
Samadhan Online: अफसरों को CM की दो-टूक चेतावनी- अब कोई नागरिक दफ्तरी जाल में न फंसे, प्रभारी प्राचार्य निलंबित, 4 अधिकारियों को नोटिस, 8 जिलों के कलेक्टरों और 5 विभागों की सराहना
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनता के अधिकार और सरकारी जिम्मेदारी का नया मानक तय कर दिया है। समाधान ऑनलाइन की बैठक में उन्होंने अफसरों को दो-टूक चेतावनी दी- “अब कोई नागरिक अपनी समस्या लेकर दफ्तरी जाल में न फंसे, हर फाइल, हर शिकायत का त्वरित समाधान अनिवार्य है।” मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि देरी, टाल-मटोल या लापरवाही करने वाले अधिकारियों और संस्थानों पर अब सीधी, कड़ी कार्यवाही होगी। सुशासन की असली पहचान संवेदनशीलता और फुर्तीले एक्शन में है- अब जनता को हर हाल में जवाबदेही और राहत मिलकर रहेगी।
*प्रमुख कार्रवाइयां और त्वरित समाधान*
इस समाधान ऑनलाइन में आम जन की शिकायतों पर सीएम ने संवेदनशीलता और त्वरितता दोनों का उदाहरण पेश किया-
– विदिशा के छात्रवृत्ति के मामले में *प्रभारी प्राचार्य निलंबित* और 4 अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी।
– शाजापुर में प्रेमसिंह जादौन को बीमा कंपनी की देरी पर *मुआवजा मिला*, कंपनी पर अर्थदंड।
– उज्जैन के पीयुष काबरा को स्वरोजगार योजना की सब्सिडी, सिवनी के कुंदन गिरी को दुग्ध भुगतान तुरंत दिलवाया।
– जबलपुर के डॉ. शरद शर्मा को डिग्री न मिलने की शिकायत पर *मेडिकल यूनिवर्सिटी में तत्काल दीक्षांत आयोजित करने के निर्देश*।
– नरसिंहपुर के दाल मिल संचालक, शिवपुरी व विदिशा के छात्र, अनूपपुर की पेंशन, सागर की गुमशुदा बच्ची—तकनीकी और मानवीय तरीकों से हर शिकायत का समाधान कराया गया।
– प्रधानमंत्री आवास और आर्थिक कल्याण योजना में लंबित भुगतान, हरदा अनुदान और रीवा की जलापूर्ति जैसी समस्याओं पर भी जिम्मेदार अफसरों को नोटिस।
*8 जिला कलेक्टर की सराहना*
सीएम ने त्वरित समाधान देने वाले गुना, सिंगरौली, रायसेन, कटनी, सीहोर, शाजापुर, अलीराजपुर और अनूपपुर जिलों के साथ ऊर्जा, नगरीय विकास, खाद्य, पंचायत, गृह विभाग की तारीफ की। पुलिस उप निरीक्षक के.के. दुबे, एसडीओपी महेंद्र शर्मा और सहायक यंत्री सचिन साहू को 100% समाधान पर बधाई दी गई।
*सीएम का स्पष्ट संदेश*
संवेदनशील, जिम्मेदार प्रशासन सुशासन की असली पहचान है- समस्या हो तो समाधान तुरन्त हो। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि जनता की शिकायतें हेल्पलाइन तक पहुंचे, उससे पहले ही स्थानीय स्तर पर निपट जाएं, यही प्रशासन की असली कसौटी है। लापरवाही या बहानेबाजी कतई बर्दाश्त नहीं होगी, दोषी पर फौरन कार्रवाई होगी।
सीएम डॉ. मोहन यादव की सख्त मॉनिटरिंग और जवाबदेही की नीति प्रशासनिक तंत्र को नया आयाम दे रही है। अब सिस्टम खुद पर दबाव महसूस कर रहा है कि हर नागरिक की बात प्राथमिकता में हो, समाधान में देरी की कोई जगह न रहे। “अब आमजन को यह भरोसा, कि फाइल या दफ्तर में फंसी उनकी शिकायत भी मुख्यमंत्री तक पहुंचेगी, और तुरंत हल होगी।”
यही जन-विश्वास, सुशासन और लोकतांत्रिक जवाबदेही की सबसे बड़ी ताकत है।





