सेल्यूट राजाराम… कर्त्तव्यपरायणता की मिसाल पेश कर गए…

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सेल्यूट राजाराम... कर्त्तव्यपरायणता की मिसाल पेश कर गए...

सेल्यूट राजाराम… कर्त्तव्यपरायणता की मिसाल पेश कर गए…

अक्सर यह कहा जाता है कि पुलिस कभी मौके पर नहीं पहुंचती है और घटना होने के बाद ही पुलिस का पता लगता है। पर राजाराम जैसे पुलिस अफसर इस छवि को झूठ साबित कर कर्त्तव्यपरायणता की मिसाल पेश कर देते हैं। घटना के बाद यह कहना और सलाह देना आसान है कि टीआई साहब को नदी में नहीं कूदना था। गोताखोर आकर शव को नदी से निकालने का काम करते रहते। और यह भी कहा जा सकता है कि टीआई का काम नदी में कूदना थोड़े ही है। पर जाबांज और कर्तव्य की बलिवेदी पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने का जज्बा मन में लिए राजाराम जैसे अफसरों की सोच तो भावनाओं से भरी रहती है। उनके लिए जिंदगी गौण और कर्तव्य ही सर्वस्व रहता है। हालांकि राजाराम के असामयिक निधन से पूरे प्रदेश को गमगीन कर दिया है। पर राजाराम की शहादत कर्त्तव्यपरायणता का अनूठा उदाहरण पेश कर गई है। ऐसे जुनूनी अफसर बिरले ही होते हैं। मुरैना में हुई आईपीएस नरेंद्र कुमार की शहादत आज भी लोगों की जुबां पर है। और इस सूची में कई जाबांज अफसरों और पुलिसकर्मियों का नाम दर्ज होगा। ऐसे अफसर हमेशा ही सेल्यूट का सम्मान पाने के हकदार हैं। देवास जिले के नेमावर में पदस्थ राजाराम वास्कले के शव को कृषि मंत्री कमल पटेल ने सेल्यूट कर जनभावनाओं का आदर ही किया है।
16 07 2023 rajaram nemawar ti death
देवास जिले के नेमावर थाने में पदस्थ टीआई राजाराम वास्कले की 16 जुलाई 2023 को नदी में डूबने से अकस्मात मौत हो गई है। नेमावर के समीप कुंडगांव में जामनेर नदी पर स्टापडेम बना है। यहां अज्ञात शव की सूचना मिली थी। इस पर टीआइ वास्कले मौके पर पहुंचे। उन्होंने डैम में शव देखा था। इसलिए गोताखोर दल आता, इससे पूर्व ही टीआइ स्वयं नदी में कूद गए। टीआई इसी दौरान भंवर में फंस गए। गोताखोरों की मदद से उन्हें निकाला गया और जिला अस्पताल हरदा ले गए। जहां उपचार के दौरान मौत हो गई। जिस जगह शव पड़ा था, वहां नदी का पाट चौड़ा था और भंवर बना हुआ था। इसी भंवर में वे फंस गए। गोताखोरों की मदद से उन्हें निकाला गया और इलाज के लिए ले गए थे। ड्यूटी पर तैनात टीआई राजाराम ने अपनी कर्तव्य परायण सेवा का परिचय देते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। टीआई राजाराम को कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल  ने शासकीय अस्पताल हरदा में पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की और सेल्यूट किया।मंत्री पटेल ने कहा कि हमने कर्तव्यपरायण अधिकारी खो दिया है। सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है। उनके चरणों में प्रणाम करते हैं। दरअसल राजाराम वास्‍कले गोताखोर दल के आने से पहले ही एक शव को निकालने के लिए पानी में कूद गए थे। देवास जिले के नेमावर थाने में पदस्थ थाना प्रभारी राजाराम वास्कले अच्‍छे तैराक थे। अच्छा तैराक होने के चलते ही उन्होंने बिना देर किए कर्म पथ पर आगे बढ़ने का त्वरित निर्णय लिया। 40 वर्षीय वास्कले मूल रूप से बड़वानी जिले के निवासी थे। पिछले दो साल से नेमावर थाने में पदस्थ थे। परिवार में पत्नी और छोटा बेटा है। करीब एक माह पहले ही बेटी का जन्म भी हुआ है। वास्कले उज्जैन सायबर क्राइम में भी पदस्थ रह चुके थे। अपनी कार्यशैली के कारण उनकी विशिष्ट पहचान थी।
जिस तरह सीमा पर खड़ा सिपाही अपना कर्तव्य निर्वहन करने में पल भर की देर नहीं करता। ठीक उसी तरह टीआई राजाराम ने कर्तव्य निर्वहन में पल भर की देर नहीं की। तैराक थे, तो तैराकी के हुनर को कर्त्तव्यपरायणता में समर्पित कर दिया। राजाराम आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी शहादत उन्हें हमेशा जिंदा रखेगी। सेल्यूट राजाराम…आप कर्त्तव्यपरायणता की मिसाल पेश करके गए हैं। हर महकमे को आप जैसे अफसरों की जरूरत है। दु:ख है कि मध्यप्रदेश ने राजाराम जैसा कर्त्तव्यपरायण अफसर इतनी जल्दी खो दिया, लेकिन प्रदेश को आपकी कर्त्तव्यपरायणता पर गर्व है और हमेशा गर्व रहेगा…।