Salary Crisis in ‘Flexi Tough’ : वेतन नहीं मिला तो ‘फ्लेक्सी टफ’ के श्रमिक 13 किमी पैदल श्रम कार्यालय पहुंचे!

छुट्टी होने से श्रम कार्यालय पर लगा ताला देख मजदूर नाराज, अफसर भी कंपनी के पक्ष में! 

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Salary Crisis in ‘Flexi Tough’ : वेतन नहीं मिला तो ‘फ्लेक्सी टफ’ के श्रमिक 13 किमी पैदल श्रम कार्यालय पहुंचे!

धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की रिपोर्ट 

Pithampur (Dhar) : पीथमपुर के स्पेशल इकोनॉमिक जोन स्थित फ्लेक्सी टफ इंटरनेशनल कंपनी के सैकड़ों कर्मचारी आज विकास भवन स्थित श्रम कार्यालय पहुंचे। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी प्रबंधन ने दो साल से अधिक समय से उनका पीएफ जमा नहीं किया। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी ने इंसेंटिव भी नहीं दिया है।

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वेतन भुगतान भी समय पर नहीं होता। वर्तमान में दो महीने का वेतन बकाया है। कर्मचारियों के अनुसार वेतन या अन्य मुद्दों पर बात करने पर कंपनी के मैनेजर काम से निकालने की धमकी देते हैं। लेकिन, न तो एसडीएम ने उनकी बात सुनी और न नायब तहसीलदार ने मजदूरों का पक्ष लिया। वे कंपनी के पक्ष में बात करती नजर आई।

करीब 300 मजदूर सुबह 8 बजे कंपनी परिसर से 13 किलोमीटर पैदल चलकर न्याय के लिए श्रम एवं लेबर कार्यालय पहुंचे। लेकिन, कार्यालय में ताला लगा मिला जिससे श्रमिक आक्रोशित हुए और नारे बाजी करने लगे। अधिकारियों ने फोन पर चर्चा के दौरान शनिवार की छुट्टी होना बताया। मजदूर विकास भवन के प्रांगण में किसी अधिकारी से मिलने की आस में बैठे रहे। उन्होंने इस मामले की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी से भी की है। अधिकारी से मिलने की आस में मजदूर दोपहर कर कार्यालय के दर पर बैठे रहें।।

महिला कर्मचारी रीना ने कहा कि कंपनी लगातार उनका शोषण कर रही है। समय पर वेतन और पीएफ नहीं मिलने से उनका भविष्य खतरे में है। कंपनी में पांच साल से कार्यरत दिव्यांग मजदूर वाजिद खान ने बताया कि वेतन नहीं मिलने से मकान मालिक ने घर खाली करने की धमकी दी है। किराना दुकानदार भी उधार देने से मना कर रहे हैं।

नायब तहसीलदार ने कंपनी की पैरवी की 

श्रम कार्यालय बंद होने पर जब मजदूरों ने नायब तहसीलदार अनीता बराठे से बात की तो उन्होंने भी मजदूरों को छुट्टी के दिन आने पर हड़काया और दो दिन का समय मांगा। बाद में मीडिया से बात करते हुए नायब तहसीलदार ने फ्लेक्सी टफ कंपनी का पक्ष लिया और कहा कि मैंने मैनेजमेंट और मजदूरों की आपस में बात करवाई है। दो दिन में वे लोग भी मामले को देखकर मजदूरों की समस्या हल करेंगे।