SC Notice to Patanjali : इलाज के भ्रामक विज्ञापनों पर पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, जवाब मांगा!

सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी कि पतंजलि को पहले भी चेताया, फिर वही गलती!

358

SC Notice to Patanjali : इलाज के भ्रामक विज्ञापनों पर पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, जवाब मांगा!

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने बीमारियों के इलाज पर भ्रामक विज्ञापनों को लेकर ‘पतंजलि’ और उसके संचालक बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। उन्होंने पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए! विज्ञापनों में छपे फोटो के आधार पर नोटिस जारी किया। कोर्ट ने चेतावनी दी कि प्रिंट या अन्य मीडिया में किसी भी रूप में किसी भी चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ बयान न दें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है।
कोर्ट ने कहा कि उन्होंने प्रथम दृष्टया 21 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट को दिए गए वादे का उल्लंघन किया। पतंजलि ब्लड प्रेशर, मधुमेह, गठिया, अस्थमा, मोटापे को पूरा खत्म का दावा कैसे कर सकती है? ये ड्रग्स एंड मैजिक रैमिडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम का पूरी तरह उल्लंघन है। एलोपैथी को इस तरह जनता की नजरों में गिराया या बदनाम नहीं किया जा सकता। एलोपैथी जैसी चिकित्सा या किसी अन्य विधि की आलोचना नहीं कर सकते।

IMG 20240228 WA0042

एक गुमनाम चिट्ठी के बाद पतंजलि पर नजर
एक गुमनाम चिट्ठी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को घेरा है। कोर्ट ने अपने आदेश में खुलासा किया कि 15 जनवरी 2024 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के एक जज और दो अन्य सुप्रीम कोर्ट जजों को एक गुमनाम चिट्ठी मिली थी। इसमें बताया गया था कि 21 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को ऐसे भ्रामक विज्ञापन देने से रोका था। लेकिन, इसके बावजूद ऐसे विज्ञापन जारी किए गए। चिट्ठी के साथ विज्ञापन की कॉपी भी लगाई गई।

कोरी पहले भी आपत्ति जता चुका
29 नवंबर 2023 को पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों पर आपत्ति जताने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई थी। पतंजलि और बाबा रामदेव के बयानों और विज्ञापनों में एलोपैथी और उसकी दवाओं व टीकाकरण के विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की पीठ ने पतंजलि द्वारा एलोपैथ को लेकर भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि को फटकार लगाई थी।