Sand Traders on Strike : अवैध खनिज नाकों के खिलाफ रेत कारोबारी हड़ताल पर
Indore : खनिज विभाग के अवैध रेत नाकों के खिलाफ रेत व्यापार से जुड़े कारोबारी सात दिन से हड़ताल कर रहे हैं। इससे मोटर मालिक, मजदूर वर्ग, ड्राईवर-क्लीनर एवं आम जनता कंस्ट्रक्शन रुकने से परेशान है। मगर सरकार इनका दर्द नहीं समझ रही। लेकिन, अभी तक प्रशासन ने इनकी समस्या का हल नहीं निकाला।
रेत कारोबारियों ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि यह लड़ाई निजी स्वार्थ की नहीं, बल्कि आम जनता को सस्ती रेत मुहिया कराने की कोशिश पर खनिज विभाग की जबरदस्ती की है। अवैध नाकों का संचालन कर हमसे अवैध वसूली की जा रही है। हमारे ड्राइवरों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की जाती है। यह आए दिन का काम है, इसे सरकार बंद कराए। आज जो बालू रेती का रेट 40 रुपए होना चाहिए, वो 60 रुपए के ऊपर है। इस कारण जुलाई, अगस्त और सितम्बर के बाद जब अक्टूबर माह में एनजीटी की रोक हटी, तो सभी खदानों के रेट नियमित रूप से लगभग रायल्टी के रेट आधे हो जाते है। इस साल ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसके चलते महंगी रेत बिक रही है। आज इंदौर का हर बड़ा कंस्ट्रक्शन का कार्य 100% एम सैंड से हो रहा है। जबकि, सरकारी नियम के अनुसार इसमे 30% एम सेंड और 70% रिवर सैंड से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे चलकर किसी भी तरह की जनहानि होती है, तो क्या जवाबदारी सरकार की रहेगी। सभी कंस्ट्रक्शन कार्य रुकने पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा। रेत कारोबारियों ने अनुरोध किया कि जल्द से जल्द हमारी मांगे जो कि खदानों से रेट कम करने की है, उसे माना जाए और हमे सुचारू रूप से कारोबार करने दिया जाए।
खनिज विभाग की कार्रवाई
जब रेत की गाडी सरकारी रॉयल्टी चुकाकर खनिज नाके पार कर आती है, तो इन गाडियों की बिना रॉयल्टी का चालान कर रही है। पर्यावरण नियम के उल्लंघन के तहत दंड कर रही है, जो कि सही नहीं है। इंदौर में आने के बाद गाड़िया करीब 24 घंटे से ज्यादा मंडी रहती है, जिसके चलते रॉयल्टी ख़त्म हो जाती है। लेकिन, खनिज विभाग की टीम बिना रॉयल्टी करार देकर दंड कर देती है। पर्यावरण प्रदूषण के नाम पर गाड़ी मालिकों पर होने वाला ये दंड बंद किया जाए। यह खदान के ठेकेदारों पर किया जाना चाहिए, क्योंकि पर्यावरण प्रदूषण ट्रांसपोर्टर नहीं करता खदान मालिक करता है।
रेती मंडी के लिए जगह दें
इंदौर में करीब 500 से 600 रेती के ट्रक आते हैं। हम करीब 10 साल से रेती मंडी के लिए जगह का आवेदन दे रहे हैं, पर अभी तक कोई जगह नहीं मिल सकी। जिसके चलते हमें ये गाड़ियां रोड पर लगाने को मजबूर होना पड़ता है। इससे ट्रैफिक व्यवस्था बाधित होती है, हमे जल्द से जल्द रेती मंडी के लिए जगह दिलाई जाए।