पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब महिलाओं के अधिकारों को लेकर अपनी छवि को बदलने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले उसने महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस और मतदान करने का अधिकार दिया था।सऊदी अरब ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए हज पर जाने वाली महिलाओं को पुरुष गार्जियन के बिना तीर्थयात्रा करने की अनुमति दे दी है। सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री तौफीक बिन फवजान अल रबियाह ने इस ऐतिहासिक फैसले की घोषणा की है।
रबियाह कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों के लिए उमराह वीजा के लिए कोई कोटा या सीलिंग नहीं है। किसी भी वीजा के साथ राज्य में आने वाले मुसलमानों को उमराह करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मक्का में मस्जिद के विस्तार की लागत पहले ही लगभग 200 बिलियन सऊदी रियाल (53 बिलियन डॉलर) से अधिक हो गई है। उन्होंने इसे इतिहास में अभ तक का सबसे बड़ा और सबसे खर्चिला विस्तार बताया है।
हज यात्रा की लागत कम करने में जुटा है सऊदी अरब
मंत्री ने कहा कि मंत्रालय हज करने की लागत को कम करने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि इसे सभी के लिए संभव बनाया जा सके। सरकार के फैसले पर हज मंत्री के पूर्व सलाहकार लेखक फतेन इब्राहिम हुसैन ने कहा कि सऊदी अरब अपने 2030 के लक्ष्य को पाने के लिए सुविधाएं प्रदान करा रहा है।
महिलाओं को देश में कोई खतरा नहीं
अरब न्यूज ने हज करने को लेकर फतेन के हवाले से कहा है कि देश में परिवहन के सभी साधनों और सुविधानों के साथ-साथ सुरक्षा भी तगड़ी की गई है। जिसके बाद से आगंतुकों के लिए यहां आना आसान हो गया है। ऐसी कई महिलाएं हैं जो बिना महरम (गार्जियन) के काम करने के लिए सऊदी अरब आती हैं, यहां ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। महिलाओं को बिना महरम से आने के बाद कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसके पीछे कोई कारण अब मौजूद नहीं है