Sarla Mishra Suicide Case : सरला मिश्रा आत्महत्या मामला 28 साल बाद भाई ने फिर खुलवाया!

506

Sarla Mishra Suicide Case : सरला मिश्रा आत्महत्या मामला 28 साल बाद भाई ने फिर खुलवाया!

जानिए, क्या था मध्यप्रदेश के राजनीतिक इतिहास का वो चर्चित मामला!

Bhopal कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की मौत का मामला 28 साल बाद फिर जांच के घेरे में है। 2000 में पुलिस ने इस केस को बंद कर दिया था। पुलिस जांच में सरला मिश्रा की मौत को आत्महत्या बताया था। मध्य प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में सबसे चर्चित मामलों में से एक माना जाता है। अब 28 साल बाद सरला मिश्रा की मौत की फाइल फिर खुलने की हलचल है।

1997 में भोपाल के सरकारी आवास में जलने से उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में सरला मिश्रा के भाई ने एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भोपाल कोर्ट के आदेश के बाद सरला मिश्रा की मौत का मामला फिर से खुलने जा रहा है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के इस कानूनी मामले में फंसने का अंदेशा लगाया जा रहा है। क्योंकि, 28 साल पुराने कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा मौत मामले की फाइल फिर खुलेगी। वर्ष 2000 में पुलिस ने इस केस को बंद कर दिया था। लेकिन, अब भोपाल की जिला अदालत ने इसे दोबारा जांचने के आदेश दिए। इस केस में सरला मिश्रा के भाई ने दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके चलते यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया।

तब पुलिस इसे सुसाइड बताया

2000 में पुलिस ने इस मामले को खत्म कर दिया था। पुलिस जांच में सरला मिश्रा की मौत को आत्महत्या बताया था। लेकिन, अब कोर्ट ने माना है कि पुलिस जांच सही तरीके से नहीं की। इसलिए पुलिस को दोबारा जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया। भोपाल के टीटी नगर थाने ने इस मामले की जांच की थी।

राजनीतिक रंजिश में हत्या को आत्महत्या बताया

सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने अदालत में याचिका दाखिल करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके भाई लक्ष्मण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि राजनीतिक रंजिश के चलते उनकी बहन की हत्या को आत्महत्या का रूप दे दिया गया। केस के दोबारा खुलने के बाद अनुराग मिश्रा ने कहा कि अब उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।

ये था प्रदेश का वो चर्चित मामला

तब सबसे चर्चित मामला सरला मिश्रा की मौत का रहा। 1997 में सरला मिश्रा की भोपाल स्थित उनके सरकारी आवास में जलकर मौत हो गई थी। उन्हें इलाज के लिए पहले हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन, उनकी हालत इतनी खराब थी कि उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां 19 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी। उस समय इस मामले ने राज्य की राजनीति में हलचल मची थी। पुलिस ने 27 मार्च 2000 को एक क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें सरला के कथित बयान के आधार पर इसे आत्महत्या करार दिया गया था। अब इस मामले की फाइल फिर खुलने से क्या नया होता है, ये पुलिस की तफ्तीश से सामने आएगा।