Sangrur By-Election : ‘आप’ की उम्मीदें ख़ाक, बूढ़े उग्र नेता ने युवा को दे दी मात, कर दिया चित! 

कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी है कुछ नजदीकी रिश्ता 

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Sangrur (Punjab) पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर रविवार को हुए उपचुनाव में 77 साल के एक पूर्व पुलिस अफसर सिमरनजीत सिंह मान ने ‘आम आदमी पार्टी’ (AAP)  के युवा उम्मीदवार गुरमेल सिंह को शिकस्त दी। मान शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रधान हैं और काफी गरम मिजाज के माने जाते हैं। ये सीट पंजाब के CM बनने के बाद भगवंत मान ने खाली की थी! समझा जा रहा था कि यहां से AAP आसानी से जीत जाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ।
1994 में अकाल तख्त के तत्कालीन जत्थेदार मंजीत सिंह के कहने पर सिमरनजीत सिंह मान ने ‘अकाली दल अमृतसर’ का गठन किया था। तब से वे पार्टी के प्रधान हैं। 1999 में भी उन्होंने संगरूर से लोकसभा चुनाव जीता था। 2014 में वे खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे, पर उनकी जमानत जब्त हो गई थी।   मान का जन्म 1945 में अविभाजित पंजाब के शिमला में हुआ था। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल जोगिंदर सिंह मान 1967 में पंजाब विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। उनकी पत्नी गीतिंदर कौर मान हैं। उनकी पत्नी और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर बहनें हैं। मान पूर्व पुलिस अफसर रह चुके हैं।
1984 में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के विरोध में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे पांच साल जेल में भी रहे। 1989 में सबसे पहले तरनतारन से लोकसभा चुनाव जीता था। उस समय उनकी जीत देश में सबसे बड़ी जीत थी। उस समय तरनतारन को खालिस्तानियों का गढ़ माना जाता था।
उपचुनाव के लिए पर्चा भरते समय मान ने कहा था कि वे अपनी पार्टी की विचारधारा के तहत लोगों की आवाज संसद में उठाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन, कुछ लोग नहीं चाहते कि वे चुनाव लड़ें। उपचुनाव में प्रकाश सिंह बादल दल से सहमति के बारे में उन्होंने कहा था कि शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष और SGPC अध्यक्ष व अन्य पदों से इस्तीफा देकर पंथक मुद्दों व बंदी सिंहों की रिहाई के लिए गंभीरता से विचार करें तो वह इस बारे में सोच सकते हैं।