वागत किया। कवि सम्मेलन में वरिष्ठ कवि भगवान बाबानी का कविता पाठ आधुनिक युग में लोक व्यवहार में आ रहे परिवर्तन को बयां करता था। कवि
ओपी टहलियानी “पखी” ने संवेदनाओं से भरपूर कविता सुनाई जिसमें मुस्कान का महत्व प्रतिपादित होता है।
हर्षा मूलचंदानी “सरिता” ने कविता की धीर गंभीर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कवि और गायक नारी लच्छवाणी, , कन्यो शेवानी ने भी रचनाओं से वाहवाही लूटी। हास्य कवि बल्लू चोइथानी,संत हिरदाराम नगर, महेश मूलचंदानी,नर्मदापुरम भी खूब जमे। वरिष्ठ कवि और गायक श्री नारी लच्छवाणी ने पावस रचना के रूप में बारिश के स्वागत वाली रचना सस्वर सुनाई। उन्होंने अपनी कविता “रिमझिम रिमझिम….” बेहद लुभावने अंदाज में पेश की। कन्हैया मोटवानी “मांदो”, मनोज सोनी पंजवानी, साध्वी द्रौपदी धनवानी और श्रीमती द्रौपदी चंदनानी ,अशोक मनवानी ने भी काव्य पाठ किया। इसी तरह मुरली बलवानी और अशोक जमनानी ने भी सशक्त कवितायें सुनाई। हरीश ज्ञानचंदानी ने न्यास की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाज बंधु ,साहित्य प्रेमी काफी तादाद में उपस्थित थे।