Sambal Yojana : संबल योजना के लंबित मामलों का निराकरण, हितग्राहियों को 28 मार्च को मिलेंगे ₹505 करोड़!

अप्रैल 2018 से प्रारंभ हुई इस योजना में अभी तक 6 लाख 58 हजार से अधिक लाभान्वित!  

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Sambal Yojana : संबल योजना के लंबित मामलों का निराकरण, हितग्राहियों को 28 मार्च को मिलेंगे ₹505 करोड़!

मीडियावाला’ के स्टेट हेड विक्रम सेन की रिपोर्ट

Bhopal : प्रदेश की ‘संबल योजना’ में प्रभावित श्रमिक को जन्म से लेकर मृत्यु तक आर्थिक सहायता मिलती है। वास्तविक अर्थों में यह श्रमिकों का संबल है। यह योजना देश के सभी राज्यों के लिए अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस योजना में अनुग्रह सहायता के तौर पर 23162 श्रमिक परिवारों को ₹505 करोड़ सिंगल क्लिक से हितग्राहियों के खातों में अंतरित करेंगे। गत कुछ महीनों से हितग्राही इस अनुग्रह राशि का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। 28 मार्च शुक्रवार को उनके खातों में इस योजना की सहायता राशि जमा होगी।

इससे पहले दिसम्बर 2024 में संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के 10236 प्रकरणों में श्रमिकों के परिवारों को सहायता राशि ₹225 करोड़ भेजे गए थे। राज्य सरकार ने यह योजना 1 अप्रैल 2018 से प्रारंभ की थी। अभी तक 1 करोड़ 74 लाख श्रमिकों का संबल योजना के अंतर्गत पंजीयन किया गया है। श्रमिकों के पंजीयन की प्रक्रिया जारी है। जानकारी अनुसार श्रम विभाग योजनांतर्गत वर्तमान तक 6 लाख 58 हजार से अधिक प्रकरणों में ₹5927 करोड़ से अधिक के हितलाभ दिए जा चुके है।

 

संबल योजना को बेहतर से जाने

मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत करोड़ों श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण योजना है। योजना में अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत दुघर्टना में मृत्यु होने पर ₹4 लाख एवं सामान्य मृत्यु होने पर ₹2 लाख प्रदान किए जाते हैं। स्थायी अपंगता पर ₹2 लाख एवं आंशिक स्थायी अपंगता पर ₹1 लाख तथा अंत्येष्टि सहायता के रूप में ₹5 हजार प्रदान किए जाते हैं।

सभी संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत निरामयम योजना में पात्र श्रेणी में चिन्हित किया गया है। अब उन्हें भी ₹5 लाख वार्षिक निःशुल्क चिकित्सा सहायता प्रदान भी दी जा रही है। संबल योजना में महिला श्रमिकों को प्रसूति सहायता के रूप में ₹16 हजार दिए जाते हैं। साथ ही श्रमिकों के बच्चों को महाविद्यालय शिक्षा प्रोत्साहन योजना में उच्च शिक्षा के लिए सम्पूर्ण शिक्षण शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

नीति आयोग की पहल पर प्रदेश के गिग एवं प्लेटफार्म वर्कर्स को भी संबल योजना के अंतर्गत सम्मिलित किया जाकर इनका पंजीयन प्रारम्भ किया गया है। इन्हें भी संबल योजना के अंतर्गत समस्त लाभ प्रदान किये जा रहे हैं। संबल हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी प्राप्त होती है। इससे वे केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा रियायती दरों पर राशन प्राप्त कर रहे हैं। निश्चित रूप से यह योजना गरीबों के लिए मददगार हैं, लेकिन इसमें भी बिचौलियों ने अपने हिस्से का फायदा ढूंढ लिया है। सरकार को चाहिए कि इन बिचौलियों की पहचान करके उन पर लगाम लगाई जाए!